Railway : मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट के रहने वाले राजन झा अपने परिवार के साथ महाकुंभ में स्नान करने प्रयागराज जाना चाहते थे. लेकिन रेलवे की लापरवाही से वह नहीं जा पाए. राजन ने इस मामले की शिकायत रेलवे प्रशासन से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद उन्होंने उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज कराया और 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. वहीं, अब उपभोक्ता फोरम ने रेलवे के अफसरों को नोटिस जारी किया है.
क्या है पूरा मामला?
मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट निवासी राजन झा मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करने के लिए सास-ससुर के साथ 27 जनवरी को प्रयागराज जाने के लिए निकले. इसके लिए उन्होंने पहले से ट्रेन की टिकट बुक कर रखी थी. जब वे स्टेशन पहुंचे और अपनी ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, तो देखा कि जिस बोगी में उनकी सीट थी, उसका दरवाजा अंदर से बंद था. कई कोशिशों के बावजूद वे बोगी में नहीं चढ़ सके.थक हारकर राजन ने इस मामले की शिकायत रेलवे प्रशासन से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही बोगी का दरवाजा खुलवाया गया.
उपभोक्ता फोरम में की रेलवे की शिकायत
इस घटना के बाद राजन झा ने मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से मुजफ्फरपुर उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज कराया और 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. अब उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में रेलवे के कई अधिकारियों, स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, डीआरएम सोनपुर, जीएम ईस्ट सेंट्रल रेलवे और भारतीय रेल के चेयरमैन व सीईओ को नोटिस जारी किया है.
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9 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी, जिसमें आयोग ने सभी पक्षों को उपस्थित रहने का आदेश दिया है. अधिवक्ता का कहना है कि रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि यात्रियों को समय पर और सुरक्षित यात्रा करवाई जाए, लेकिन वह इसमें विफल रहा.
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