World Women’s Day: Jairam Ramesh’s Questions and Women’s Issues | AIRR News

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आज हम आपको बताएंगे कि World Women’s Day के अवसर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कौन से सवाल पूछे हैं, जो भारत की महिलाओं के मुद्दों से जुड़े हैं।-World Women’s Day

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मणिपुर में महिलाओं के साथ कैसा अत्याचार हो रहा है? और क्या आप जानते हैं कि भारत की महिला कुश्ती टीम के सदस्यों ने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर कैसे यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है? और क्या आप ये भी जानते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का कितना अनुदान विज्ञापनों पर खर्च होता है? यदि नहीं, तो आइए जानते हैं। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़।-World Women’s Day 

जयराम रमेश ने अपने एक बयान में कहा है कि मणिपुर में एक साल से अधिक समय से युद्ध जैसी स्थिति है, जहां मेइतेइ और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा चल रही है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में महिलाओं से मारपीट और नंगा करके प्रदर्शित किया जा रहा है, जो भाजपा की दोहरी मानसिकता और अन्याय की राजनीति का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि उन्होंने इस राज्य का दौरा क्यों नहीं किया है?-World Women’s Day

जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री का क्या रुख है उन यौन उत्पीड़न के आरोपों का, जिन्हें महिला कुश्ती टीम के सदस्यों ने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर लगाया है। उन्होंने कहा कि क्या मोदी उन्हें ‘मोदी का परिवार’ का सदस्य मानते हैं या नहीं ?-World Women’s Day

जयराम रमेश ने मोदी सरकार को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि करने का भी आरोप लगाया है और कहा है कि ‘मोदी हैं तो महंगाई है!’ उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उनके पास कोई योजना है, जिससे घरेलू बजट पर इस कीमत वृद्धि का बोझ कम किया जा सके?

जयराम रमेश ने मोदी के शासन को ‘अन्याय काल’ कहते हुए कहा है कि उच्च बेरोजगारी दर ने महिला रोजगार को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का श्रमबल में हिस्सा अब डॉ. मनमोहन सिंह के शासन काल की तुलना में 20% कम हो गया है, जो अर्थव्यवस्था की लंबी अवधि की क्षमता को कमजोर कर सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उनके पास कोई समाधान है, जिससे महिलाओं को आर्थिक मुख्यधारा में लाया जा सके?

जयराम रमेश ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस योजना के बजट का एक बड़ा हिस्सा विज्ञापनों पर खर्च होता है, बजाय लड़कियों के खिलाफ हो रहे अपराधों की रोकथाम और शिक्षा को बढ़ावा देने वाली पहलों पर। 

उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का बजट 2018-19 में 280 करोड़ रुपए था, जिसमें से 220 करोड़ रुपए केवल मीडिया अभियानों पर खर्च हुए, जबकि लड़कियों के लिए कोई विशेष कार्यक्रम या योजना शुरू नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यह एक धोखा है, जिससे लोगों को यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कुछ कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उन्हें इस बात का खेद है कि उनकी सरकार ने बेटियों को बचाने और पढ़ाने के नाम पर उन्हें बेवकूफ़ बनाया है?

अब बताते है जयराम रमेश के दावों के बारे में क्या है उनकी सच्चाई। 

मणिपुर में महिलाओं के साथ अत्याचार पर उनकी बात बिलकुल सही है। मणिपुर में पिछले एक साल से अधिक समय से मेइतेइ और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें कई लोग मारे गए हैं और कई घर जलाए गए हैं। इस हिंसा के दौरान, कुछ महिलाओं को नंगा करके रास्तों पर चलवाया गया है और उनके प्राइवेट पार्ट्स को बार-बार छुआ गया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके साथ गैंगरेप भी हुआ है। ये महिलाएं एक दूसरे की रिश्तेदार थीं और पड़ोस में ही रहती थीं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसने लोगों को आक्रोशित किया है।

वही महिला कुश्ती टीम के सदस्यों ने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप जिसमे भारत की महिला कुश्ती टीम के तीन सदस्यों ने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि जब वे उनके दफ्तर में गए थे, जहां उन्हें अश्लील टिप्पणियों और इशारों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा है कि उन्हें अपने शरीर के अंगों को दिखाने के लिए कहा गया था और उनके साथ बदसलूकी की गई थी। उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है और न्याय की मांग की है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का बजट भी संदेह के घेरे में है। जैसा की आपको पता है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना को 2015 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य लिंग चयनात्मक गर्भपात और बाल लिंग अनुपात में सुधार लाना है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार ने 405 ज़िलों को 50 लाख रुपये प्रति वर्ष की अनुदान राशि दी है। इसके अलावा, राज्य सरकारों ने भी अपने बजट में इस योजना के लिए धन आवंटित किया है।

वर्ष 2021 में, संसदीय समिति ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि BBBP योजना के बजट का 80% हिस्सा मीडिया अभियानों पर खर्च किया गया है, जबकि महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा पर बहुत कम ध्यान दिया गया है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि योजना के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक निगरानी, निरीक्षण और मूल्यांकन की जरूरत है जो कि नहीं कि गयी।

महिलाओं का श्रमबल में हिस्सा लेना उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। वैश्विक स्तर पर, महिलाओं की श्रमबल भागीदारी में पिछले दो दशकों में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत के मामले में यह घटती जा रही है। भारत में, महिलाओं की श्रमबल भागीदारी 2004-05 में 42.7% थी, जो 2017-18 में 23.3% तक गिर गई।

इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि शिक्षा के स्तर में सुधार, घरेलू कामों और देखभाल की जिम्मेदारियों का बोझ, उचित रोजगार के अवसरों का अभाव, असुरक्षित और अनियमित काम, यौन उत्पीड़न और अन्य बाधाएं।

तो ये थी हमारी आज कि खास वीडियो जिसमे हमने मोदी सरकार के और जयराम रमेश के दावों का गहन विश्लेषण किया है। इसपर आप अपने विचार और प्रश्न हमारे साथ साझा कर सकते है। हमें उम्मीद है कि आपको ये वीडियो पसंद आया होगा, और आप इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करेंगे। अगर आपके पास कोई सुझाव या प्रतिक्रिया हो, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में लिखें। हम आपके सभी कमेंट्स को पढ़ेंगे, और आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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