Lower 01—Unveiling the Truth: Real vs. Fake Political Figures in Maharashtra
Lower 02— Who is considered real and who is considered fake in the political landscape of Maharashtra?
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS….काफी दिनों के मंथन के बाद आखिरकार Maharashtra में विपक्षी गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है…सीट समझौते के तहत Maharashtra की कुल 48 सीटों में से 21 पर शिवसेना उद्धव गुट, 17 पर कांग्रेस और 10 सीटों पर NCP शरद गुट चुनाव लड़ेगी…इससे पहले Maharashtra में महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर काफी माथापच्ची होती रही है…कई मुलाकातों और बैठकों के बाद ही सीट बंटवारे पर समझौता हो पाया है…पिछले दिनों मुंबई के शिवालयम में महाविकास अघाड़ी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी गई…
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में Maharashtra में विपक्षी गठबंधन केकई नेता शामिल हुए…शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने Maharashtra में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सबको समझाया…आपको बता दें कि विपक्षी गठबंधन में Maharashtra की भिवंडी, सांगली, साउथ सेंट्रल मुंबई और सातारा सीट को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था..इन सीटों पर कांग्रेस अपना दावा पेश कर रही थी लेकिन आखिरकार कांग्रेस को अपने दावे से पीछे हटना पड़ा और महाविकास अघाड़ी के बीच सीट शेयरिंग की गुत्थी सुलझ गई लेकिन इन सबके बीच इस बार Maharashtra में सियासत बेहद दिलचस्प होती दिख रही है…
जहां विपक्ष सत्ता में वापसी करने को बेताब दिखाई दे रहा है तो वहीं इस बार का लोकसभा चुनाव Maharashtra के क्षेत्रीय दलों के लिए अपनी पहचान, सम्मान और अस्मिता से सीधे तौर परजुड़ा है…राजनीति के जानकार मानते हैं कि खासकर Maharashtra की क्षेत्रीय पार्टियों के लिएये लोकसभा चुनाव जीत से कहीं ज़्यादा खुद को स्थापित करके अपनी पहचान को बचाने से जुड़ा है…ये चुनाव ‘असली’ बनाम ‘नकली’ की परिभाषा को भी तय करेगा…क्योंकि इस चुनाव में प्रदेश की जनता अपने मतदान से कई क्षेत्रीय दलों के असली वारिस का फैसला भी करने वाली है…
शिवसेना और NCP के दो गुटों में बंटने के बाद ये आम चुनाव इनके आने वाले राजनीति वर्चस्व को भी तय करेगा…आखिरकार Maharashtra की जनता ही तय करेगी कि शिव सेना और NCP का असली उत्तराधिकारी कौन होगा…बात शिवसेना की करें तो अगर उद्धव ठाकरे कोर मराठी वोटर्स को अपने पाले में करने में कामयाब हो जाते हैं तो ये तय हो जाएगा कि Maharashtra की जनता पुरानी शिवसेना को ही अपना सबसे बड़ा शुभचिंतक मानती है…-Real vs. Fake Political Figures in Maharashtra
लेकिन कांग्रेस से गठबंधन करने के बाद उद्धव ठाकरे का अपनी कट्टर हिंदूवादी विचारधारा से समझौता करना पार्टी के लिए भारी भी पड़ सकता है…वहीं Maharashtra की राजनीति में पिछले 55 सालों से बारामती सीट को पवार परिवार का गढ़ माना जाता है…इस बार यहां उम्मीदवार के नाम भले ही दोनों चेहरे पवार परिवार से हों लेकिन जिसे जनता का साथ और सहानुभूति मिली वहीं रेस में आगे निकल जाएगा और उसे ही NCP का असली बॉस समझा जाएगा…
असल में देखा जाए तो ये लोकसभा चुनाव Maharashtra में विपक्ष के लिए किसी भी तरह से आसान रहने वाला नहीं है…इस नए राजनीतिक गठबंधन ने अब तक मिलकर कोई चुनाव भी नहीं लड़ा है ऐसे में सत्ताधारी दल विपक्ष के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकता है…ऐसी ही खास जानकारी के लिए देखते रहिए AIRR NEWS….