Supreme Court’s Directions: A Step Towards Curbing Hate Speech | AIRR News

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सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को रोकने के लिए हाल ही में कुछ निर्देश दिए है। हेट स्पीच वह भाषा है, जब कोई व्यक्ति या समूह अपने धर्म, जाति, लिंग, राष्ट्रीयता या अन्य आधार पर किसी दूसरे व्यक्ति या समूह को घृणा, अपमान, भय या हिंसा का भाव उत्पन्न करने के लिए प्रयोग करता है। हेट स्पीच से सामाजिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र को खतरा पहुंचता है। इसलिए, इसे रोकने और दंडित करने के लिए कानूनी प्रावधान हैं। लेकिन कई बार इन प्रावधानों का पालन नहीं होता है और हेट स्पीच करने वाले लोग बच निकलते हैं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के दो जिलों में होने वाली कुछ रैलियों पर नजर रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं।

नमस्कार: आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।

सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता शामिल हैं, ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए एक आदेश दिया है। इस याचिका में शाहीन अब्दुल्ला ने दावा किया है कि कई घटनाओं में हेट स्पीच की शिकायत आई है। याचिका के अनुसार, हिंदू जनजागृति समिति की एक रैली 18 जनवरी को महाराष्ट्र के यवतमाल में की गयी थी। इस रैली में हिंदू जनजागृति समिति के नेता ने भारत के मुस्लिमों को देशद्रोही और आतंकवादी कहा था। उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों को भारत से बाहर निकालना चाहिए या उन्हें फांसी देनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि वे राम मंदिर का निर्माण करने के लिए तैयार हैं और उन्हें किसी का डर नहीं है।

इस रैली की वीडियो क्लिप और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई और हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस रैली के बाद महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और भड़काऊ नारे लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से सामाजिक शांति और सहिष्णुता को खतरा है।

आपको बता दे की याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध किया कि वह हेट स्पीच को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दे। उन्होंने कहा कि वह ऐसे लोगों को पहचाने और उन पर कानूनी कार्रवाई करे जो इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह रैलियों को नियंत्रित करने और उनमें भाग लेने वालों को आगाह करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को इस बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह हेट स्पीच के मामलों को गंभीरता से लेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह भारत के धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

इस तरह, हमने देखा कि सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को रोकने के लिए कौन से निर्देश दिए हैं। हमें उम्मीद है कि आपको यह कार्यक्रम पसंद आया होगा। अगले कार्यक्रम में फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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