Guillain Barre Syndrome : महाराष्ट्र का पुणे (Pune) इन दिनों बेहद ही दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा है. इसका नाम गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) है. अब तक इसकी चपेट में कई लोग आ चुके हैं. यह बीमारी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है. इसमें मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है. इंसान लकवे की स्थिति तक पहुंच जाता है. पीठ दर्द, हाथ-पांव में झनझनाहट, चेहरे की मसल्स में कमजोरी और बोलने-सांस लेने में परेशानी होने लगती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और इसका इलाज…
GBS कितनी खतरनाक बीमारी
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार, गुलेन बैरी सिंड्रोम एक रेयर न्यूरोलॉजिकल डिजीज है. इसमें पेरीफेरल नर्व्स डैमेज हो जाती है और इसमें सूजन आ जाती है. NINDS के मुताबिक, जीबीएस के मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग, कार्डियक अरेस्ट और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. दुनिया में हर साल इससे पीड़ित करीब 7.5% मरीजों की मौत हो जाती है. 20% मरीजों को वेंटिलेटर पर जाना पड़ता है और 25% मरीज कम से कम 6 महीने तक चल-फिर नहीं पाते हैं.
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गुलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षण
धड़कन बढ़ना
चेहरे पर सूजन
सांस लेने में तकलीफ
चलने-फिरने में परेशानी
आंख के आगे धुंधलापन
गर्दन घुमाने में समस्या
चुभन के साथ शरीर में दर्द
हाथ-पैर में कमजोरी और कंपकंपी
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का इलाज
1. प्लाज्मा एक्सचेंज- यह एक प्रक्रिया है जिसमें ब्लड से इम्यून सिस्टम के कोशिकाओं को हटाया जाता है और फ्रेश प्लाज्मा से बदला जाता है.
2. इम्यूनोग्लोबुलिन- यह एक तरह का प्रोटीन है, जो इम्यून सिस्टम को दबाने में मदद करता है.
3. कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स- यह एक दवा है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने में काम आती है.
4. फिजियोथेरेपी. इसमें मांसपेशियों और जॉइंट की ताकत को बढ़ाने की कोशिश कीजाती है.
5. वोकेशनल थेरेपी. इस इलाज के तरीके से रोजमर्रा की एक्टिविटीज में मदद की जाती है.
6. पेन मैनेजमेंट- इससे दर्द को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
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