Varun Gandhi’s Campaign Trail: A New Chapter in Indian Political Dynasties | AIRR News Special-Varun Gandhi latest news

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इस चुनावी मौसम में, भाजपा नेता और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने अपनी मां मेनका गांधी के लिए प्रचार करने के लिए सुल्तानपुर का दौरा किया, जो भाजपा के टिकट पर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। क्या उनके इस कदम का उनकी मां के चुनाव अभियान पर कोई असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।-Varun Gandhi latest news

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। 

भाजपा नेता और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी गुरुवार को अपनी मां मेनका गांधी के लिए प्रचार करने के लिए सुल्तानपुर पहुंचे, जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए, वरुण गांधी ने जनता के साथ अपनी मां के घनिष्ठ संबंध पर प्रकाश डाला।

वरुण गांधी ने एकत्रित लोगों की तालियों के बीच कहा, “देश में हर जगह चुनाव हो रहे हैं… लेकिन देश में केवल एक ही क्षेत्र है जहां लोग अपने सांसद को सांसद जी, मंत्री जी या उनके नाम से नहीं, बल्कि उन्हें ‘माता जी’ कहते हैं।”

वही मेनका गांधी ने कहा, “वरुण गांधी यहां हैं और वह आज 15-20 बैठकें करेंगे। उनके प्रचार अभियान से निश्चित रूप से हमें फायदा होगा।” उन्होंने मतदाताओं से अपने व्यक्तिगत हित को ध्यान में रखकर वोट देने का भी आग्रह किया। “उन्हें सोचना चाहिए कि कौन सा सांसद उनका काम कर सकता है और फिर वोट देना चाहिए।”

आपको बता दे कि इस चुनावी मौसम में यह पहली बार है जब वरुण गांधी ने ऐसी किसी रैली को संबोधित किया है। जब से उन्हें पार्टी द्वारा जितिन प्रसाद के साथ पीलीभीत सीट से बदल दिया गया, तब से वह जनता से दूर हैं। 

आपको बता दे कि सुल्तानपुर से पूर्व सांसद वरुण गांधी ने 2019 में अपनी मां के साथ सीट की अदला-बदली की, जिस साल उन्होंने पीलीभीत में शानदार बहुमत दर्ज किया और मेनका सुल्तानपुर से जीतीं।

फ़िलहाल मेनका गांधी का मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम बहादुर निषाद और बहुजन समाज पार्टी के उदय राज वर्मा से है।

वैसे वरुण गांधी के सुल्तानपुर में मेनका गांधी के लिए प्रचार करने के कदम को कई तरह से देखा जा रहा है। कुछ का कहना है कि यह उनके बेटे द्वारा माँ के प्रति समर्थन का इशारा है, जबकि अन्य का मानना है कि यह भाजपा के भीतर विभाजन का संकेत है।

बाकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वरुण गांधी को पिछले कुछ समय से भाजपा के “विद्रोही” के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग बात की है, और यह अटकलें रही हैं कि वह भाजपा छोड़ सकते हैं।

हालाँकि, वरुण गांधी ने इन अटकलों से इनकार किया है और कहा है कि वह भाजपा में ही रहेंगे।

ऐसे में यह देखना बाकी है कि वरुण गांधी के प्रचार अभियान का मेनका गांधी के चुनाव अभियान पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके इस कदम से चुनाव में एक नई जान आ गई है।

क्योंकि वरुण गांधी को भाजपा के भीतर एक उदारवादी और एक “युवा नेता” के रूप में देखा जाता है। हालाँकि, उन्होंने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग बात की है, और यह अटकलें रही हैं कि वह भाजपा छोड़ सकते हैं।

आपको बता दे कि वरुण गांधी और मेनका गांधी भारतीय राजनीति में जाने-माने व्यक्ति हैं। वरुण गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भतीजे हैं। मेनका गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू और पूर्व प्रधानमंत्री संजय गांधी की पत्नी हैं।

बाकि वरुण गांधी का सुल्तानपुर में मेनका गांधी के लिए प्रचार करने का कदम चुनावी राजनीति में एक दिलचस्प घटनाक्रम है। यह देखना बाकी है कि इस कदम का मेनका गांधी के चुनाव अभियान पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वरुण गांधी के इस कदम से चुनाव में एक नई जान आ गई है।

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। 

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