वीडी शर्मा को क्या मिलेगी जिम्मेदारी ?-VD Sharma Political news
वीडी शर्मा की भविष्य में क्या भूमिका ?
क्या राष्ट्रीय स्तर पर मिल सकती है जिम्मेदारी?
वीडी शर्मा का बढ़ेगा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल
किसे मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की कमान?-VD Sharma Political news
मध्यप्रदेश के बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा की भूमिका को लेकर अब कई सवाल उठने लगे हैं.. वो खजुराहो लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीत कर आए हैं.. कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शायद जगह मिले लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. अब क्या होगी उनकी भूमिका, क्या कुछ समीकरण बन रहे हैं.. इस वीडियो में आपको बताएंगे.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS…. -VD Sharma Political news
पीएम मोदी की टीम तैयार हो चुकी है. नई टीम में एमपी से 5 चेहरे शामिल किए गए हैं.. मंत्रिमंडल के गठन से पहले खजुराहो सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम की भी चर्चा थी.. मगर, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया… अब सवाल ये है कि वीडी की भूमिका क्या होगी, क्योंकि उनका प्रदेश अध्यक्ष का एक्सटेंशन जून में पूरा हो रहा है.. संभावना ये है कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है.. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए हैं। ऐसे में संभावना यह है कि बीजेपी अब संगठन चुनाव का ऐलान कर दे.. इस प्रक्रिया में दो से तीन महीने लग सकते हैं..
तब तक वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.. मोदी कैबिनेट में जो चेहरे शामिल किए गए हैं उनमें दो ओबीसी, एक अनुसूचित जाति वर्ग से और दो आदिवासी चेहरे हैं.. ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा सामान्य वर्ग से ही हो सकता है.. अब आपको उन संभावनाओं के बारे में बताते हैं जो कि वीडी शर्मा के लिए लगाई जा रही है.. पहली संभावना ये है कि उन्हें राष्ट्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल जाए.…सूत्रों का कहना है कि वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने न केवल विधानसभा चुनाव में 163 सीटें जीतीं, बल्कि लोकसभा चुनाव में भी 29 सीटें जीतने में कामयाब रही.. ऐसे में उन्हें केंद्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.. उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है..
जानकारों का मानना है कि वीडी शर्मा विशुद्ध रूप से संगठन के व्यक्ति हैं.. उन्हें एबीवीपी में काम करने का लंबा अनुभव रहा है.. वो आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे हैं.. उन्होंने अपनी संगठन क्षमता को दोनों चुनाव में साबित करके भी दिखाया है.. दूसरी संभावना ये है कि उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिले, हालांकि इस संभावना ना के बराबर ही है.. क्योंकि मोदी सरकार 3.0 में 71 मंत्रियों को जगह मिली है.. जबकि 10 पद खाली हैं.. ऐसे में जब मोदी कैबिनेट का विस्तार होगा तो वीडी शर्मा के नाम पर विचार किया जा सकता है…
वरिष्ठ पत्रकारों का कहना हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जो रोल नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान का रहा है, उसकी तुलना में वीडी शर्मा का प्रदेश के बाहर और भीतर की राजनीति में उतना बड़ा रोल देखने को नहीं मिला है.. मोदी कैबिनेट के विस्तार में वीडी शर्मा को शामिल किया जाएगा, इस संभावना भी न के बराबर है.. वहीं एक संभावना ये भी है कि वीडी शर्मा को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए.. इस बात की भी संभावना है कि उन्हें इस पद पर रिपीट किया जाए..
हालांकि, बीजेपी में ऐसा पहले हुआ नहीं है कि लगातार दो टर्म किसी को अध्यक्ष बनाया गया हो.. सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी और नरेंद्र सिंह ये तीन ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने दो बार प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली है, मगर उनके दो टर्म के बीच कुछ सालों का अंतर रहा है.. अब आपको बताते हैं कि अगर वीडी को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो क्या होगा.. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसी स्थिति में किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.. यदि बीजेपी जातीय समीकरण का फॉर्मूला अप्लाय करती है तो केंद्रीय कैबिनेट में एससी-एसटी और ओबीसी चेहरे शामिल किए जा चुके हैं.. प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर ओबीसी चेहरा है.. विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी क्षत्रिय समुदाय से आने वाले नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी गई है..
ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण वर्ग से हो सकता है। यदि बीजेपी जातीय समीकरण से इतर क्षेत्रीय समीकरण को तवज्जो देगी तो प्रदेश अध्यक्ष विंध्य क्षेत्र से किसी को बनाया जा सकता है.. क्योंकि केंद्रीय कैबिनेट में इस क्षेत्र से किसी सांसद को मौका नहीं मिला है… वहीं, इन दोनों समीकरणों के इतर वोट बैंक को साधने की दृष्टि से किसी आदिवासी चेहरे को भी मौका मिल सकता है.. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि बीजेपी में लंबे समय से किसी सांसद को ही अध्यक्ष बनने का मौका मिल रहा है..
ऐसे में किसी सांसद को ये जिम्मेदारी मिल सकती है.. अब आपको बताते हैं कि वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वो कौन से चेहरे होंगे जिन पर दांव लगाया जा सकता है.. पहला नाम है डॉ. नरोत्तम मिश्रा का.. एक्सपर्ट के मुताबिक मिश्रा बीजेपी के जातीय फॉर्मूले में फिट बैठते हैं.. वे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। दूसरी तरफ न्यू जॉइनिंग टोली के संयोजक के तौर पर उन्होंने अपनी संगठन क्षमता को साबित किया है.. नरोत्तम मिश्रा खुद दावा करते हैं कि 1 जनवरी से 31 मई तक बीजेपी की न्यू जॉइनिंग टोली की वजह से कांग्रेस और दूसरी पार्टियों से करीब 4 लाख कार्यकर्ताओं ने बीजेपी जॉइन की है.. दूसरा नाम है गोपाल भार्गव…
एक्सपर्ट के मुताबिक गोपाल भार्गव भी एक ऑप्शन हो सकते हैं। वे 9 बार के विधायक हैं.. इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली.. इस लिहाज से उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। मगर, बीजेपी जिस तरह से संगठन में युवा चेहरों को तवज्जो दे रही है उस क्राइटेरिया में वे फिट नहीं बैठते। भले ही वे लंबे समय तक सत्ता में रहे, लेकिन संगठन में काम करने का उन्हें अनुभव नहीं है… तीसरा नाम है फग्गन सिंह कुलस्ते.. कुलस्ते बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं.. आदिवासी वर्ग से आते हैं.. उन्हें इस बार कैबिनेट में भी शामिल नहीं किया गया है..
वो बीजेपी के एसटी मोर्चे की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.. ऐसे में उन्हें संगठन में काम करने का भी अनुभव है। हालांकि, बीजेपी पहले ही आदिवासियों को प्रतिनिधित्व दे चुकी है, लेकिन सांसद को पद देने के फॉर्मूले में वे फिट बैठते हैं.. तो ये वो तमाम समीकरण हैं जो वीडी शर्मा को लेकर बैठ रहे हैं.. अब आखिर में क्या रणनीति बनती है ये आनेवाला वक्त ही बताएगा.. ऐसी ही सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ.. नमस्कार…
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