story of Mukhtar Ansari का द एंड हो गया
Mukhtar Ansari को दफन किया गया
बेटे उमर ने आखिरी बार उसकी मूछों पर ताव दिया
आखिरी समय में हजारों की भीड़ मौजूद थी
समर्थकों का हुजूम ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रहा था
आखिरकार मोहम्मदाबाद के Mukhtar Ansari की स्टोरी का द एंड हो गया. इस पूरे इलाके में मुख्तार की दो पहचान थी- कोई उसे रॉबिन हुड कहता था, तो किसी के लिए वो कुख्यात माफिया डॉन था. इसी दोहरी पहचान के बीच जिंदगी गुजारता हुआ Mukhtar Ansari इस दुनिया से चला गया. शनिवार सुबह जब उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा था, तो हजारों की भीड़ मौजूद थी. इनमें से कुछ ऐसे लोग थे, जो उसके एहसानों तले दबे थे, तो कुछ ऐसी भी थे जिन्होंने उसकी दुश्मनी मोल ली थी. उत्तर प्रदेश के मऊ से पूर्व विधायक और गैंगस्टर Mukhtar Ansari को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद की कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. बेटे उमर अंसारी ने जनाजे से पहले अपने पिता Mukhtar Ansari की मूछों पर ताव देकर विदा किया. -story of Mukhtar Ansari
मुख्तार के जनाजे में समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली. हालांकि बाहर से आए लोगों को कब्रिस्तान के अंदर मिट्टी देने नहीं जाने दिया गया. सिर्फ परिवार वालों को ही कब्रिस्तान के अंदर जाने की इजाजत मिला थी. मौके पर गाजीपुर डीएम सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे और लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोका जा रहा था. Mukhtar Ansari को जनाजे की नमाज के बाद कब्रिस्तान ले जाते वक्त बाहर से आए समर्थकों का हुजूम ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रहा था और मिट्टी देने के लिए कब्रिस्तान के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. समर्थकों को अंदर जाने से रोकने के लिए प्रशासन के अलावा मुख्तार के भाई अफजाल और उमर अंसारी लोगों से अपील कर रहे थे. क्योंकि पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया था कि परिवार के अलावा कोई भी कब्रिस्तान नहीं जाएगा.
प्रशासन ने एक्स्ट्रा फोर्स लगाई थी और पूरे रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया था. Mukhtar Ansari के जनाजे में शामिल होने आए समर्थकों को जब कब्रिस्तान नहीं जाने दिया गया, तो लोग आस-पास के पेड़ों पर चढ़कर मुख्तार के जनाजे और तदफीन प्रोसेस को देख रहे थे. Mukhtar Ansari के आखिरी सफर यानी जनाजे में शामिल होने के लिए सिवान के पूर्व सांसद और गैंगस्टर राजनेता मरहूम सहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब भी पहुंचे. जनाजे की नमाज में भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी देखी गई. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे और मुख्तार के घर के चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई थी.
Mukhtar Ansari का शव उसकी मां की क्रब के पास में दफनाया गया. जनाजे की नमाज से पहले मुख्तार का शव उसके घर पर ग्लास के चैंबर में रखा गया था.. इससे पहले मुख्तार का शव भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गाजीपुर के लिए रवाना किया गया. मुख्तार के शव के साथ पुलिस का काफिला चल रहा था. काफिले में पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद रहीं. मुख्तार का शव पहुंचाने के लिए पुलिस ने पहले से ही रूट तैयार कर लिया था. मुख्तार को बांदा से चित्रकूट, कौशांबी, भदोही होते हुए गाजीपुर ले जाया गया. काफिले में 2 वज्र वाहन, 2 एंबुलेंस और दर्जनभर पुलिस की गाड़ियां मौजूद हैं. एक डिप्टी एसपी रैंक के अफसर के नेतृत्व में काफिला रवाना हुआ.
बता दें कि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए. अपने पत्र में अंसारी ने लिखा कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. वहीं मोहम्मदाबाद यूसुफपुर स्थित Mukhtar Ansari के आवास पर शुक्रवार सुबह से ही लोग जुटने लगे थे. लोहटिया के वार्ड नंबर 25 के पार्षद संजीव कुमार गिहार ने बताया कि किसी ने दुकानें बंद करने का आह्वान नहीं किया था. लोगों ने सहानुभूति के कारण खुद दुकानें बंद रखीं… ऐसी ही और खबरों के लिए आप देखते रहिए AIRR NEWS..