योगी ने माफियाओं को मिट्टी में मिला दिया, योगीराज में नहीं चली उनकी माफियागीरी

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yogi - finished Mafias

देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता संभालने के साथ ही CM योगी ने माफिया, गुंडों, दंगाइयों और गैंग्स्टर्स का अंत शुरू कर दिया…उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने साफ कर दिया है कि यूपी में माफिया के लिए कोई जगह नहीं है…वो या तो जेल में रहेंगे…या यूपी के बाहर…-yogi – finished Mafias

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी सूबे की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने में लगे हैं तो वहीं योगी राज में माफिया, दंगाइयों और बदमाशों पर यमराज की भी नज़र है…पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो बड़े डॉन या यूं कहें कि ‘बाहुबली’ की मौत के बाद अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उनके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया…एक साल में ही ‘बाहुबली’ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की मौत हो गई…

एक साल के भीतर ही इन दो माफिया डॉन की मौत विवादित परिस्थितियों में हुई…जहां अतीक अहमद की पुलिस हिरासत में बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी, तो वहीं मुख्तार अंसारी के परिवार का आरोप है कि उन्हें जेल के अंदर ‘धीमा जहर’ देकर मार डाला गया लेकिन बड़ी बात ये कि ये मुख्तार के परिवार के पास इस आरोप का कोई भी आधार नहीं है…-yogi – finished Mafias

दशकों तक राजनीतिक संरक्षण के तहत अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में, गाजीपुर से लेकर प्रयागराज तक, अपनी जागीर चलायी और उन पर हाई-प्रोफाइल हत्याओं का आरोप भी लगा…पूरा इलाका उन्हें माफिया के रूप में जानता था…ऐसे माफिया जो जमीनों पर कब्जा करते थे…भाड़े पर हत्याएं करते थे और उनके गुर्गे अपहरण और जबरन वसूली का एक रैकेट चलाते थे जिसपर योगी बाबा ने जमकर अपना चाबुक चलाया…इन्हें जेलों में जकड़ने के साथ-साथ इनके साम्राज्य का भी अंत कर दिया…-yogi – finished Mafias

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों ने अतीत में पूर्वाचल में राजनीतिक लाभ के लिए अहमद और अंसारी पर खूब भरोसा जताया…ये इलाका ऐसे माफिया और संगठित अपराध के लिए भयभीत होने लगा…मुख्तार अंसारी 1995 से 2022 तक लगातार पांच बार मऊ से विधायक रहा और अपराधी होने के बादवूद बिना दोषी ठहराए लगभग 27 सालों तक अपनी विधानसभा सदस्यता बरकरार रखी…लेकिन योगी राज में ऐसा ना हो सका…मुख्तार जेल में ही रहा और उसके भाई को उसकी सीट से चुनाव लड़ना पड़ा…

2014 के बाद से UP की किस्मत बदल गई और 2017 के बाद और भी ज्यादा, जब बीजेपी केंद्र और फिर Yogi Adityanath के नेतृत्व में राज्य में सत्ता में आई…क्योंकि मुख्यमंत्री भी गोरखपुर से आते हैं इसलिए वे पूर्वाचल की छवि बदलना चाहते थे…योगी सरकार के अभियान में अहमद और अंसारी दोनों की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया या जमीन पर खड़ी इमारतों को गिरा दिया गया…जिससे ‘बाबा का बुलडोजर’ मॉडल उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध हो गया

अहमद और अंसारी के लंबे समय से पेंडिंग मामलों को योगी सरकार की तरफ से अदालतों में काफी तेजी से आगे बढ़ाया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिले…योगी राज में उनकी वित्तीय और कानूनी सुरक्षा दोनों ही छिन गईं…योगी के शासन में अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को पहली बार दोषी ठहराया गया…

एक साल में ही ‘बाहुबली’ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की मौत हो गई…

क्या UP में 2017 से पहले सरकारें माफियाओं को संरक्षण देती थीं?

योगी राज में माफिया और दंगाईयों का हालत पर आप क्या कहेंगे?

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