The secret of Mahadev app revealed: BJP accuses Congress of having Mumbai connection | Chhattisgarh election 2023
Mahadev app का खुला राज: बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया मुंबई कनेक्शन का आरोप | छत्तीसगढ़ चुनाव 2023
आज हम बात करेंगे छत्तीसगढ़ के चुनावों के बारे में, जहां पहले चरण की वोटिंग 7 नवंबर को हुई है। इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना है Mahadev app का, जिसके जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी की जा रही है। बीजेपी ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भारी आरोप लगाए हैं, जबकि बघेल ने इन आरोपों को नकारा है। तो आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है और इसका चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
Mahadev app एक ऐसा ऐप है, जिसके जरिए लोग विभिन्न खेलों और घटनाओं पर शर्त लगा सकते हैं। इस ऐप का उपयोग करके लोग अपने मोबाइल फोन से ही लाखों रुपए कमा या खो सकते हैं। इस ऐप का मालिक कौन है, यह अभी तक साफ नहीं है, लेकिन ईडी के मुताबिक, इस ऐप के पीछे एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट है, जिसमें दुबई, थाइलैंड, चीन और भारत के लोग शामिल हैं। ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ में कई छापे मारे हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
बीजेपी ने इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाया है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने एक वीडियो जारी करके दावा किया है कि यह Mahadev app के मालिक शुभम सोनी का है, जिसकी जांच ईडी कर रही है। इस वीडियो में शुभम सोनी ने दावा किया है कि उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपए दिए हैं। बीजेपी ने कहा है कि बघेल को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
भूपेश बघेल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि यह बीजेपी की चाल है, जिसका उद्देश्य चुनावों में लोगों को भ्रमित करना है। उन्होंने कहा है कि यह वीडियो जाली है और उसमें दिखाए गए शख्स का वास्तविक पहचान नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे Mahadev app और ऐसे अन्य ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने को तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसमें सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी इस मामले में शामिल है और इस ऐप के मालिक को बचा रही है।
इस मामले का चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह तय है कि इसने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग 7 नवंबर को 20 सीटों पर हुई है, जिसमें 18 सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं।
इन सीटों पर 2018 में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी,
इन 20 सीटों पर 2018 में कांग्रेस का वोट शेयर 46.5 प्रतिशत था, जबकि बीजेपी का 32.9 प्रतिशत था। इस बार बीजेपी ने इन सीटों पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कई नए चेहरे उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है। बीजेपी ने इन सीटों पर महादेव ऐप के मामले को लेकर भूपेश बघेल के खिलाफ जनता को भड़काने की कोशिश की है, जबकि कांग्रेस ने अपनी सरकार के विकास कार्यों और जनहित की योजनाओं का जिक्र किया है।
इन 20 सीटों में से 18 सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं, जहां मतदान की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए, इन सीटों पर मतदान का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा गया था। इन सीटों पर मतदान के दौरान कोई बड़ी घटना नहीं हुई, लेकिन कुछ जगहों पर नक्सलियों ने बम फोड़े और मतदान केंद्रों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इन सीटों पर मतदान का प्रतिशत 76.6 प्रतिशत रहा, जो पिछली बार से कम है।
इन 20 सीटों के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे, जो इस चुनाव का मूड सेट करेंगे। इसके बाद, दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को 72 सीटों पर होगी, जिसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बस्तर जैसे महत्वपूर्ण शहर और जिले शामिल हैं। इन सीटों पर भी महादेव ऐप के मामले के साथ-साथ अन्य मुद्दे जैसे किसानों का कर्ज माफी, बिजली के बिल, कोरोना का प्रबंधन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी अधिकार, धर्मांतरण और गाय रक्षा जैसे मुद्दे उभर सकते हैं।
इस तरह, छत्तीसगढ़ के चुनाव में बहुत कुछ देखने को मिलेगा, जो राज्य के राजनीतिक नक्शे को बदल सकता है।
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