आज हम आपको बताएंगे कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने कैसे भाजपा, वाम और कांग्रेस को संदेशखाली में हिंसा का आरोपी बताया और किसानों के प्रदर्शन, पीएमएलए मामलों पर अपने गठबंधन पार्टनर कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया। ऐसे में ममता के इन आरोपों का आधार क्या है इस पर लम्बी बहस चल रही है और राजनितिक मण्डली में कुछ सवालो के जवाबो पर मंथन चल रहा है। तो आज की इस खास वीडियो में हम इस मामले से जुड़े कुछ सवालो के जवाब देंगे जैसे संदेशखाली में क्या हुआ और कौन है शहजहान शेख, जिसके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है? किसानों के प्रदर्शन का मुद्दा क्यों उभरा है और ममता बनर्जी ने भाजपा को कैसे आरोपों से घेरा है? पीएमएलए मामलों में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर क्या इल्ज़ाम लगाया है और उन्होंने इंदिरा गांधी का उदाहरण क्यों दिया है?
और साथ ही बताएँगे की आखिर क्यों ममता बनर्जी ने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया और उन्होंने उन्हें किन शर्तों के साथ लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने का प्रस्ताव दिया था?
इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखिए हमारा वीडियो, नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
संदेशखाली में हुई हिंसा का मुद्दा फरवरी के पहले सप्ताह में उभरा था, जब वहां की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के एक शक्तिशाली नेता शहजहान शेख के खिलाफ आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि शहजहान शेख और उनके चेले ने उनकी जमीन कब्जा करने के साथ साथ उन्हें यौन शोषण और गैंगरेप का शिकार बनाया है और उनके परिवार को धमकाया है। इन महिलाओं ने अपनी आवाज उठाने के लिए एक आंदोलन शुरू किया था, जिसमें वे शहजहान शेख की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थीं।
शहजहान शेख का नाम पहले भी सुर्खियों में रहा है। जो तृणमूल कांग्रेस का नेता है, जिसका इलाके में काफी प्रभाव है। वह एक व्यापारी भी है, जिसके पास कई जमीनें, होटल, रेस्टोरेंट और अन्य संपत्तियां हैं। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, डकैती, गुंडागर्दी, जमीन कब्जा, यौन अपराध और अवैध हथियारों का इस्तेमाल शामिल हैं। वह एक लंबे समय से फरार हैं, जबसे उनके घर पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अधिकारियों की टीम ने छापा मारा था।
आपको बता दे कि, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या ईडी एक केंद्रीय एजेंसी है, जो अर्थिक अपराधों की जांच करती है। ईडी ने शहजहान शेख के खिलाफ प्रेवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट या पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें उन्हें अवैध धन की कमाई और बचत का आरोप लगाया गया था। ईडी ने 5 जनवरी को शहजहान शेख के घर पर एक छापा मारा था, जिसमें उन्होंने उनके खातों, जमीनों और अन्य संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास किया था। लेकिन इस दौरान, शहजहान शेख के कार्यकर्ताओं ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था, जिसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे। शहजहान शेख ने इस भगदड़ के बाद कही गायब हो गया।
इस घटना के बाद, ईडी ने शहजहान शेख को वांटेड अपराधी घोषित किया, और उसको पकड़ने वाले के लिए एक इनाम भी घोषित किया था। ईडी ने उनके खिलाफ एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया था, जिसके तहत वे किसी भी हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर नहीं जा सकते थे। ईडी ने उनके खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था, जिसके तहत वो किसी भी देश में नहीं जा सकता है। ईडी ने इंटरपोल की मदद से उनकी तलाश शुरू की थी, लेकिन अब तक उनका पता नहीं लगा है।
शहजहान शेख के फरार होने के बाद, उनके विरोधी ने उनके खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और वामदल ने भी उसके खिलाफ आरोप लगाए, जिनमें जमीन कब्जा, यौन शोषण, धनशोधन, राशन घोटाला और हिंसा शामिल थे। वे उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते रहे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निशाने पर लिया, और कहा कि वह शहजहान शेख को बचाने की कोशिश कर रही है।
वही ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए, बीजेपी को संदेशखाली में अशांति फैलाने का दोषी बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे को बढ़ावा दे रही है, और लोकसभा चुनावों से पहले लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शहजहान शेख के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है, और उनके खिलाफ एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
आपको बता दे कि इस विषय पर अब तक कोई निर्णय नहीं निकला है, और शहजहान शेख का पता लगाने की कोशिश जारी है। इसके साथ ही, संदेशखाली में आंदोलनकारी महिलाओं का भी आक्रोश बरकरार है, और वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने का इरादा जता रही हैं। इस विषय से जुड़े विभिन्न पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है, और इसका राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
इस प्रकार, शहजहान शेख और संदेशखाली में हिंसा का मामला एक बहुआयामी और जटिल विषय है, जिसमें कई पहलू और प्रभाव शामिल हैं। इसका विश्लेषण करने के लिए, हमें सबसे पहले इसके विभिन्न पक्षों को समझने, उनके बीच के संबंधों को जानने, और उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले परिणामों को मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। इसके लिए, हमें विश्वसनीय, निष्पक्ष और व्यापक सूत्रों का उपयोग करना चाहिए, और अपने निर्णयों और निष्कर्षों को तर्क और प्रमाणों के साथ समर्थित करना चाहिए।
यह थी हमारी आज की खास रिपोर्ट, आशा है कि आपको यह वीडियो पसंद आई होगी, और आपको इससे कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर आपके पास इस वीडियो से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है, तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। धन्यवाद। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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