Solapur Election Battle: Legacy vs Novelty | AIRR News

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आज हम बात करेंगे Solapur Election सीट के चुनावी समर की, जहाँ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने उम्मीदवार के रूप में मालशिराज विधायक राम सतपुते को उतारा है। वे मुकाबला करेंगे कांग्रेस की तीन बार की विधायक प्रणिति शिंदे से, जो कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशीलकुमार शिंदे की बेटी हैं।-Solapur Election Battle 2024 update

ऐसे में क्या राम सतपुते का चयन सोलापुर की जनता के लिए एक नई उम्मीद बन पाएगा? क्या प्रणिति शिंदे अपने पिता की विरासत को बरकरार रख पाएंगी? इन सवालों के जवाब खोजने के लिए, हम आपको ले चलते हैं सोलापुर की राजनीतिक यात्रा पर। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। -Solapur Election Battle 2024 update

Solapur Election सीट पर चुनावी बिगुल बज चुका है। यहाँ की जनता एक बार फिर अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने जा रही है। इस बार की चुनावी लड़ाई में दो मुख्य उम्मीदवार हैं – भाजपा के राम सतपुते और कांग्रेस की प्रणिति शिंदे। -Solapur Election Battle 2024 update

राम सतपुते, जो गन्ना काटने वाले माता-पिता के बेटे हैं, और प्रणिति शिंदे, जो एक राजनीतिक घराने से आती हैं, दोनों ही अपने-अपने तरीके से सोलापुर की जनता के दिलों में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

Solapur Election सीट पर चुनावी रणनीति का आगाज हो चुका है। भाजपा ने राम सतपुते को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने 2019 में मालशिराज विधानसभा सीट जीतकर सभी को चौंकाया था। 

वहीं, प्रणिति शिंदे, जो तीन बार से विधायक हैं, अपने अनुभव और मजबूत जनाधार के साथ चुनावी मैदान में हैं। 

2019 में, सुशीलकुमार शिंदे को भाजपा उम्मीदवार और लिंगायत सीर जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य ने 1.55 लाख मतों के अंतर से हराया था। इस बार के चुनाव में सोलापुर के 17.02 लाख मतदाता 1,751 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

सोलापुर की चुनावी जंग में विरासत और नवीनता के बीच की टक्कर देखने को मिल रही है। एक ओर प्रणिति शिंदे हैं, जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, तो दूसरी ओर राम सतपुते हैं, जो अपने बलबूते पर जनता के बीच अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। इस चुनावी दंगल में कौन बाजी मारेगा, यह तो 7 मई को मतदान के बाद ही पता चलेगा।

वैसे 2014 में Solapur Election सीट पर भाजपा के शरद बंसोडे ने 5,17,879 वोटों के साथ जीत हासिल की थी, जिसमें उनका वोट प्रतिशत 54.43% था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सुशीलकुमार शिंदे को हराया था, जिन्होंने 3,68,205 वोट प्राप्त किए थे।

इसके बाद 2019 में, भाजपा के जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामिजी ने 5,24,985 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जिसमें उनका वोट प्रतिशत 48.41% था। 

इस बार भी कांग्रेस के सुशीलकुमार शिंदे उनके प्रतिद्वंद्वी थे, जिन्होंने 3,66,377 वोट प्राप्त किए थे।

आपको बता दे की 2014 और 2019 के चुनावों में भाजपा की जीत ने सोलापुर में उनकी मजबूत स्थिति को दर्शाया है। हालांकि, 2019 में उनका वोट प्रतिशत कम हुआ, जो कि 2014 के 54.43% से घटकर 48.41% हो गया। 

इसके विपरीत, कांग्रेस के वोट प्रतिशत में भी कमी आई, जो कि 2014 के 38.70% से घटकर 2019 में 33.78% हो गया। इससे यह संकेत मिलता है कि सोलापुर के मतदाताओं का रुझान अन्य दलों की ओर भी बढ़ रहा है।

सोलापुर की चुनावी जंग ने राजनीतिक परिदृश्य में नए आयाम स्थापित किए हैं। यह चुनाव न केवल दो उम्मीदवारों के बीच की लड़ाई है, बल्कि यह विचारधाराओं, विरासत और नवीनता के बीच की जंग भी है। आगामी वीडियो में हम इस चुनावी दंगल के अन्य पहलुओं पर नजर डालेंगे, जिसमें हम विश्लेषण करेंगे कि कैसे यह चुनाव सोलापुर के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

इस तरह यह स्पष्ट होता है कि सोलापुर की जनता ने दोनों प्रमुख दलों के प्रति अपना विश्वास जताया है, लेकिन वोट प्रतिशत में आई कमी यह भी दर्शाती है कि वे अन्य विकल्पों को भी तलाश रहे हैं। आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किस दिशा में अपना मत देते हैं।

नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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