Tapas Drone – Showcasing India’s Advanced Drone Technology 

HomeEducationTapas Drone - Showcasing India’s Advanced Drone Technology 

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

क्या आप जानते हैं कि भारत ने एक स्वदेशी मध्यम-ऊंचाई और लंबी अवधि वाला ड्रोन विकसित किया है, जिसे तापस के नाम से जाना जाता है, क्या आप जानते हैं कि भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना ने इस ड्रोन की क्षमताओं में रुचि दिखाई है? और क्या आप जानते हैं कि यह ड्रोन भारत के रक्षा और सुरक्षा के लिए कैसे उपयोगी हो सकता है?

अगर आपके मन में इन सवालों के जवाब जानने की जिज्ञासा है, तो आप सही जगह पर हैं। आज हम आपको भारत के स्वदेशी ड्रोन तापस के बारे में बताएंगे, जो हमारे लिए गर्व की बात है।

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

तापस ड्रोन का पूरा नाम टैक्टिकल एयरबोर्न प्लेटफॉर्म फॉर एयरीयल सर्वेलेंस है। यह एक मध्यम-ऊंचाई और लंबी अवधि वाला ड्रोन है, जो निरंतर 24 घंटे तक हवा में रह सकता है। यह ड्रोन भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन DRDO द्वारा विकसित किया गया है, और इसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और Dynamatic Technologies Limited द्वारा किया गया है।

आपको बता दे कि तापस ड्रोन का उद्देश्य भारत के रक्षा और सुरक्षा के लिए एक आत्मनिर्भर और प्रभावी ड्रोन प्रणाली प्रदान करना है। यह ड्रोन विभिन्न प्रकार के मिशन के लिए उपयोग में लाया जायेगा। 

जैसे कि:

Airborne Surveillance and Reconnaissance

एयरबोर्न टारगेट डिजाइनेशन

एयरबोर्न रिले 

एयरबोर्न डेटा लिंक

एयरबोर्न इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर 

एयरबोर्न कम्युनिकेशन जैमिंग 

एयरबोर्न वेपन डिलीवरी 

अब बात करते है तापस ड्रोन की विशेषताओं की। 

यह ड्रोन एक प्रोपेलर इंजन से चलता है, जो इसे शांत और कम खर्चीला बनाता है।

यह ड्रोन एक विंग स्पैन के साथ 5.8 मीटर लंबा और 2.5 मीटर ऊंचा है। इसका वजन 1.8 टन है, और इसमें 350 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाया जा सकता है।

यह ड्रोन 28,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकता है, और इसकी गति 225 किलोमीटर प्रति घंटा है।

यह ड्रोन एक ऑटोनोमस फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के साथ आता है, जो इसे एक पूर्व-निर्धारित पथ पर उड़ने और अपने आप को लैंड करने में सक्षम बनाता है।

यह ड्रोन एक एडवांस्ड टेलीमेट्री और कमांड लिंक के साथ आता है, जो इसे अपने ऑपरेटर से दूरी पर भी संचार करने और डेटा भेजने में सक्षम बनाता है।

यह ड्रोन विभिन्न प्रकार के सेंसर्स और पेलोड्स को ले जाने के लिए एक मॉड्यूलर और फ्लेक्सिबल डिजाइन के साथ आता है, जैसे कि एलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड कैमरा, सिंथेटिक अपर्चर रडार, सिग्नल इंटेलिजेंस, कम्युनिकेशन इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स, इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स, लेजर डिजाइनेटर, और बॉम्ब या मिसाइल।

यह ड्रोन एक आत्मनिर्भर और सुरक्षित लॉन्च और रिकवरी सिस्टम के साथ आता है, जो इसे किसी भी प्रकार के रनवे या एयरफील्ड की आवश्यकता के बिना उड़ने और लैंड होने में सक्षम बनाता है।

अब आपको बताते है तापस ड्रोन के वर्त्तमान और इतिहास के बारे में। 

तापस ड्रोन का विकास 2006 में शुरू हुआ, जब DRDO ने एक नया ड्रोन प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जिसे रुस्तम Rustom के नाम से जाना जाता था जिसका उद्देश्य भारत को विदेशी ड्रोनों की निर्भरता से मुक्त करना था, जैसे कि इजरायल के हेरोन और अमेरिका के प्रिडेटर।

