अभी तक यूक्रेन के खिलाफ जंग का हिस्सा क्यों नहीं बन पाया रूस का महाबली आर्मटा टैंक

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यूक्रेन पर रूस के हमले को दो साल बीत चुके हैं…बावजूद इसके रूस इस युद्ध में अबकतक निर्णायक जीत की ओर नहीं बढ़ सका है…रूसी सेना आज भी पूर्वी यूक्रेन में जेलेंस्की की सेना के शक्तिशाली विरोध का सामना कर रही है लेकिन इसके बाद भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अभी तक अपने स्टेट ऑफ द आर्ट हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है…इन हथियारों में टी-14 आर्मटा टैंक भी शामिल है…-Russia-Ukraine relationship

रूस इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली टैंक बताता है…आर्मटा को लेकर रूस का दावा है…इसमें दुश्मन के रडार से बचने लिए एक खास स्टील्थ कोटिंग की गई है.. इसके अलावा यूवी डिटेक्टर आने वाली फायर की तुरंत चेतावनी देते हैं.. इसमें पूरी तरह से ऑटोनोमस बुर्ज भी है.. जो किसी भी दिशा में खतरे का जवाब देने के लिए तेज गति से 360 डिग्री तक घूम सकता है.. इसके अलावा टी-14 आर्मटा टैंक में स्लैट कवच होता है.. जो एंटी-टैंक हथियारों और हाथ से पकड़े जाने वाले एंटी-टैंक ग्रेनेड लांचर जैसे करीबी लड़ाकू हथियारों से सुरक्षा देता है…लेकिन सवाल ये है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस ने अबतक इसे उतारा क्यों नहीं है…और इसे जंग में ना उतारे जाने को लेकर सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं…-Russia-Ukraine relationship

महाजंग में रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ अभी तक आर्मटा टैंक का इस्तेमाल नहीं किया गया है…जिसे लेकर पश्चिमी देशों के बीच टी-14 आर्मटा के इस्तेमाल न करने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं…द सन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अर्मटा को रूस का अब तक का सबसे उन्नत टैंक माना जाता है लेकिन पुतिन को डर है अगर आर्मटा को युद्ध में तैनात किया गया तो यूक्रेनी ड्रोन उन्हें उड़ा देंगे और उनकी स्थिति युद्ध में वैसी ही रहेगी जैसी अभी है यानि भले ही आर्मटा टैंक रूस का सबसे खतरनाक टैंक है लेकिन युद्ध के मैदान में दुश्मन से निपटने के लिए काफी नहीं है क्योंकि यूक्रेनी ड्रोन आर्मटा टैंक पर किसी भी हाल में भारी पड़ सकते हैं…वहीं ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का दावा है कि रूस टी-14 आर्मटा मेन बैटल टैंक को यूक्रेन में तैनात नहीं करेगा…रूस को युद्ध में अपने इस प्रतिष्ठित हथियार के खोने का डर है…इससे रूसी टैंक की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है…

रूस-यूक्रेन जंग में अबतक टैंकों की जो दुर्दशा हुई है उसे देखकर तो पश्चिमी मुल्कों के दावों में दम लगता है क्योंकि इस जंग में अबतक सबसे कामयाब ड्रोन साबित हुए हैं…जो सस्ते भी हैं और असरदार भी…ऐसे में हो सकता है कि आर्मटा को लेकर इन मुल्कों के दावें सही हों…लेकिन एक सच ये भी है कि अगर रूस के इस महाबली जंगी टैंक ने युद्ध में एंट्री की तो गेम चेंज हो जाएगा क्योंकि इसकी ताकत के आगे बाकी हथियार बौने हैं…ऐसे में इसकी कमी निकालने वाले भी नहीं चाहेंगे कि ये डेंजरस टैंक जंग के मैदान में दहाड़े…

 रूस को युद्ध में अपने इस प्रतिष्ठित हथियार के खोने का डर है…इससे रूसी टैंक की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है…

 क्या रूस टी-14 आर्मटा टैंक को जंग में नहीं उतारेगा?

 यूक्रेनी ड्रोन रूसी टी-14 आर्मटा टैंक पर कैसे भारी पड़ेंगे?

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