क्या आप जानते हैं कि अपने घर पर जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे के बाद पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता Tapas Roy, टीएमसी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं? और क्या आप जानते हैं कि उन्होंने इस फैसले का कारण अपनी पार्टी के नेतृत्व और उसके रवैये से निराशा बताई है? क्या आप जानते हैं कि उनका इस्तीफा लोकसभा चुनावों के ठीक पहले आने से टीएमसी को बड़ा झटका लगा है? अगर आप इन सवालों के जवाब नहीं जानते हैं, तो बने रहिये हमारे साथ। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़। “Tapas Roy– Joins BJP”
टीएमसी के वरिष्ठ नेता Tapas Roy ने सोमवार को अपनी पार्टी से अलग होकर भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया। उन्होंने अपने इस्तीफे का पत्र पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष को सौंपा और अपनी पार्टी के नेतृत्व और उसके रवैये से निराशा जताई। उन्होंने कहा कि उनके घर पर ED के छापे के बाद उनके साथ खड़ा होने के बजाय, उन्हें छोड़ दिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ ED की कार्रवाई के पीछे उनकी पार्टी के कुछ नेता जिम्मेदार हैं।”Tapas Roy- Joins BJP”
Tapas Roy का इस्तीफा लोकसभा चुनावों के ठीक पहले आने से टीएमसी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे पांच बार विधायक रह चुके हैं और उत्तर कोलकाता लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार थे। उन्होंने अपनी पार्टी के लोकसभा सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के साथ मतभेद रखने का भी इशारा किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के नेतृत्व को भ्रष्टाचार और संदेशखाली मामले के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।”Tapas Roy- Joins BJP”
आपको बता दे कि संदेशखाली एक गांव है, जहां टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के खिलाफ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। शाहजहां शेख को राशन वितरण घोटाले में ED द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उनके घर पर ED के छापे के बाद, स्थानीय महिलाओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किए और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके गांव में टीएमसी के नेताओं ने उन्हें सालों से यातना और शोषण का शिकार बनाया है।”Tapas Roy- Joins BJP”
Tapas Roy के इस्तीफे और संदेशखाली मामले ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में बवाल मचा दिया है। भाजपा ने टीएमसी को इन मामलों में लापरवाही का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए Tapas Roy का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि Tapas Roy का भाजपा में आना टीएमसी के अंत की शुरुआत है। उन्होंने टीएमसी पर जनता का विश्वास खोने का आरोप लगाया है और कहा है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा पश्चिम बंगाल में बहुमत पाएगी।
टीएमसी की तरफ से इस घटना को नकारा गया है। टीएमसी के नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि Tapas Roy v के इस्तीफे से उनकी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि Tapas Roy उत्तर कोलकाता सीट के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, इसलिए वे नाराज हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि Tapas Roy ने पहले भी कई बार पार्टी बदली है और वे वफादार नेता नहीं हैं।
टीएमसी के अन्य नेता ने भी Tapas Roy के इस्तीफे को बेमानी का नाम दिया है। उन्होंने कहा है कि Tapas Roy ने अपनी पार्टी को धोखा दिया है और वे भाजपा के साथ मिलकर टीएमसी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि Tapas Roy के घर पर ED के छापे के बाद उन्हें पूरी तरह से समर्थन दिया गया था और उनके आरोप बेबुनियाद हैं।
इस प्रकार, Tapas Roy के इस्तीफे ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। इससे टीएमसी और भाजपा के बीच की टक्कर और तेज हो गई है। लोकसभा चुनावों में इन दोनों पार्टियों के बीच का मुकाबला देखने लायक होगा।
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