Bombay हाईकोर्ट ने एक 17 साल के लड़के को बलात्कार के आरोप में अग्रिम जमानत दी है, ताकि वह अपनी बोर्ड परीक्षा में बैठ सके। यह एक बहुत ही चौंकाने वाला और विवादास्पद मामला है, जिसमें एक 17 साल की लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में एक 17 साल के लड़के को गिरफ्तार किया था, और उसकी मां ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है, जिसमें उन्होंने लड़के को अग्रिम जमानत देते हुए कहा है कि वह अपनी परीक्षा में बैठ सकता है, क्योंकि वह भी एक माइनर है, और उसकी पढ़ाई को प्रभावित नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि लड़की की बयानबाजी से पता चलता है कि उनके बीच संभोग का तत्व राजी था, यानी कि वह आपस में सहमत थे। लेकिन, लड़की की उम्र को ध्यान में रखते हुए, उसकी राजी कोई मायने नहीं रखती है, क्योंकि वह भी एक माइनर है, और उसका संभोग करना कानूनी रूप से अपराध है।
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इस मामले की शुरुआत 3 जनवरी 2024 को हुई, जब लड़की की मां ने लड़के के खिलाफ रबाले पुलिस स्टेशन, नवी मुंबई में एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया था कि लड़के ने लड़की के साथ बलात्कार किया है, और उसके कारण वह गर्भवती हो गई है। उन्होंने यह भी कहा था कि लड़के और उनके परिवार की आपसी जान पहचान थी, और लड़का , लड़की के साथ अक्सर बातें करता था। उन्होंने यह भी बताया था कि लड़के ने लड़की को धमकाकर उसके साथ संभोग किया था, और उसे चुप रहने को कहा था।
जब लड़की को पता चला कि वह गर्भवती है, तो उसने अपनी मां को सब कुछ बताया। उसकी मां ने उसे अस्पताल ले जाकर उसका गर्भपात कराया, और फिर पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने लड़के को तलाशने का काम शुरू किया, लेकिन वह फरार हो गया था। उसने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की, जिसमें उसने कहा था कि वह अपनी 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठना चाहता है, और उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं।
इस याचिका को सुनते हुए, हाईकोर्ट ने लड़की के बयान को पढ़ा, जो उसने मजिस्ट्रेट के सामने दिया था। उस बयान में, लड़की ने यह कहा था कि वह और लड़का एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, और उनके बीच दोस्ती हो गई थी। वह दोनों फोन पर बातें करते थे, और कभी-कभी मिलने भी जाते थे। लड़की ने यह भी कहा था कि वह लड़के से प्यार करती थी, और वह उसके साथ शादी करना चाहती थी। लड़की ने बताया कि लड़के ने उससे कहा था कि वह भी उससे प्यार करता है, और वह उसके साथ शादी करेगा। लड़की ने यह भी कहा था कि लड़के ने उससे कई बार संभोग किया था, और वह उसके साथ राजी थी।
इस बयान के आधार पर, हाईकोर्ट ने लड़के को अग्रिम जमानत दी, और उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा किया। उन शर्तों में यह था कि वह पुलिस के साथ सहयोग करेगा, अपना मेडिकल टेस्ट कराएगा, और अपनी परीक्षा के बाद फिर से कोर्ट में पेश होगा।
ऐसे में , इस फैसले से जनमत दो विचार धाराओं में बट गया है एक के अनुसार यह एक ऐसा फैसला है, जिसमें हाईकोर्ट ने लड़के की उम्र और पढ़ाई को ध्यान में रखा है, लेकिन लड़की के साथ हुए अन्याय को नजरअंदाज कर दिया है। यह एक ऐसा फैसला है, जो समाज में एक गलत संदेश भेजता है, कि बलात्कार के आरोपियों को आसानी से बचाव का अवसर मिल सकता है, अगर वह कुछ अच्छा काम कर रहे हों तो। यह एक ऐसा फैसला है, जिससे लड़कियों को न्याय मिलने की उम्मीद कम हो जाती है, और वह अपने दर्द को अंदर ही अंदर सहती रहती हैं।
वही दूसरे धड़े को लगता है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने एक सही फैसला दिया है, जो लड़की के साथ इंसाफी है, और साथ ही समाज के लिए अच्छा है। उन्हें लगता है कि लड़के को उसके किए का पूरा दंड मिलना चाहिए, और उसकी परीक्षा को भी नजरअंदाज नहीं बनाना चाहिए।
तो , यह था आज का विशेष कार्यक्रम, जिसमें हमने आपको बताया कि कैसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक 17 साल के लड़के को बलात्कार के आरोप में अग्रिम जमानत दी है, ताकि वह अपनी बोर्ड परीक्षा में बैठ सके। हमें उम्मीद है कि आपको यह कार्यक्रम पसंद आया होगा, और आपने इस मामले को बेहतर समझा होगा। अगर आपके पास इस मामले के बारे में कोई राय या सुझाव है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आपके विचारों को जानने के लिए बेताब हैं।
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