Umar Khalid amplified false narrative on social media, Delhi Police tells court

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Umar Khalid amplified false narrative

Lower 01 — How did Umar Khalid amplify false narratives on social media?Umar Khalid’s False Narrative

Lower 02 — Unveiling the Truth: Umar Khalid’s False Narrative on Social Media

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS…साल 2020 में नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगे के आरोपी उमर खालिद पर Delhi Police ने झूठी बातें फैलाने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है….9 अप्रैल को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान Delhi Police ने ये आरोप लगाए….एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी की कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रॅासिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि दिल्ली दंगे के आरोपी उमर ने अपने पक्ष में सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाया…..-Umar Khalid’s False Narrative

उन्होंने बताया कि उमर खालिद के मोबाइल डाटा से पता चला है कि उमर ने कुछ अभिनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मशहूर हस्तियों से Delhi Police के खिलाफ खबर चलाने के लिए कुछ समाचार पोर्टल के लिंक शेयर किए और उनको ज्यादा से ज्यादा लिंक को शेयर करने को कहा था….आरोप है कि उमर इन झूठी और भ्रामक खबरों के जरिए समाज में एक झूठी कहानी स्थापित करना चाहता था….उसने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्यों से अदालत की सुनवाई के बाद विरोध-प्रर्दशन करने की योजना बनाने को कहा था….

अमित प्रसाद ने कोर्ट के सामने एक वीडियो भी चलाया, जिसमें उमर खालिद के पिता सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे है….उमर खालिद के पिता ने एक पोर्टल से बात करते हुए कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नही है, इसलिए मैं ट्रायल कोर्ट में आया हूं….इसी तरह उमर के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा था….उमर खालिद दिल्ली का रहने वाला है.,,,दिल्ली विश्वविधालय से बैचलर्स की डिग्री लेने के बाद उसने जेएनयू में एडमिशन लिया और यहां से मास्टर्स और एमफिल करने के बाद जेएनयू से ही पीएचडी पूरी कर ली…..

पढ़ाई के साथ-साथ खालिद की दिलचस्पी ऐक्टिविज्म में भी रही है….वो जेएनयू का छात्र नेता भी रहा है….वो दिल्ली उत्तर-पूर्वी दंगे का मुख्य आरोपी है….उस पर साजिश रचने का आरोप भी है….वो सितंबर 2020 से ही जेल में बंद है….उसके खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज हैं….एक मामले में उमर को अप्रैल 2021 में जमानत मिल गई थी, जबकि दूसरे मामले में गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं….आपको बता दें कि फरवरी 2020 के दंगों के कथित ‘मास्टरमाइंड’ होने के आरोप में खालिद और बाकी पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है…

इस हिंसा में 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हो गए… नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी…..क्राइम से जुड़ी ऐसी ही खास और दिलचस्प खबरों के लिए देखते रहिए AIR NEWS….

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