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Interesting Health Facts: गर्मी के मौसम में पसीना आता है और यह शरीर की एक नेचुरल प्रोसेस है. पसीना शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करता है. पसीना को अक्सर बदबू से जोड़ा जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पसीने में कोई स्मैल नहीं होती है. पसीना गंधहीन होता है और हमारे शरीर के टेंपरेचर को मेंटेन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि अगर पसीना में कोई स्मैल नहीं होती है, तो फिर पसीने से बदबू क्यों आने लगती है? चलिए वजह जान लेते हैं.
यूपी के कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत ने News18 को बताया कि हमारे शरीर में एपोक्राइन ग्रंथियां होती हैं, जो शरीर के तापमान को कंट्रोल करने के लिए जरूरत के हिसाब से पसीना रिलीज करती हैं. ये ग्रंथियां अंडरआर्म्स, कमर और बालों वाले एरिया में ज्यादा होती हैं. जब ये ग्रंथियां पसीना पैदा करती हैं, तब इसमें कोई बदबू नहीं होती है. जब पसीना स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिल जाता है, तब इसमें बदबू आने लगती है. स्किन के बैक्टीरिया पसीने में मिलकर बदबू पैदा कर देते हैं. हालांकि एपोक्राइन ग्रंथियां वयस्क होने पर ही एक्टिव होती हैं, जिसकी वजह से बच्चों के पसीने में बदबू नहीं आती है.
डॉक्टर ने बताया कि कुछ लोग हाइपरहाइड्रोसिस नामक परेशानी से जूझते हैं और इस वजह से उन्हें सामान्य से अधिक पसीना आता है, जिससे बदबू की समस्या बढ़ जाती है. पसीने से बदबू का एक बड़ा कारण हमारा खान-पान भी हो सकता है. मसालेदार खाना, प्याज, लहसुन, ब्रॉकली और रेड मीट जैसे फूड्स भी पसीने की गंध को प्रभावित कर सकते हैं. लहसुन और प्याज में मौजूद सल्फर यौगिक शरीर से पसीने के साथ निकलते हैं और बैक्टीरिया के साथ मिलकर तीखी गंध पैदा करते हैं. इसके अलावा कैफीन और शराब का अधिक सेवन भी पसीने में दुर्गंध का कारण बन सकता है. इसलिए खान-पान संतुलित रखें.
एक्सपर्ट की मानें तो अत्यधिक तनाव और चिंता भी पसीने की बदबू को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो एपोक्राइन ग्रंथियों को ज्यादा पसीना उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करता है. यह पसीना बैक्टीरिया के साथ मिलकर तेज गंध पैदा करता है. इसके अलावा हार्मोनल बदलाव जैसे प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज या थायराइड की समस्या भी पसीने की मात्रा और गंध को प्रभावित कर सकती है. अगर आपको लगता है कि आपका पसीना असामान्य रूप से बदबूदार है, तो यह डायबिटीज, किडनी रोग या थायराइड डिजीज का संकेत भी हो सकता है.
जानकारों की मानें तो कपड़ों का चयन भी पसीने की बदबू को प्रभावित करता है. सिंथेटिक कपड़े जैसे पॉलिएस्टर और रेयॉन पसीने को सोखने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण पसीना त्वचा पर रह जाता है और बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है. कॉटन जैसे प्राकृतिक कपड़े पसीने को सोख लेते हैं, जिससे बदबू की संभावना कम हो जाती है. अगर आप नियमित रूप से कपड़े नहीं बदलते या गंदे कपड़े पहनते हैं, तो बैक्टीरिया का जमावड़ा बढ़ सकता है, जिससे बदबू की समस्या और गंभीर हो जाती है. इसलिए स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है.
अब सवाल है कि पसीने की बदबू से बचने के लिए क्या किया जाए? डॉक्टर के अनुसार नहाने के पानी में नींबू का रस, गुलाब जल या टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाने से बैक्टीरिया को कम किया जा सकता है और शरीर से ताजगी भरी खुशबू आ सकती है. इसके अलावा गर्मियों में दिन में दो बार नहाना चाहिए और शरीर के उन हिस्सों को अच्छी तरह धोना चाहिए, जहां पसीना अधिक जमा होता है. इससे पसीने की बदबू से राहत मिल सकती है. अगर फिर भी समस्या बनी रहे, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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