महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करना एक आम बात नहीं है। अक्सर, महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को छुपाना या उन्हें हल करने के लिए अपने आप को रोक देना पड़ता है। इसका कारण यह है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से चर्चा नहीं की जाती है। लेकिन, कुछ नई पहलों ने इस मुद्दे को उभारने और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया है। इनमें से एक है, भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दुनिया के आर्थिक मंच पर महिलाओं के स्वास्थ्य कार्यक्रम के दौरान की गई बातचीत। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।
इस कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इस विषय पर कभी भी मुख्यधारा में चर्चा नहीं हुई है। अक्सर महिलाओं को लगता है कि उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का बोझ उनके परिवार या उनके आर्थिक योगदान पर नहीं डालना चाहिए। इसलिए, अक्सर महिलाये अपने आप को दवा देती हैं या बिल्कुल भी दवा नहीं लेती हैं।
आगे उन्होंने यह भी बताया कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में महिलाओं के विकास के लिए कौन कौन से कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में 110 मिलियन शौचालय बनाए गए हैं, जिससे महिलाओं की स्वच्छता और मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार देश के इतिहास में मासिक स्वच्छता प्रबंधन के लिए केंद्र, राज्य, जिला और ग्रामीण स्तर पर एक प्रशासनिक प्रोटोकॉल स्थापित किया है, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य की कहानी को राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से मुख्यधारा में लाया गया है।
आपको बता दे की प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था, जिसका उद्देश्य था कि 2 अक्टूबर 2019 को, महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देना और भारत को खुले में शौच मुक्त बनाना था। इस मिशन के तहत, लाखों गरीब और असहाय परिवारों को शौचालय बनाने के लिए सहायता दी गई, जिससे उनकी गरिमा और सम्मान की रक्षा हुई। इसके अलावा, स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियान और कार्यक्रम भी चलाए गए।
स्मृति ईरानी ने यह भी बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उन्होंने कौन से नए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अनेमिया मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया है, जिसका लक्ष्य 2022 तक देश की 50% महिलाओं और बच्चों को अनेमिया से मुक्त करना था। इसके लिए, उन्हें आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां, आयरन फोर्टिफाइड सॉल्ट और आयरन रिच फूड उपलब्ध कराई जा रही हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने महिलाओं के कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है, जिसका नाम है उम्मीद। इस योजना के तहत, महिलाओं को स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर की जांच, निदान और उपचार की सुविधा मुफ्त में दी जा रही है। इसके अलावा, महिलाओं को कैंसर के लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने अंत में कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए उन्हें अपने आप को प्राथमिकता देनी होगी साथ ही महिलाओं से अपील की कि वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज न करें और समय पर चिकित्सक से परामर्श लें। वैसे भी महिलाओं का स्वास्थ्य उनके परिवार, समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
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