Rudrabhishek in Sawan : सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने का विषेश महत्व होता है। आइए आज के इस लेख में इसी से संबंधित विस्तार से जानते हैं साथ ही ये भी जानेंगे कि रुद्राभिषेक पूजा विधि क्या होती है।
Rudrabhishek in Sawan: रुद्राभिषेक का सीधा संबंध भगवान शिव से है। रुद्र, भगवान शिव के नाम का एक पर्याय है। रुद्राभिषेक शब्द का अर्थ है कि रुद्र का अभिषेक यानी भगवान शिव का अभिषेक करना। हिंदू धर्म में रुद्राभिषेक का बहुत महत्व होता है। वैसे तो इसका महत्व आम समय में ही बहुत होता है मगर सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने का महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यताओं के अनुसार जिसकी कुंडली में कोई दोष या पाप होता है, ज्योतिष उन्हें श्रावण मास में रुद्राभिषेक करने का सलाह देते हैं। बहुत से लोग रुद्रभिषेक अपने श्रद्धा से करवाते हैं, क्योंकि इस क्रिया के माध्यम से व्यक्ति अपने निजी जीवन से जुड़े दुखों से भी निजात पा सकते हैं। रुद्राभिषेक में 108 पवित्र द्रव्यों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। रुद्राभिषेक करने के कुछ नियम होते हैं, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए। – Rudrabhishek in Sawan
रुद्राभिषेक के सामान्य नियम
अगर आप भी रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो सबसे पहले उसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें। पूजा करने वाले व्यक्ति को स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। पूजा स्थल पर सात्विक वातावरण बनाए रखें। पूजा के दौरान मन को शांत रखें और एकाग्रता से भगवान शिव का ध्यान करें। रुद्राभिषेक के बाद गरीब या जरूरतमंद दान-पुण्य करें। एक और महत्वपूर्ण बात, रुद्राभिषेक की पूरी विधि के दौरान श्रद्धा के भाव से पूजा अर्चना की जानी चाहिए।
रुद्राभिषेक के कुछ महत्वपूर्ण विधि
सबसे पहले पूजा स्थल यानी शिवलिंग के चारो तरफ की सफाई करें। आस पास भगवान गणेश और भगवान नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी आराधना करें। एक पवित्र जल से भरा कलश स्थापित करें और उसमें स्वास्तिक और मंगल कलश का चित्र बनाएं। कलश में सुपारी, नारियल, पंचरत्न, सिक्के, अक्षत, रोली, चंदन, लाल धागा आदि डालें। शिवलिंग को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं। फिर, शिवलिंग पर क्रमशः दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, पंचामृत, चंदन, तिल, धान, हल्दी, कुमकुम, बेलपत्र, आंकड़े के फूल, कमल के फूल, शमी के पत्ते आदि अर्पित करें।
इस बात का बहुत खास ध्यान रखें कि प्रत्येक द्रव्य अर्पित करते समय उसका मंत्र भी बोलें। इसके लिए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं। इसके बाद पूजा के अंत में आरती करें और भगवान शिव से प्रार्थना करें। – Rudrabhishek in Sawan
रुद्राभिषेक मंत्र-
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवोमे अस्तु सदाशिवोय् ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्यो खिलं जगत् ।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् । सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्रायनमो अस्तु ॥
रुद्राभिषेक का महत्व:
- रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- यह रोग, शोक और ग्रहों के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाता है।
- संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए भी रुद्राभिषेक बहुत फलदायी माना जाता है।
- रुद्राभिषेक करने से व्यापार में वृद्धि और सफलता मिलती है।
- इन सब के अलावा इस पूजा से आस पास एक सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनता है, जिसका सीधा असर हमारे व्यक्तित्व और व्यवहार पर पड़ता है।