कांग्रेस को लग रहे झटके पर झटके-Sambit Patra Vs Sucharita
सूरत, इंदौर के बाद अब पुरी में झटका
पुरी कांग्रेस प्रत्याशी Sucharita Mohanty का इनकार
सुचरिता ने फंड की कमी का दिया हवाला
पुरी में बीजेपी उम्मीवार हैं संबित पात्रा
बीजेपी को होगा फायदा ?
लोकसभा चुनाव अभी चल ही रहे हैं लेकिन कांग्रेस को इससे पहले ही झटके पर झटके लग रहे हैं…कांग्रेस के लिए मुश्किलों का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है.. उनके प्रत्याशी चुनाव लड़ने से ही इनकार कर रहे हैं.. ताजा मामला ओडिशा के पुरी से है.. ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी Sucharita Mohanty ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.. -Sambit Patra Vs Sucharita
उन्होंने अपना टिकट लौटाते हुए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखी चिट्ठी है.. इसमें सुचरिता ने चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं मिलने की बात कही है.. सुचरिता ने चिट्ठी में लिखा- मैं एक पेशेवर पत्रकार थी, जिसने 10 साल पहले राजनीति में प्रवेश किया था। मैंने पुरी में अपने कैंपेन में अपना सब कुछ झोंक दिया। मैंने पब्लिक डोनेशन की भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुई.. बिना पार्टी फंडिंग के चुनावी कैंपेन संभव नहीं होगा..
सुचरिता ने कहा कि मेरे टिकट लौटाने का पहला कारण यह है कि पार्टी मुझे फंड नहीं दे पा रही थी.. दूसरा यह कि राज्य की 7 विधानसभा क्षेत्रों की कुछ सीटों पर पार्टी ने जीतने वाले नेताओं को टिकट न देकर कमजोर उम्मीदवारों को उतारा है..
मैं इस तरह चुनाव चुनाव नहीं लड़ सकती… आपको बता दें कि सुचरिता पुरी सीट से भाजपा के संबित पात्रा और बीजू जनता दल के अरूप पटनायक के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं.. अरूप पटनायक मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं..
दोनों ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं.. कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव में भी सुचरिता को अपना प्रत्याशी बनाया था. ओडिशा में 13, 20, 25 मई और 1 जून को चार फेज में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.. पुरी लोकसभा सीट और राज्य की 7 विधानसभा सीटों के लिए 25 मई को मतदान होना है..
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 6 मई है.. आपको बता दें कि पुरी सीट पर कांग्रेस और बीजेडी का वर्चस्व रहा है. साल 1952 में स्थापना के बाद से पुरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस और BJD के वर्चस्व रहा है.. कांग्रेस ने यहां 6 बार- 1952, 1962, 1971, 1980, 1984 और 1996 में जीत दर्ज की है। 1998 से ये सीट BJD के पास है..
आपको बता दें कि इससे पहले 2019 के चुनाव में संबित पात्रा 12 हजार वोटों से हार गए थे.. 2019 के लोकसभा चुनाव में BJD के पिनाकी मिश्रा ने 5 लाख 38 हजार वोटों के साथ जीत हासिल की थी.. बीजेपी के संबित पात्रा 5 लाख 26 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.. कांग्रेस ने पिछले चुनाव में सत्य प्रकाश नायक को टिकट दिया था..
हालांकि, उन्हें सिर्फ 44,734 वोट मिले थे.. वहीं कांग्रेस पार्टी से नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है है.. पुरी से पहले कांग्रेस को मध्य प्रदेश के इंदौर और अहमदाबाद के सूरत सीट पर भी चुनाव से ठीक पहले झटका लगा है.. सूरत में गवाहों के नाम-साइन में गड़बड़ी के कारण कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था..
इसके बाद यहां से भाजपा कैंडिडेट मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद चुने गए थे… वहीं इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया.. वो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे..
नामांकन वापस लेने के बाद उन्होंने भाजपा भी जॉइन कर ली.. वहीं दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदिर सिंह लवली ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.. कुलमिलाकर कांग्रेस के लिए अभी कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.. ऐसे में कांग्रेस को मंथन और चिंतन की जरूरत है..
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