आज के इस दौर में, जहां दुनिया भर में शांति और सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युद्ध की लपटें फैलती जा रही हैं। वह है पश्चिमी एशिया या मध्य पूर्व, जहां इरान और पाकिस्तान के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया है। इसका कारण क्या है, इसके परिणाम क्या होंगे और इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर हम आज बात करेंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज। -War between Iran and Pakistan
इरान और पाकिस्तान के बीच का विवाद कुछ दिन पहले शुरू हुआ, जब इरान ने पाकिस्तान स्थित सूनी आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल पर हवाई हमला किया। इरान का कहना है कि यह समूह इरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में बार-बार हमले करता है, और इसने हाल ही में इरान के करमान शहर में दो बम धमाके करके 94 लोगों की जान ली थी। इरान के हमले का जवाब देते हुए, पाकिस्तान की हवाई फौज ने दावा किया कि उन्होंने इरान की जमीन पर मौजूद बलूच अलगाववादी शिविरों पर प्रतिकारी हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके खुफिया आधारित अभियान ‘मर्ग बर सरमचार’ में कई आतंकवादी मारे गए हैं।-War between Iran and Pakistan
यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में टकराव बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में, यहां दो अलग-अलग युद्ध के मैदान हैं, एक तो गाजा में, जहां हमास और इजराइल के बीच लगातार आक्रमण और प्रतिकार हो रहे हैं, और दूसरा तो पाक-इरान युद्ध का मैदान, जो इन दोनों देशों के सीमा पर बना हुआ है। इस आग को भड़काने वाली दो घटनाएं हुई हैं। पहली तो 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया, जिसमें इजराइल के कई शहरों में रॉकेट गिराए गए, और दूसरी में 3 जनवरी को इरान के करमान शहर में हुए दो बम धमाके, जिनमें 94 लोग मारे गए, और 284 से ज्यादा घायल हुए। इरान ने इन धमाकों का जिम्मेदार समूह जैश-अल-अदल को निशाना बनाया, और उसके बाद जो प्रतिकार हुआ, वह इन धमाकों का परिणाम है।-War between Iran and Pakistan
आपको बता दे की इरान इस समय बहुत ज्यादा दबाव में है, और उसने हमले का प्रतिकार करने का फैसला लिया है। इरान के राष्ट्रपति ईब्राहिम राइसी ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान को एक अंतिम चेतावनी दी है, कि वह अपनी सीमा पर सूनी आतंकवादियों को रोके, नहीं तो इरान और भी कड़े कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि इरान को अपनी सुरक्षा के लिए जो भी करना होगा, वह करेगा, और किसी भी देश के दबाव से डरने वाला नहीं है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान भी इरान के हमले को बर्दाश्त नहीं कर रहा है, और उसने भी अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने इरान को एक शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया है, लेकिन अगर इरान ने फिर से पाकिस्तान की सर्जमीन पर हमला किया, तो पाकिस्तान को अपना अधिकार बचाने के लिए जो भी करना होगा, वह करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान घुटने टेकने वाला नहीं है, और उसकी हवाई फौज और मिसाइल प्रणाली इरान के मुकाबले काफी बेहतर है।
इस युद्ध का भारत पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भारत इरान और पाकिस्तान दोनों से आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है। भारत के लिए इरान एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है, और उसके साथ चाबहार बंदरगाह का विकास कर रहा है, जो भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार करने का एक मार्ग प्रदान करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच तो वैसे भी कई मुद्दे जैसे कश्मीर, आतंकवाद, पानी आदि पर तनाव बना हुआ है, और अगर इरान और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, तो भारत को इसका सामना करना होगा। भारत को इस युद्ध से दूर रहने की कोशिश करनी होगी, और अपने हितों की रक्षा करनी होगी।
इस प्रकार, इरान और पाकिस्तान के बीच का युद्ध एक बड़ा संकट बन सकता है, जो न केवल इन दोनों देशों को, बल्कि पूरे क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, इस युद्ध को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सक्रिय भूमिका निभानी होगी, और इन दोनों देशों को शांति और सहयोग की ओर आने का संदेश देना होगा। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज।
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