Maharashtra Congress में घमासान मचा हुआ है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के साथ सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी करने वाले संजय निरूपम पर पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।-Sanjay Nirupam – Maharashtra Congress
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Maharashtra Congress अध्यक्ष नाना पटोले ने पत्रकारों को बताया कि पार्टी ने निरूपम का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है और पार्टी और राज्य इकाई द्वारा नेतृत्व के खिलाफ उनके बयानों के लिए एक-दो दिन में उनके खिलाफ निर्णय लिया जाएगा।
पार्टी की चुनाव समिति की मुंबई के तिलक भवन में हुई बैठक के बाद पटोले ने कहा, ”उनका नाम स्टार प्रचारकों में शामिल था, जिसे रद्द कर दिया गया है। उन्होंने जिस तरह के बयान दिए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”-Sanjay Nirupam – Maharashtra Congress
इसपर संजय निरूपम ने सोशल मीडिया पर कहा, ”पार्टी को अपना बचाव करने के लिए अपने संसाधनों और ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि पार्टी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। मैंने पार्टी को जो समय दिया था वह आज समाप्त हो गया है। मैं कल अपनी अगली कार्रवाई का खुलासा करूंगा।”
आपको बता दे की इस घटना की शुरुआत तब हुई जब निरूपम ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीनों दलों द्वारा सीट-साझाकरण समझौते को अंतिम रूप दिए बिना मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से अमोल किर्तीकर को उम्मीदवार घोषित करने के लिए शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था।
उन्होंने बीएमसी के खिचड़ी घोटाले में एक आरोपी के रूप में किर्तीकर के नाम को लेकर भी निशाना साधा था और घोषणा पर सवाल उठाया था।
आपको बता दे कि अमोल, खिचड़ी घोटाले में एक आरोपी है। उसने ठेकेदारों से रिश्वत ले रखी हैं। खिचड़ी घोटाला कोविड-19 के दौरान हुआ था। जब बीएमसी ने पीड़ित को भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। शिवसेना के प्रस्तावित उम्मीदवार ने गरीबों को भोजन देने के लिए शुरू की गई योजना के तहत ठेकेदार से कमीशन लिया गया है ऐसा बताया जा रहा था।
अपनी भविष्य की कार्यवाही के बारे में बोलते हुए निरूपम ने कहा, “अब मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं। मैं एक सप्ताह इंतजार करूंगा और अपना निर्णय लूंगा।”
ऐन लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में निरूपम के खिलाफ कार्रवाई, पार्टी के भीतर जारी असंतोष का संकेत है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के साथ सीट-साझाकरण को लेकर निरूपम पहले से ही पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं।
कांग्रेस का अनुशासनात्मक उपाय इस तथ्य को रेखांकित करता है कि पार्टी असहमति को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी रैंक को मजबूत करना चाहती है।
तो इस तरह हमने जाना कि Maharashtra Congress ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के साथ सीट-साझाकरण समझौते को लेकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोलने के लिए संजय निरूपम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इससे पार्टी के भीतर चल रहे असंतोष का पता चलता है और यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि पार्टी असहमति को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।
नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज ।