अयोध्या में BJP की फजीहत क्यों, क्या सच में BJP से नाराज चल रहे हैं प्रभु श्रीराम?

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“अयोध्या में BJP की फजीहत क्यों: क्या प्रभु श्रीराम नाराज हैं?”

अयोध्या में BJP की फजीहत क्यों: क्या प्रभु श्रीराम नाराज हैं?”भारतीय जनता पार्टी इस समय देशभर में सदस्यता अभियान चलाकर अपने सदस्यों की संख्या बढ़ा रही है। लेकिन अयोध्या में जो हुआ उससे यह लगने लगा है कि भगवान राम की नगरी में पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

इस समय देशभर में BJP का सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी की तरफ से बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं कि पैन इंडिया लोग हमसे जुड़ रहे हैं। लेकिन, कहीं-कहीं पर तो इस तरह से दरार उभरकर सामने आ रही है कि खुद पार्टी के नेताओं को इस पर भरोसा करना मुश्किल होता जा रहा है। इसी कड़ी में अब अयोध्या में दरार सामने आई है। पहले लोकसभा की सीट हाथ से निकली। अब अपनी हार को नहीं पचा पाने वाली BJP यहां से विधानसभा की खाली हुई सीट को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास कर रही थी, लेकिन यहां जो हुआ उससे यह नहीं लगता है कि BJP मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर पाएगी। BJP की फजीहत से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सच में प्रभु राम BJPइयों से नाराज हो गए हैं। 

दरअसल, फैजाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों से पहले पार्टी के सदस्यता अभियान को शुरू करने के लिए आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को अचानक छोड़कर निकल गए। वो यह कहते हुए सम्मेलन से बाहर चले गए कि वह किसी माफिया और मव्वाली के साथ मंच साझा नहीं करेंगे, जाहिर तौर पर उनका इशारा  पार्टी के कार्यकर्ता की ओर था।

लल्लू सिंह को पिछले लोकसभा चुनावों में फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया था। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट से विधायक थे, इनके सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हुई है, जहां पर उपचुनाव कराया जाना है। इस सीट पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी स्वयं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभाले हुए हैं। यह सीट BJP के नाक का सवाल बन गई है। 

अयोध्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे से एक दिन पहले आयोजित की गई थी, जहां BJP मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने खुद इस निर्वाचन क्षेत्र की कमान संभाली है और यहां तक ​​कि कुछ मंत्रियों को भी वहां डेरा डालने को कहा गया है।

ने जिसको माफिया कहा था, वो पार्टी का एक कार्यकर्ता है जिसका नाम शिवेंद्र सिंह है। शिवेंद्र सिंह ने अब लल्लू सिंह पर हमला बोला है। उसने कहा कि फैजाबाद लोकसभा सीट हारने की एकमात्र वजह खुद लल्लू सिंह है। अगर वो लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह का बयान नहीं देते कि अबकी बार 400 पार चाहिए। अगर BJP 400 सीटों पर चुनाव जीत जाती है तो हम संविधान को बदल देंगे। यही वजह है कि संविधान के पक्ष में बोलने वालों के साथ यहां की जनता चली गई। साथ ही शिवेंद्र ने यह भी कहा कि खुद की पृष्ठभूमि में जाकर देख लें। जिससे उन्हें यह पता हो जाएगा कि किसका बैकग्राउंड कैसा रहा है? 

हालांकि, लल्लू सिंह ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि इसका आने वाले विधानसभा उपचुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कई नेताओं को लगता है कि पार्टी को इस तरह के मतभेदों को सुलझाना होगा, इससे पहले कि और अधिक विवाद हो। उन्होंने कहा, ‘यह दरकिनार किए जाने की बात नहीं है। मुझे कौन दरकिनार करेगा? यह शिष्टाचार और अनुशासन की बात है। मैं समय से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंच गया था और पत्रकारों के साथ बैठा था। तभी पार्टी के कुछ नेता पहुंचे और मंच की ओर बढ़े। मैंने देखा कि वहां कुछ गलत लोग बैठे हैं। मुझे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ऐसे लोगों के साथ बैठना उचित नहीं लगा, इसलिए मैंने चुपचाप वहां से जाने का फैसला किया।’ 

उन्होंने आगे कहा, ‘अनुशासन और शिष्टाचार पार्टी के लिए जरूरी है। मैं वर्षों से अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की विचारधारा के लिए काम कर रहा हूं। पार्टी की जिला इकाई को इस बारे में सावधान रहना चाहिए। नहीं तो पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 

ब्लॉक प्रमुख संघ के जिला अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वह लंबे समय से BJP से जुड़े हैं। उस दिन मैं मंच पर मौजूद था। मैं लंबे समय से उनके साथ चुनाव में जुड़ा रहा हूं, लेकिन उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। मुझे लगता है कि उनका बयान उनकी बढ़ती उम्र का प्रतिबिंब हो सकता है। संविधान पर उनकी टिप्पणी के कारण ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। मेरे साथ और इससे भी गंभीर मामलों का सामना कर रहे लोगों के साथ उनकी तस्वीरें हैं। उन्हें पहले किसी को माफिया कहने का अपना मापदंड स्पष्ट करना चाहिए। 

शिवेंद्र ने कहा कि वह छात्र नेता रहे हैं और वर्षों से पार्टी की विचारधारा के लिए काम कर रहे हैं। BJP जिला अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मुद्दों को उठाने का एक निश्चित तरीका होता है। 

अयोध्या में BJP की हार पर एक्सपर्ट की राय

उत्तर प्रदेश की राजनीति को गहराई से समझने वाले सीनियर जर्नलिस्ट आनंद देव कहते हैं कि अयोध्या में BJP की हार के बाद पार्टी में अंदरुनी कलह अपने चरम पर है। हर कोई एक दूसरे को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। पार्टी अभी तक लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पाई है, क्योंकि BJP के अयोध्या एक सीट नहीं थी, जिसको खोकर वह कहीं दूसरी सीट से भरपाई कर लेगी। अयोध्या की लोकसभा सीट BJP के लिए भूत-भविष्य और वर्तमान सबकुछ थी। यह सीट हारने के बाद पूरी दुनिया में BJP की साख को पलीता लग गया और यहां के वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद दुनियाभर में मशहूर हो गए। इसलिए BJP मिल्कीपुर सीट को नाक का सवाल बनाकर चुनाव लड़ने जा रही है।

गौरतलब है कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट तत्कालीन विधायक अवधेश प्रसाद के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने के बाद खाली हुई थी। अवधेश प्रसाद दलित वर्ग से आते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने समीकरण बैठाकर उनको इस सीट से उतारा और उन्होंने लल्लू सिंह को हराकर फैजाबाद लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी की झोली में डाल दिया। अवधेश प्रसाद को प्रभु श्रीराम की नगरी में मिली जीत ने उनको दुनियाभर में मशहूर कर दिया। अब अवधेश प्रसाद सपा के ब्रांड अंबेसडर बन गए हैं। अखिलेश यादव उन्हें अपने बगल में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बैठाते थे। अब उन्हें लोकसभा में भी अपने बगल में बैठाते हैं।

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