नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज , जहां हम आपको देश और दुनिया की ताजा और रोचक खबरें का विश्लेषण पेश करते हैं। आज की खास पेशकश है , अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और सुधीर शर्मा का शामिल होना। यह एक ऐसी घटना है, जिसने कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर राजनीतिक हलचल पैदा की है। आइए जानते हैं, कि इस घटना का पूरा परिदृश्य क्या है, और इससे जुड़े व्यक्तियों, घटनाओं, तथ्यों का आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक विवेचन करते हैं।- Ram Mandir Consecration
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का दिन था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की मूर्ति को भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इस समारोह में भारत के विभिन्न राज्यों और संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिनमें से कुछ तो बीजेपी और उसके साथी दलों के नेता थे, जबकि कुछ अन्य दलों के नेता भी थे। इनमें से दो नाम हैं, विक्रमादित्य सिंह और सुधीर शर्मा, जो कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं, और हिमाचल प्रदेश की सरकार में मंत्री भी हैं।-Ram Mandir Consecration
विक्रमादित्य सिंह कौन हैं? विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं, और उनकी माता प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष हैं। विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, और लोकनिर्माण मंत्री भी हैं। विक्रमादित्य सिंह का जन्म 1989 में हुआ था, और उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। विक्रमादित्य सिंह 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह दो बार विधायक बने हैं। उन्होंने 2017 में अपना पहला चुनाव जीता था, और 2023 में फिर से जीता था।
आपको बता दे कि, विक्रमादित्य सिंह और सुधीर शर्मा ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने का जो फैसला लिया , वो पार्टी के रुख के विपरीत था, क्योंकि कांग्रेस ने इस आयोजन को बीजेपी का राजनीतिक दिखावा बताया था, और इसके लिए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने पहले तो कहा था कि वे इस आयोजन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना रुख बदल लिया, और कहा कि वे कभी भी राम मंदिर जा सकते हैं। वे रविवार को चंडीगढ़ से लखनऊ पहुंचे और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें राज्य अतिथि घोषित कर दिया। उन्होंने अपने समकक्ष मंत्री जितिन प्रसाद से भी मुलाकात की।-Ram Mandir Consecration
सुधीर शर्मा भी एक कांग्रेस विधायक हैं, जो धर्मसाला विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हैं। उन्होंने भी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, और इससे उनकी पार्टी के साथ कोई विरोध नहीं है। उन्होंने भी रविवार को अयोध्या पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज की , और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें भी राज्य अतिथि का दर्जा दिया।
ऐसे में विक्रमादित्य सिंह और सुधीर शर्मा के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने से, कांग्रेस पार्टी के अंदर एक नई चुनौती उठी है। कांग्रेस ने इस आयोजन को बीजेपी का राजनीतिक दिखावा बताया था, और इसके लिए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। कांग्रेस ने यह भी कहा था कि यह आयोजन भारत की गंभीर समस्याओं को छिपाने का एक तरीका है, और इससे देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को नुकसान पहुंचेगा। लेकिन विक्रमादित्य सिंह और सुधीर शर्मा ने अपनी पार्टी के रुख को नजरअंदाज करते हुए, अपने धार्मिक और आस्थेतिक भावनाओं को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण एक राष्ट्रीय विषय है, और इसमें किसी भी धर्म या दल का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
इससे कांग्रेस पार्टी के अंदर एक विभाजन का संकेत मिलता है, जिसमें कुछ नेता राम मंदिर के प्रति सकारात्मक रुख रखते हैं, जबकि कुछ नेता इसे बीजेपी के द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया मुद्दा मानते हैं। इससे कांग्रेस की एकता और नेतृत्व पर भी सवाल उठते हैं, और इसका प्रभाव आने वाले चुनावों में भी दिखाई दे सकता है। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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