खत्म हो चुका है जेलेंस्की का कार्यकाल-Zelensky political news
राष्ट्रपति जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हो चुका है
रूस-ukraine
में दो साल से जंग जारी है
अस्थिरता के हालात में ukraine में कैसे होंगे चुनाव?-Zelensky political news
मार्शल लॉ के मुताबिक जेलेंस्की रह सकते हैं राष्ट्रपति
ukraine की जनका के बीच घट रहा जेलेंस्की का कद
ukraine और रूस के बीच साल 2022 की शुरुआत से जंग छिड़ी हुई है.. मॉस्को का दावा है कि उसने ukraine के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया. यहां तक कि पिछले दिनों हुए रूसी राष्ट्रपति चुनावों में यहां भी वोटिंग हुई थी. अब एक नई बहस छिड़ गई है. दरअसल कुछ रोज पहले ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हुआ, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया… नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS… आपको यूक्रेन की तस्वीर समझाएंगे.. कि वहां के हालात कैसे हैं…दरअसल सीमाओं को लेकर रूस और ukraine के बीच लड़ाई दिनों दिन गंभीर होती जा रही है. हाल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ukraine सीमा के पास टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्याभ्यास का आदेश दिया.-Zelensky political news
माना जा रहा है कि ये मिलिट्री ड्रिल एक तरह की चेतावनी है कि अगर यूरोप या अमेरिका दोनों के बीच आएंगे तो अंजाम खतरनाक होगा. रूस और ukraine की लड़ाई शुरू होने के बीच लगातार न्यूक्लियर युद्ध की आशंका भी जोर पकड़ रही है..लड़ाई के बीच रूस में पहले से तयशुदा काम भी हो रहे हैं. जैसे चुनाव.
रूस में कुछ समय पहले राष्ट्रपति पद के लिए विवादित चुनाव हुए. विवादित इसलिए कि पुतिन पहले ही इसके लिए चुने हुए बताए जा रहे थे. अब ukraine में भी इलेक्शन का समय आ चुका, लेकिन वहां के प्रेसिडेंट जेलेंस्की टर्म खत्म होने के बाद भी न तो इलेक्शन के लिए राजी हैं, न ही पद छोड़ रहे हैं. .. असल में ukraine में भारी कैजुएलिटी हो चुकी. यहां तक कि रिपोर्ट्स वहां संसाधनों की कमी का भी इशारा दे रही हैं. यूक्रेन से भारी संख्या में दूसरे देशों की तरफ पलायन लगातार चलता रहा. ऐसे में चुनाव कराना बड़ा काम है, खासकर जब सीमाओं पर भारी अस्थिरता हो. यह सब देखते हुए जेलेंस्की सरकार इलेक्शन करवाने से बच रही है.-Zelensky political news
ukraine में राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को लेकर आपको बताते हैं.. 20 मई 2019 को जेलेंस्की ने कीव में ukraine के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. लगभग 73% वोट्स के साथ जीतकर आने पर जेलेंस्की ने कहा था कि हममें से हरेक प्रेसिडेंट है. ये भाषण काफी पसंद किया गया. पांच सालों बाद यानी इसी मई में उनका आधिकारिक टर्म खत्म हो चुका. इसके बाद भी फिलहाल वही राष्ट्रपति हैं. हालांकि विपक्ष चाहता है कि चुनाव हों क्योंकि लड़ाई का कोई भरोसा नहीं, वो कितनी लंबी खिंच जाए…
अब ukraine में चुनाव को लेकर रूस क्या कहता है ये भी आपको बताते हैं.. कुछ समय पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कीव के हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ukraine के लीगल सिस्टम को जेलेंस्की के पद पर बने रहने की वैधता को देखना चाहिए. हालांकि साथ में उन्होंने ये भी जोड़ा कि वे सिर्फ इसलिए ये कह रहे हैं क्योंकि दोनों देशों में जंग है. ऐसे में अगर आगे चलकर दूसरे देश के लीडर के साथ कोई डील साइन करनी हो, तो वो नेता किसे माना जाएगा… वहीं सत्ता में अपने बने रहने का तर्क खुद जेलेंस्की ने दिया था. उन्होंने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि मार्शल लॉ की वजह से उन्हें पद पर रहना होगा.
