Ruckus Over Distribution Of Burqa In Mumbai एकनाथ शिंदे की शिवसेना की विधायक पर लगा आरोप, जानिए किस तरह की आ रही हैं प्रतिक्रियाएं?

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Ruckus over distribution of burqa in Mumbai: Eknath Shinde's Shiv Sena MLA accused, know what kind of reactions are coming?
Ruckus over distribution of burqa in Mumbai: Eknath Shinde's Shiv Sena MLA accused, know what kind of reactions are coming?
मुंबई की राजनीति में हाल ही में गर्मी बढ़ गई जब शिंदे गुट की विधायक यामिनी जाधव ने भायखला क्षेत्र में मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया। बैनर और पोस्टर में दावा किया गया कि यह पहली बार है जब इस क्षेत्र में बुर्का बांटे जा रहे हैं। इस पहल के बाद विवाद उठ गया, क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने इसे धर्म आधारित अवसरवादी राजनीति का आरोप लगाया। 

मुंबई में राजनीति के ताज़ा घटनाक्रम ने हाल ही में एक नया मोड़ लिया है। शिंदे गुट की विधायक यामिनी जाधव ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का बैनर और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

विवाद का कारण और कार्यक्रम का विवरण

शिंदे गुट की विधायक यामिनी जाधव ने मुंबई के भायखला क्षेत्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बुर्का वितरित किया गया। इस कार्यक्रम के प्रचार के लिए लगाए गए बैनर और पोस्टर में लिखा गया था कि इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटे जाएंगे। बैनर पर विधायक का नाम और कार्यक्रम का विवरण भी था।

बैनर और पोस्टर के वायरल होने के बाद, इस कार्यक्रम को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। विपक्षी पार्टियों ने इस कदम को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन पर धर्म आधारित अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस तरह की गतिविधियाँ केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए की जा रही हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आरोप

विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियाँ चुनावी लाभ के लिए समुदाय विशेष को खुश करने की कोशिश हैं। विपक्ष का दावा है कि यह एक प्रकार की धर्म आधारित राजनीति है, जो केवल चुनावी फायदे के लिए की जा रही है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना की विधायक द्वारा बुर्का वितरण की इस घटना को लेकर विपक्ष ने सत्तारूढ़ गठबंधन की आलोचना की है। उनके अनुसार, यह एक अवसरवादी कदम है जिसका उद्देश्य मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में लाना है। इस मामले ने राजनीति के क्षेत्र में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है और चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है।

चुनावों की तैयारी और समाज में प्रभाव

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं। सभी राजनीतिक दल मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपना रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, यामिनी जाधव का बुर्का वितरण कार्यक्रम एक नया मोड़ लाया है।

पूरी तरह से चुनावी राजनीति का हिस्सा

पार्टी के भीतर और समाज में इस कार्यक्रम के प्रभाव को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं, जबकि दूसरों का कहना है कि यह पूरी तरह से चुनावी राजनीति का हिस्सा है।

महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच होगी टक्कर

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में असली टक्कर महायुति जिसमें भाजपा, एनसीपी और शिवसेना शामिल हैं और महाविकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं। इन दोनों गुटों के बीच असली टक्कर मानी जा रही है। बीते लोकसभा चुनावों में महाविकास अघाड़ी ने बाजी मार ली थी, लेकिन अबकी बार यानी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा आरएसएस का सहारा लेने के लिए तैयार है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विधानसभा में लड़ाई काफी टक्कर की हो सकती है। 

कांग्रेस, शरद पवार गुट और शिवसेना (यूबीटी) में नहीं है कोई मतभेद

महाविकास अघाड़ी के दलों के बीच किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। पहले यह माना जा रहा था कि चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में मतभेद पैदा हो सकता है, लेकिन उद्धव ठाकरे ने यह क्लियर कर दिया है कि भाजपा को रोकने के लिए हम किसी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। शिवसेना (यूबीटी) को मुख्यमंत्री पद की लालच नहीं है। 

भाजपा की तरफ से देवेंद्र फणनवीस को मिली है बड़ी जिम्मेदारी

राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। देवेंद्र फणनवीस ही सभी दलों के नेताओं के साथ टिकट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं। साथ ही वे अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए आरएसएस के साथ भी कई मीटिंग कर चुके हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आरएसएस के आने से भाजपा को बड़ा फायदा मिल सकता है। 

NCP नेता अजीत पवार भी कोशिस में लगे

हालांकि, एनसीपी और शिवसेना नेताओं के बीच कई बार मतभेद सामने आ चुके हैं, लेकिन देवेंद्र फणनवीस इन सबके साथ मिलकर सभी नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं। इससे यह साफ तौर पर माना जा रहा है कि तीनों दलों के नेताओं के बीच के मतभेद दूर करके सभी दल एक साथ बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार हो सकते हैं।

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