बिहार के चुनावी मैदान में BJP ने एक नया दांव खेला है, जिसमें उन्होंने सीतामढ़ी में देवी सीता के लिए एक भव्य मंदिर बनाने का वादा किया है। इस वादे के साथ, पार्टी ने न केवल धार्मिक भावनाओं को छूने की कोशिश की है, बल्कि अपने हिंदू मतदाता आधार को और मजबूत करने का लक्ष्य भी रखा है।-Sita Temple Promise News
इस वादे से BJP को Bihar Election में फायदा हो सकता है, लेकिन इससे धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ सकता है। लेकिन क्या इस वादे से भाजपा को Bihar Election में क्या फायदा हो सकता है? और क्यों राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर जवाबी पर हमला किया है? आइए देखते हैं कि इस चुनावी मौसम में BJP के इस वादे का क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या यह उनके लिए जीत का मार्ग प्रशस्त करेगा।-Sita Temple Promise News
नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बिहार की एक विशाल रैली में वादा किया कि BJP सीतामढ़ी में देवी सीता का मंदिर बनवाएगी।
बिहार के सीतामढ़ी में एक रैली में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा, “हम, BJP ‘वोट बैंक’ से नहीं डरते। पीएम मोदी ने अयोध्या में राम लला का मंदिर बनवाया है, अब जो काम बाकी रह गया है वो है मा सीता के जन्मस्थान पर एक भव्य स्मारक बनाना। जो लोग राम मंदिर से दूर रहे वो ये नहीं कर सकते, लेकिन अगर कोई मा सीता के जीवन के आदर्श के अनुरूप मंदिर बना सकता है तो वो हैं नरेंद्र मोदी, वो है भाजपा।”
रैली के दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने इंडिया ब्लॉक के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद पर भी तीखा हमला किया।
शाह ने कहा, “आज लालू यादव सत्ता की राजनीति के लिए, अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी की गोद में बैठ गए हैं, जिसने अपना पूरा जीवन पिछड़ों और अति पिछड़ों का विरोध करने में बिताया है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस, राजद ने कभी भी बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बारे में नहीं सोचा, यह मोदी सरकार ने किया।”।
आपको बता दे कि BJP का सीता का मंदिर बनाने का वादा चुनावी राजनीति की एक रणनीतिक चाल है। पार्टी बिहार में अपने हिंदू मतदाता आधार को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और राम मंदिर की तरह ही सीता का मंदिर बनाने का वादा भाजपा को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने की संभावना है।
हालाँकि, कुछ लोगों का तर्क है कि BJP का वादा भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए हानिकारक है। उनका तर्क है कि भाजपा धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है, और इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।
बाकि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर BJP का देवी सीता के मंदिर निर्माण का वादा धार्मिक राजनीति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
वैसे इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा किया था। जिसके बाद भाजपा ने फिर से 2019 के लोकसभा चुनावों में अपना वादा दोहराया था। आखिरकार 2019 में ही, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया। जिसमे एक और विवादित घटना है जिसे जानना जरुरी है वो है इसी केस से जुड़े CJI रंजन गोगई। जिन्होंने अपने रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले ये फैसला सुनाया और इस फैसले के बाद उन्हें मोदी सरकार ने राज्य सभा सांसद बनाया था। जिसे सीधा अपने पद के दुरूपयोग से जोड़ा गया था।
खैर वापिस आते है आज के टॉपिक पर तो BJP को देवी सीता के मंदिर निर्माण के अपने वादे से बिहार में हिंदू मतदाताओं के बीच लाभ होने की प्रबल संभावना है।
हालंकि BJP का देवी सीता के मंदिर निर्माण का वादा भाजपा की व्यापक हिंदुत्व विचारधारा का हिस्सा है। यह वादा हिंदू भावनाओं को भुनाने और पार्टी के हिंदू मतदाता आधार को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है। ऐसे में यह वादा भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए भी एक चुनौती है।
तो ऐसे गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में देवी सीता का मंदिर बनाने का वादा किया है। यह वादा भाजपा की एक रणनीतिक राजनीतिक चाल है जिसका उद्देश्य हिंदू मतदाताओं को लुभाना और चुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाओं को बढ़ाना है। हालाँकि, कुछ लोगों का तर्क है कि यह वादा भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए हानिकारक है। लेकिन आने वाले समय में इसका क्या प्रभाव होगा यह अभी भी भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। आज के लिए इतना ही बाकि अन्य खबरों के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ। नमस्कार आप देख रहे रहे थे AIRR न्यूज़। -Sita Temple Promise News
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