आखिर क्यों भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 फरवरी 2024 तक Paytm Payments Bank लिमिटेड को नए क्रेडिट और जमा ऑपरेशन, टॉप-अप, फंड ट्रांसफर और अन्य ऐसे बैंकिंग ऑपरेशन करने से रोकने का फैसला किया है। जबकि इससे पेटीएम की क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे वह अपने पारंपरिक ग्राहकों को अपने परिप्रेक्ष्य में बनाए रखने और उन्हें भुगतान उत्पाद और ऋण उत्पाद बेचने में असमर्थ हो जाएगा। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसका सीधा असर देश के करोड़ों डिजिटल भुगतान उपयोगकर्ताओं और उद्यमियों पर पड़ेगा। तो चलिए जानते हैं कि आखिर RBI ने पेटीएम को क्यों रोका है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
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Paytm Payments Bank लिमिटेड एक ऐसा बैंक है, जो अपने ग्राहकों को वॉलेट, बैंक खाता, डेबिट कार्ड, भुगतान गेटवे, यूपीआई, फास्टैग, बिल भुगतान और अन्य ऐसी सुविधाएं प्रदान करता है। पेटीएम के पास 33 करोड़ से अधिक वॉलेट खाते हैं, जिनमें से 10 करोड़ हर महीने लेन-देन करते हैं। Paytm अपने ग्राहकों को भुगतान उत्पादों के साथ-साथ ऋण उत्पादों भी बेचता है, जैसे पर्सनल लोन, बाइक लोन, गोल्ड लोन आदि।
लेकिन RBI ने पेटीएम को इन सभी ऑपरेशन को करने से रोक दिया है। RBI का कहना है कि पेटीएम ने अपने बैंकिंग नियमों और अनुशासन का पालन नहीं किया है। RBI ने पेटीएम को पहले भी मार्च 2022 में नए ग्राहकों को जोड़ने से रोका था, लेकिन उसके बाद भी पेटीएम ने अपनी गलतियों को सुधारने में नाकामयाबी हासिल हुई। RBI ने पेटीएम का एक व्यापक आईटी ऑडिट करवाया और उसमें अनेक अनुपालन की कमियां पाईं।
आपको बता दे कि RBI के इस कदम से पेटीएम के व्यापार मॉडल, ग्राहक आधार और भविष्य की संभावनाओं पर गहरा असर पड़ेगा। पेटीएम को अपने ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म पर बनाए रखने के लिए नए तरीके ढूंढने होंगे, जैसे कि अन्य बैंकों या भुगतान सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी करना, अपने उत्पादों को अधिक आकर्षक और अनूठा बनाना, अपनी ग्राहक सेवा और सुरक्षा को बेहतर बनाना आदि। पेटीएम को अपने ऋण उत्पादों को भी पुनर्विकसित करने की जरूरत होगी, क्योंकि वह अपने बैंक के जरिए उन्हें प्रदान नहीं कर सकता है।
वैसे पेटीएम के लिए ये एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसके प्रतिद्वंद्वी और प्रतिस्पर्धी इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। भारत में डिजिटल भुगतान का क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इसमें कई खिलाड़ी हैं, जैसे कि फोनपे, गूगल पे, अमेजन पे, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज आदि। इनमें से कुछ तो पहले से ही बैंकिंग लाइसेंस रखते हैं, जैसे कि फोनपे, जो एक्सिस बैंक के साथ मिलकर काम करता है। वैसे इन भुगतान सेवा प्रदाताओं को पेटीएम के ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अधिक सुविधाएं, प्रोत्साहन और छूट प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
हालाँकि पेटीएम के प्रतिनिधि ने RBI के इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि वह अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। वह आशा जताता है कि RBI जल्द ही इस मामले को सुलझाएगा और पेटीएम को अपने बैंकिंग ऑपरेशन फिर से शुरू करने की अनुमति देगा। उद्योग के विशेषज्ञों ने भी पेटीएम का समर्थन किया है और कहा है कि RBI को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अधिक उदार और सकारात्मक होना चाहिए।
तो यह था पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर RBI के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर हमर खास कार्यक्रम जिसमे हमने जाना कि इससे पेटीएम को RBI के इस कदम से कितनी नुकसान हो सकता है और इसके प्रतिद्वंद्वी और प्रतिस्पर्धी को कितना फायदा होने कि संभावना है। हमने यह भी जाना कि पेटीएम को अपने व्यापार को बचाने और बढ़ाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने होंगे और RBI को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र को समर्थन देने के लिए क्या करना चाहिए।
इसके अलावा हमने जाना कि RBI के इस कदम के पीछे पेटीएम की लापरवाही गंभीर वजह बनी है और इसलिए वह पेटीएम को अपना पीपीआई (प्री-पेड इंस्ट्रुमेंट) लाइसेंस वापस लेने की ओर बढ़ रहा है। पीपीआई लाइसेंस के बिना पेटीएम अपने वॉलेट यूजर को सेवाएं नहीं दे पायेगा।
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