2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने नई कहानी लिख दी …जिसमें जीत अखिलेश यादव के नाम लिखी तो हार बीजेपी के नाम रही..2014 और 2019 के चुनाव में यूपी ने ही बीजेपी को स्पष्ट रूप से बहुमत दिया था लेकिन इस बार यूपी में ही खेला हो गया..जिसके चैंपियन बने अखिलेश यादव और राहुल गांधी…-up lastest update
4 जून की सुबह 8 बजे से पहले जब तक ईवीएम खुले नहीं थे तब तक तक ज्यादातर लोगों को यकीन नहीं था कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का जनाधार हाथ से निकल जाएगा…उत्तर प्रदेश में साइकिल को पंजे का साथ मिला तो साइकिल की रफ्तार इस कदर तेज हो गई कि यूपी से बीजेपी की किले बंदी ही तोड़ दी…जिस उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए कोई 50 कम सीटों की कल्पना नहीं करता था उसी उत्तर प्रदेश में बीजेपी 40 सीटें पार करने के लिए भी परेशान रही…और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी यूपी में सबसे बड़ी और देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई…-up lastest update
अब इतने बड़े रण में जीत साहिस हुई तो इसका जश्न तो बनता ही है…इसीलिए सपा मुख्यालयों पर जम कर जश्न होता दिखा भी…अखिलेश ने इस रण में खुद को अपनी रणनीति को सही साबित किया ही…बल्कि उनके भरोसे इस बार यूपी में कांग्रेस भी 7 सीटें हासिल करने में कामयाब रही…उत्तर प्रदेश का जनादेश साफ साफ क्या कहता है ये समझना जरूरी है…बीजेपी अयोध्या की सीट हार गई यानी कि राम मंदिर का मुद्दा नहीं चला
SP-कांग्रेस ने सोशल इंजनीयरिंग को बीजेपी से ज्यादा अच्छा मैनेज किया…अखिलेश ने सपा को मुलायम सिंह वाले युग में लाकर खड़ा कर दिया…कांग्रेस का वोट सपा में और सपा का वोट कांग्रेस में डायवर्ट हुए…उत्तर प्रदेश से 6 मंत्री सीट बचाने में नाकामयाब रहे…मोदी-योगी की जोड़ी करिश्मा नहीं कर पाई..
मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव ने कहा कि मैं मैनपुरी की जनता का धन्यवाद करना चाहूंगी कि उन्होंने समाजवादी विचारधारा का समर्थन किया…उत्तर प्रदेश की जनता ने BJP को सबक सिखाने का काम किया है…सभी लोग इस सरकार से त्रस्त थे लेकिन मौजूदा सरकार यह मानने को तैयार नहीं थी कि जनता परेशान है…यह लोगों की जीत है…
हर बार कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर जाता है..वो बिल्कुल सही है..इसीलिए इस बार दिल्ली में गठबंधन की सरकार है…और रोड़े कम नहीं है जिसने बीजेपी का रास्ता 272 की मंजिल से काफी पहले रोक दिया…उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के तरीके ने भी काफी ज्याद अंतर पैदा कर दिया…बीजेपी ने बड़ी रैलियां और अभियान चलाया तो सपा और कांग्रेस ने स्थानीय समुदाय तक पहुंच कर अपनी बात रखी…नुक्कड़ रैलियों और छोटी छोटी जन सभाओं ने माहौल बदल दिया…
ये सच है कि 2024 में यूपी का जना देश दो लड़को की जोड़ी के नाम रहा..जिनकी रणनीति को बीजेपी तोड़ नहीं पाई लेकिन इसके साथ ही बीजेपी के लोग ये कह रहे हैं कि वोटर को वो बूथ तक पहुंचाने में नाकामयाब रहे..उनको घरों से नहीं निकाल पाए…शायद ये जीत का ओवर कॉन्फीडेंस था..जो बीजेपी को ले डूबा…
उत्तर प्रदेश से 6 मंत्री सीट बचाने में नाकामयाब रहे
क्या कांग्रेस और SP का गठबंधन BJP के लिए फांस बन गया?
UP में BJP की परफॉर्मेंस को आप कैसे देखते हैं