Republic Day 2025 Speech : 26 जनवरी, रिपब्लिक डे का दिन भारत के लिए बेहद खास है. इस दिन राजपथ पर सांस्कृतिक झांकियां निकाली जाती हैं. भारतीय सेना के जवान अपना पराक्रम दिखाते हैं. गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) के अवसर पर स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इनमें बच्चे डांस करते हैं, देशभक्ति गीत गाया करते हैं. वीरों की कहानियां सुनाते हैं या स्पीच देते हैं. अगर आपका बच्चा भी छोटा है और इस गणतंत्र दिवस पर अपना स्पीच तैयार करना चाहता है तो यहां जानिए उसके लिए शॉर्ट स्पीच आइडिया, जिसे सुन तालियां गूंज उठेंगी.
बच्चों को स्पीच से पहले सिखाएं ये बातें
गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas 2025) के मौके पर अगर आपका बच्चा स्टेज पर स्पीच देने के लिए तैयार है तो उसे कुछ जरूरी बातें जरूर सिखाएं. जैसे- स्टेज पर जाते समय अपने कॉफिडेंस लेवल को लो न करें. स्टेज पर जाकर सबसे पहले सामने बैठे गेस्ट्स और बाकी लोगों को प्रणाम करें. अगर स्टेज पर कोई लाइन भूल जाए या मिस हो जाए तो परेशान होने की बजाय स्पीच पूरी करे.
रिपब्लिक डे पर बच्चों के लिए शॉर्ट और मोटिवेशनल स्पीच
गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां आए सभी मुख्य अतिथियों और छात्र-छात्राओं को मेरा प्रणाम है। जैसा हम सभी जानते हैं कि आज ही के दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू किया गया था. उस दिन से लेकर आज तक हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर खास अंदाज में मनाते आ रहे हैं. जब देश आजाद हुआ था, तब हमारे पास खुद का कोई संविधान नहीं था. काफी सलाह-मशविरा के बाद डॉ. भीमराव अंबेडर के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई. जिसने संविधान का ड्रॉफ्ट तैयार कर विधान परिषद के सामने पेश किया.
2 साल 11 महीने 18 दिन में बनने वाले संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया. फिर 26 जनवरी, 1950 को पूरी तरह लागू कर दिया गया. यह दिन हमें लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता के महत्व की याद दिलाता है. यह एक ऐसा पर्व है, जो हमें अपने देश के प्रति समर्पण की बातें सिखाता है. इस दिन की हम सभी को शुभकामनाएं.
आज रिपब्लिक डे है. यहां मौजूद सभी मुख्य अतिथि, टीचर्स और स्टूडेंट्स का स्वागत है. आज दिन है उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का, जिन्होंने देश को न सिर्फ आजाद करवाया बल्कि उसे एक सूत्र में पिरोया. यह दिन हमें अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों का सम्मान करना सिखाता है. आजादी मिलना हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी लेकिन यह तब और बड़ी हो गई, जब उसे संविधान निर्माताओं ने संजोया, गणतंत्र के तौर पर मजबूत आधार बनाया.
डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे महापुरुषों की सूझबूझ और दूरदर्शिता ने हमें संविधान का वो प्रकाश स्तंभ दिया, जो लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर न्याय, समानता और भाईचारे की उजाले की ओर ले जा रहा है. 26 जनवरी का दिन भारतीय लोकतंत्र की ताकत को दिखा रहा है. हमें इसी का पलान करते हुए देश को आगे बढ़ाने की तरफ चलना चाहिए. आइए आज संकल्प लें कि हम अपने कर्तव्यों को सही तरह निभाएंगे और भारत को दुनिया में आगे ले जाएंगे.
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षक गण और मेरे प्यारे दोस्तों…आज हम यहां जश्न मनाने हुए इकट्ठा हुए हैं, जो न सिर्फ हमारी जीत का प्रतीक है, बल्कि हमारी लोकतांत्रिक भावना की जीत भी दिखाता है. आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं. संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का माध्यम है और इसकी आत्मा भी. 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ, जिसने देश को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया। इस दिन को हम अपने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं.
हमारा संविधान हमें स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार देता है. हम सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए एक मजबूत राष्ट्र बनाने का काम करना चाहिए. आइए हम सब मिलकर इस दिन को खास बनाएं, कर्तव्यों को निभाएं.जय हिंद