रुस्तम ड्रोन का पहला प्रोटोटाइप 2009 में तैयार हुआ, और 2010 में इसका पहला टेस्ट किया गया।  इसके बाद, ड्रोन को और बेहतर बनाने के लिए कई सुधार और परीक्षण किए गए। 2014 में, रुस्तम ड्रोन को तापस के नाम से पुनर्नामित किया गया, और इसे एक उन्नत और अंतिम डिजाइन दिया गया।

तापस ड्रोन को 2016 में भारतीय सेना द्वारा स्वीकृत किया गया, और इसे एक मिशन मोड प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया गया। इसका मतलब था कि ड्रोन को जल्द से जल्द उत्पादन में लाया जाएगा, और इसे भारतीय सेना को दिया जाएगा।

तापस ड्रोन ने 2018 में अपनी पहली उड़ान भरी, और इसने अपनी क्षमताओं को साबित किया। इसने 28,000 फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से अधिक समय तक उड़कर दिखाया, और इसने अपने पेलोड्स का भी प्रदर्शन किया।

2020 में तापस ड्रोन को भारतीय वायुसेना द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकृत करने के लिए इसे एक और उड़ान भरने के लिए आमंत्रित किया गया।

तापस ड्रोन को 2021 में भारतीय नौसेना द्वारा भी रुचि दिखाई गई, और इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में निगरानी और अन्य भूमिकाओं के लिए उपयोग करने का प्रस्ताव दिया गया। इसके लिए, नौसेना को DRDO की इन्वेंटरी से दो तापस ड्रोन मिलेंगे, जिनका ट्रायल और प्रदर्शन मूल्यांकन किया जाएगा। 

तापस ड्रोन का भविष्य और प्रभाव क्या रहेंगे। 

तापस ड्रोन का भविष्य उज्ज्वल और प्रतिभाशाली है। यह ड्रोन भारत के लिए रक्षा और सुरक्षा का साधन है, जो हमें अपने शत्रुओं और दुश्मनों से आगे रखेगा। यह ड्रोन भारत के लिए एक आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी भारत का प्रतीक है, जो अपने अपने वैज्ञानिक और तकनीकी गौरव को दुनिया के सामने रखता है।

तापस ड्रोन का प्रभाव भारत के अलावा भी दूसरे देशों पर होगा। यह ड्रोन भारत को एक ड्रोन निर्यातक बनाएगा, जो अपने मित्र और सहयोगी देशों को इस ड्रोन की सेवा और सहायता प्रदान करेगा। यह ड्रोन भारत को एक ड्रोन नेता बनाएगा, जो अपनी ड्रोन नीति और नियमों को बनाने और लागू करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

आपको बता दे कि तापस ड्रोन का उद्देश्य भारत के लिए एक शांति और समृद्धि का संदेश भेजना है। यह ड्रोन भारत के लिए एक रक्षक और संरक्षक है, जो इसे अपनी सीमा, समुद्र और आकाश में रक्षा और सुरक्षा करने में मदद करेगा। यह ड्रोन भारत के लिए एक मित्र और साथी है, जो इसे अपने विकास, विश्वसनीयता, और विश्वव्यापी सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा।

इस प्रकार, तापस ड्रोन एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी ड्रोन है, जो भारत के लिए एक नया युग शुरू करेगा। यह ड्रोन भारत को एक ड्रोन सुपरपावर बनाएगा, जो अपनी ड्रोन तकनीक और उपयोग को दुनिया के साथ साझा करेगा।

आशा है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा, और आपने तापस ड्रोन के बारे में कुछ नया और रोचक जाना होगा। अगर आपके पास इस विषय पर कोई प्रश्न या सुझाव हैं, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपके प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे।

अगली वीडियो में, हम आपको भारत के एक और स्वदेशी ड्रोन, निर्भय (Nirbhay) के बारे में बताएंगे, जो एक लंबी दूरी का क्रूज मिसाइल है, जो भारत के लिए एक शक्तिशाली और भयानक हथियार है।

तब तक के लिए, नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज। 

Extra : 

तापस ड्रोन, भारतीय ड्रोन, डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, आत्मनिर्भर भारत, ड्रोन प्रौद्योगिकी, भारत की उड़ान,Tapas Drone, Indian Drone, DRDO, Indian Air Force, Indian Navy, Self-Reliant India, Drone Technology, India’s Flight

RATE NOW
wpChatIcon