“एमपी-हरियाणा में सपा को कमतर आंका: अखिलेश का कांग्रेस पर निशाना” :वर्तमान राजनीतिक हालात में सपा और कांग्रेस के बीच टकराव न केवल उनकी आपसी रिश्तों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यूपी में भाजपा को भी लाभ पहुंचा सकता है। यदि दोनों पार्टियां आपसी मतभेदों को सुलझाकर एकजुटता दिखाती हैं, तो वे भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो सकती हैं। लेकिन अगर यह संघर्ष जारी रहता है, तो भाजपा इसका फायदा उठाकर चुनावी मैदान में मजबूत स्थिति में आ सकती है। इस समय एकजुटता और सहयोग महत्वपूर्ण है, ताकि दोनों पार्टियां अपने साझा लक्ष्य को हासिल कर सकें।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के साथ अलायंस करके चुनाव में उतरना चाहती थी। इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीटों को लेकर बातचीत चल रही थी। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सपा का कोई जनाधार नहीं है। उनका यह बयान बताता है कि सपा को हरियाणा में कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला।
उपचुनाव की तैयारी
एक महीने बाद, 13 नंवबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। सपा ने 7 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं। कांग्रेस 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती थी, लेकिन अंत में उसे केवल 2 सीटें मिलीं—खैर और गाजियाबाद सदर। यह कदम हुड्डा के बयान का जवाब माना जा रहा है। Airr News
उपचुनाव का महत्व
“एमपी-हरियाणा में सपा को कमतर आंका: अखिलेश का कांग्रेस पर निशाना”: 13 नवंबर को इन 9 सीटों पर मतदान होगा। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अभी चुनाव नहीं होगा, क्योंकि वहां एक याचिका हाईकोर्ट में पेंडिंग है। उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। Airr News
सपा की उम्मीदवार सूची
सपा ने मीरापुर सीट से सुंबुल राणा को टिकट दिया है, जो पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू हैं। कुंदरकी सीट पर भी सपा के उम्मीदवार का ऐलान होना बाकी है। कांग्रेस के पास खैर और गाजियाबाद सदर सीटें हैं, जहां भाजपा का मजबूत आधार है। Airr News
उम्मीदवारों का चयन
सपा के 7 उम्मीदवारों में से 4 सांसदों के परिवार से हैं। जैसे, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद के बेटे को मिल्कीपुर सीट पर टिकट मिला है। इसी तरह, करहल सीट पर अखिलेश यादव के परिवार से तेज प्रताप यादव को टिकट दिया गया है। Airr News
राजनीतिक विश्लेषण
“एमपी-हरियाणा में सपा को कमतर आंका: अखिलेश का कांग्रेस पर निशाना” :विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस ने 5 सीटों की मांग जानबूझकर की ताकि 2-3 सीटें तो मिल ही जाएं। इसका उद्देश्य है अपने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना। हालांकि, सपा अब ज्यादा मजबूत दिख रही है और इसे ध्यान में रखकर चलना चाहिए। Airr News
सपा की नाराजगी
सपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में सीटें न मिलने पर नाराजगी जताई। इसी तरह, मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने सपा को सीट देने से मना कर दिया था। इन सभी घटनाओं को देखते हुए, सपा अब अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जिसे MP और हरियाणा का बदला माना जा रहा है। Airr News
अखिलेश का फोकस
“एमपी-हरियाणा में सपा को कमतर आंका: अखिलेश का कांग्रेस पर निशाना” :अखिलेश यादव उपचुनाव के लिए काफी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा है कि गठबंधन पहले जैसा ही है और यह महत्वपूर्ण है कि सपा और कांग्रेस एक साथ रहें। इससे मुस्लिम और दलित वोटरों को आकर्षित करने की उनकी रणनीति का भी समर्थन मिलता है। Airr News
गठबंधन की स्थिति
हालांकि, इस गठबंधन में दरारें भी आ रही हैं। कुछ कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं कि सपा ने बिना बताए 6 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सपा और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक है। Airr News
भाजपा का फायदा
भाजपा के नेता मानते हैं कि सपा और कांग्रेस के बीच टकराव का फायदा उन्हें होगा। उनका कहना है कि अगर गठबंधन का मकसद भाजपा को हराना है, तो दोनों पार्टियों को आपसी मतभेदों को सुलझाना होगा। Airr News
उपचुनाव में चुनौती
सपा और कांग्रेस के बीच इस तनाव के कारण उपचुनाव में भाजपा को फायदा मिल सकता है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसका फायदा उठाया था। तब कांग्रेस और सपा के गठबंधन ने उन्हें बेहतर परिणाम दिलाए थे। Airr News
आपसी टकराव से कैसे बचेंगे दोनों दल
अब देखना यह है कि सपा और कांग्रेस इस टकराव को कैसे संभालते हैं। अगर दोनों पार्टियां एकजुट रहकर भाजपा का सामना करती हैं, तो यह उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो भाजपा को इस का लाभ उठाने का मौका मिल सकता है। Airr News
गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा और आपसी मतभेद आगामी उपचुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों पार्टियों को अपनी रणनीतियों पर ध्यान देना होगा ताकि वे भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बना सकें।
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