ये मार्शल लॉ खुद उन्होंने ही लागू किया. बता दें कि अगर ये लॉ न होता तो ukraine में मार्च 2024 में चुनाव हो चुके होते, और 20 मई को नया राष्ट्रपति शपथ लेता. ..मार्शल लॉ एक्ट वो कानून है, जो युद्ध या गंभीर हालातों में लगता है, जब देश में भयानक अस्थिरता या दूसरे देशों की वजह से खतरा हो. मार्शल लॉ के दौरान प्रेसिडेंशियल, पार्लियामेंट्री या लोकल चुनाव भी नहीं हो सकते… अब ukraine का संविधान राष्ट्रपति को लेकर क्या कहता है ये आपको बताते हैं..
इसमें थोड़ा विरोधाभास दिखता है. धारा 103 के अनुसार, देश का राष्ट्रपति पांच सालों के लिए चुना जाएगा. वहीं अनुच्छेद 108 में लिखा है कि प्रेसिडेंट तब तक सत्ता में रहता है, जब तक कि नया दावेदार नियुक्त न हो जाए… आपको बता दें कि जेलेंस्की की लोकप्रिया भी अब घटती जा रही है.. कीव में राष्ट्रपति को लेकर कशमकश बनी हुई है. इसे लेकर साफ होने के लिए कीव इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी ने एक पोल कराया. इसके अनुसार, 69 प्रतिशत ukraine जनता चाहती है कि मार्शल लॉ के खत्म होने तक जेलेंस्की राष्ट्रपति रहें, जबकि 15 प्रतिशत नया चुनाव चाहते हैं.
वहीं 10 प्रतिशत लोग वे हैं, जो मौजूदा पार्लियामेंट्री स्पीकर को राष्ट्रपति के पद पर चाहते हैं. लगभग 53 फीसदी जनता चाहती है कि जेलेंस्की दूसरे टर्म के लिए भी दावेदारी करें, लेकिन ये प्रतिशत दिनोंदिन कम हो रहा है…वहीं ukraine में मौजूदा राष्ट्रपति से असंतुष्ट लोगों का कहना है कि युद्ध खिंचता ही रहेगा, अगर नया राष्ट्रपति न चुना जाए. यहां बता दें कि जेलेंस्की ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि जब तक रूस के कब्जे में आई सारी जमीन ukraine वापस नहीं पा लेता, लड़ाई चलती रहेगी. यानी जब तक लड़ाई होगी, मार्शल लॉ भी लगा रहेगा और पद पर नए चेहरे के आने की संभावना भी बहुत कम रहेगी…चुनाव को लेकर एक असमंजस ये भी है कि रूस ने तो यूक्रेन के कई इलाकों पर कंट्रोल पा लिया, यहां तक कि वहां रूसी चुनाव हो चुके. ऐसे में कीव अगर इलेक्शन का एलान करे तो क्या वो हारे हुए इलाकों में भी वोटिंग करवाएगा, या चुप रह जाएगा.
ये भी एक वजह हो सकती है कि मौजूदा सरकार इलेक्शन टाल रही हो क्योंकि ऐसे में सीधे उसकी हार दिखेगी, जिसका असर नए चुनाव पर होगा. आपको बता दें कि जंग की वजह से ukraine में भारी तबाही हुई… कई इलाके पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं..दो सालों से लंबे खिंच चुके युद्ध के बीच ukraine में भारी तबाही मची है. इंटरनेशनल रेस्क्यू फाउंडेशन के अनुसार, 10 मिलियन से ज्यादा ukraine घर छोड़ने पर मजबूर हो गए. मिसाइल स्ट्राइक की वजह से घर, स्कूल, अस्पताल तबाह हो चुके.
ukraine के बेहद ठंडे इलाकों में बिजली की कमी से सर्दियां जानलेवा साबित हो रही हैं. आबादी का एक तिहाई हिस्सा मेंटल हेल्थ इश्यूज से जूझ रहा है, जैसे अवसाद और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर.यानि हालाक बद से बदतर होते जा रहे हैं.. ऐसे में ukraine में चुनाव कराना संभव नहीं.. इसी तरह की सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..
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