Public Library in Rajasthan: राजस्थान सरकार ने ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है. अब ग्राम पंचायत स्तर पर सार्वजनिक पुस्तकालय खोले जाएंगे. इस योजना की शुरुआत भरतपुर और जोधपुर जिलों से होगी. शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने शनिवार (15 मार्च) को इस संबंध में एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी.
राज्य सरकार की शिक्षा विभाग ने लिखा, “ग्राम पंचायत स्तर पर भी खुलेंगे सार्वजनिक पुस्तकालय, शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल में शनिवार को आयोजित राज्य पुस्तकालय समिति की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश में सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास एवं सुदृढीकरण हेतु अब ग्राम पंचायत स्तर पर भी सार्वजनिक पुस्तकालय शुरू किए जाने का अहम निर्णय लिया.”
“ग्राम पंचायत स्तर पर भी खुलेंगे सार्वजनिक पुस्तकालय”
शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल में शनिवार को आयोजित राज्य पुस्तकालय समिति की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश में सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास एवं सुदृढीकरण हेतु अब ग्राम पंचायत स्तर पर भी… pic.twitter.com/pnp2DqM3ai
— Dept of Education, Rajasthan (@rajeduofficial) March 15, 2025
क्या है सार्वजनिक पुस्तकालय का उद्देश्य?
न्यूज एजेंसी राज्य पुस्तकालय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान (कोलकाता) द्वारा दी जा रही सहायता के तहत प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना की जाएगी. बैठक की अध्यक्षता शिक्षा विभाग के सचिव (शासन) कृष्ण कुणाल ने की.
पहले चरण में भरतपुर और जोधपुर में 100 पुस्तकालय
प्रवक्ता के अनुसार, प्रथम चरण में भरतपुर और जोधपुर जिलों में 50-50 ग्राम पंचायत पुस्तकालय खोले जाएंगे. ये पुस्तकालय ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित सरकारी भवनों में स्थापित किए जाएंगे.
पुस्तकालयों में होंगी ये सुविधाएं
इन पुस्तकालयों में 20 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था होगी, साथ ही कंप्यूटर, चरित्र निर्माण और करियर मार्गदर्शन से संबंधित साहित्य भी उपलब्ध रहेगा. राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान के महानिदेशक डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अगले चरण में राजस्थान के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर तक सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने की योजना बनाई जा रही है.
साल 2024-25 के लिए सार्वजनिक पुस्तकालयों के भवन निर्माण, विस्तार, फर्नीचर और सेमिनार आदि पर चर्चा की गई. इस योजना के तहत प्रतिष्ठान द्वारा राज्य को कुल 3.42 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1.37 करोड़ रुपये राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी.
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