योगी की पुलिस उत्तर प्रदेश से माफियाओं, दंगाइयों और गैंगस्टरर्स का कर रही है सफाया

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yogi - mafia is eliminating

उत्तर प्रदेश में जब से Yogi Adityanath का राज है तब से मौत के डर से माफियाओं को रात को नींद नहीं आती…दिन में उन्हें तारे नज़र आते हैं क्योंकि उनपर योगी की टेढ़ी नजर है…उन्हें पता है कि गलती करने वालों को बाबा बख्शते नहीं…बुलडोजर से प्रहार करते हैं…उनकी पुलिस एनकाउंटर वाला वार करती है…जिससे बचना बदमाशों के लिए नामुमकिन हैं…माफिया मुख्तार के साथ ही कुछ ऐसा ही हुआ…-yogi – mafia is eliminating

मुख्तार अंसारी 2005 से यानि पिछले 18 सालों से जेल में था और 66 मामलों का सामना कर रहा था लेकिन किसी एक भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया था…2017 के बाद से उसे 8 केस में दोषी ठहराया गया है…पिछले साल मई में 32 साल पुराने कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या के मामले में अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई…इससे अदालती कार्यवाही में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने या पेशी के लिए समय नहीं मिलने जैसे उनके बहाने और रणनीति पर रोक लग गई…-yogi – mafia is eliminating

कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या में 32 साल बाद दोषी ठहराया गया

1997 के एक और मामले में 24 साल बाद 2021 में आरोप तय किए गए 

1999 के एक मामले में साल 2022 में 23 साल बाद आरोप तय किए गए

2000 में लखनऊ में दर्ज एक मामले में 21 साल बाद 2021 में आरोप तय 

साल 2017 से पहले मुख्तार अंसारी का पुलिस के साथ-साथ न्याय व्यवस्था पर भी असर दिखता था लेकिन योगीराज में ये संभव ना हो सका…बाबा ने जो वादा किया था उसे पूरा किया…हर अपराधी को बराबर सजा दिलवाई…इससे पहले मुख्तार अंसारी के एक प्रमुख गैंगस्टर और शूटर मुन्ना बजरंगी की भी 2018 में बागपत जेल के अंदर हत्या कर दी गई थी…जिसकी वजह थी गैंगवार…-yogi – mafia is eliminating

मुख्तार के साथ-साथ योगी की पुलिस का अतीक अहमद और उसके काले साम्राज्य पर शिकंजा कड़ा कर दिया था…2017 के बाद से अतीक के खिलाफ भी पुलिस एक्शन काफी तेज हो गया था…जिसके बाद खुद अतीक अहमद ने कहा था कि हम तो मिट्टी में मिल गए’

‘हम तो मिट्टी में मिल गए’…ये अतीक अहमद के वो शब्द थे जो उन्होंने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने बेटे असद की मौत के बाद बोले थे…इतना ही नहीं अतीक अहमद की 1,400 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया और लगभग 50 शेल कंपनियों को इस आरोप में सील कर दिया कि अतीक ने उनका इस्तेमाल जबरन वसूली से कमाए काले धन को सफेद पैसे में बदलने के लिए किया था…

2017 से पहले अतीक अपने खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मामले लंबित होने के बावजूद हमेशा जमानत पाने और खुलआम घूमने में कामयाब रहा था…पहला मामला 1979 में दर्ज किया गया था लेकिन यूपी में कोई भी सरकार उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहरा सकी क्योंकि या तो गवाह मुकर गए या गायब हो गए…या उनकी हत्या कर दी गई…लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने इन सबको सजा दिलाने की ठान ली थी…

यह योगी सरकार ही थी जिसने मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में आरोप सुनिश्चित किया जिसके कारण अतीक को पहली बार दोषी ठहराया गया और उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई…Yogi Adityanath का यह कथन कि ‘हम माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’ अहमद और अंसारी दोनों के मामले में सच होता दिख रहा है…बाबा के इसी ताबड़तोड़ एक्शन से यूपी में माफिया टेंशन में हैं…  

 एक साल में ही ‘बाहुबली’ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की मौत हो गई…

 क्या UP में 2017 से पहले सरकारें माफियाओं को संरक्षण देती थीं?

योगी राज में माफिया और दंगाईयों का हालत पर आप क्या कहेंगे?

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