‘Sarmat’ का शक्ति-परीक्षण, कालासागर में होगा घमासान
रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग कि दिन जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं…जंग की ज्वाला को भड़काने वाले हथियारों का जखीरा भी तेजी से बढ़ रहा है…इसी कड़ी में रूस ने इंटरकोंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-28 Sarmat को लड़ाई के लिए रेडी कर दिया है…जिससे यूक्रेन और उसे सपोर्ट कर रहे देश सकते में आ गए हैं…रूस की स्पेस एजेंसी की ओर से दी गए एक जानकारी के मुताबिक रूस ने दमदार मिसाइल सरमत को कॉम्बैट ड्यूटी पर तैनात कर दिया है…हालांकि इसे कहां तैनात किया गया है इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई…लेकिन माना जा रहा है कि रूस की इस शक्तिशाली मिसाइल के निशाने पर यूक्रेन है…
रूस ने Sarmat को पहली बार 20 अप्रैल 2022 में लॉन्च किया था…इसका परीक्षण यूक्रेन युद्ध की शुरूआत के कुछ दिन बाद ही किया गया था…ये परीक्षण अर्खांगेल्स्क प्रांत में किया गया था जो रूस के पूर्वी हिस्से कमचाटका प्रायद्वीप में अपने टारगेट को सफलतापूर्वक हिट किया था…यूक्रेन में तबाही मचाने के लिए पुतिन की पलटन को एक नया हथियार मिल गया है…रूस में हुई इस मिसाइल की तैनाती से जेलेंस्की समते पश्चिमी मुल्क भी घबरा गए हैं खासकर वो देश जो इस महायुद्ध में जेलेंस्की की मदद कर रहे हैं, यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं…जिसके दम पर जेलेंस्की की सेना अबतक पुतिन की पलटन का मुकाबला करती आई है
सरमत की तैनाती की खबर से दुनिया क्यों डर गई है क्योंकि इस शैतान मिसाइल की ताकत का अंदाजा पूरी दुनिया को है…सरमत 35 मीटर यानी 115 फीट लंबी मिसाइल है…इसकी रेंज 18,000 किलो मीटर है…ये दुनिया के किसी भी हिस्से में न्यूक्लियर हमला करने की ताकत रखती है…ये एक साथ 10 से ज्यादा न्यूक्लियर वॉरहेड, 16 छोटे न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है…मिसाइल का कुल भार 200 टन से ज्यादा है…जिसमें से 178 टन फ्यूल होता है…यानि कुल मिलाकर दुनिया के किसी भी कोने को जलाकर खाक करने की क्षमता रखती है रूस की ये सरमत मिसाइलय…यानि इतनी विध्वंसकारी और प्रलयंकारी मिसाइल महायुद्ध के मैदान में एंट्री करेगी तो महाजंग होना तय है…
एक कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने खुद पूरी दुनिया को बताया कि सरमत नाम की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का काम पूरा हो गया है और इसकी तैनाती भी की जा चुकी है…पुतिन ने ये भी कहा है कि रूस अपनी परमाणु नीति यानि न्यूक्लियर डॉक्टरिन को बदलने की योजना नहीं बना रहा है…आपको बता दें कि न्यूक्लियर डॉक्टरिन ही तय करती है कि कोई देश किन परिस्थितियों में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा…पुतिन ने ये भी कहा कि रूस के अस्तित्व पर किसी तरह का ख़तरा नहीं है साथ ही ये भी संकेत दिया कि रूस सैद्धांतिक रूप से साल 1996 की व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर दी हुई अपनी स्वीकृति वापस ले सकता है…इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि ‘अमेरिका ने भी इस पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन कभी भी इसे अमल में नहीं लाया…ऐसे में रूस भी ये कर सकता है…
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