कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी ने रायबरेली से नामांकन क्या भरा, लोकसभा चुनाव की चर्चा में जैसे एक बड़ा उछाल आ गया…हर कोई रायबरेली की बात कर रहा है…कांग्रेस के फैसले को समझ रहा है और राहुल गांधी के दम को आंक रहा है…राहुल गांधी अमेठी छोड़कर रायबरेली क्यों आए? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस कहती है कि रायबरेली सिर्फ़ सोनिया गांधी की नहीं, इंदिरा गांधी की सीट रही है…कांग्रेस बताती है कि ये विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है…-rahul in raebareli
कांग्रेस के फैसले और राहुल के नामांकन के बाद इस बात की चर्चा तेज़ हो गई है, कि क्या अबकी बार अमेठी छोड़कर रायबरेली में जिम्मेदारी और कर्तव्य निभाने आए राहुल गांधी के लिए दिक्कत बढ़ सकती है…वो भी इसलिए क्योंकि इसी रायबरेली में आने वाली 5 विधानसभा सीट में से 3 पर कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में जमानत तक जब्त हो चुकी है…जिसका हवाला देकर BJP कांग्रेस को कमतर बता रही है…योगी राज में उसकी नैया डुबा रही है…चुनावी रण में कांग्रेस के रायबरेली सीट छिनने की बात कर रही है…-rahul in raebareli
बीजेपी को आखिर ये भरोसा क्यों है कि इस बार अमेठी की तरह रायबरेली से भी राहुल गांधी को भागना पड़ेगा.. इस दावे के सच को समझने के लिए आकंड़ों की गहराई को समझनी होगी…आइए हम आपको विस्तार से समझाते हैं…-rahul in raebareli
दरअसल 2009 में सोनिया गांधी को 72.23 फीसदी वोट मिले थे…जबकि बीजेपी को महज 3.82 फीसदी वोट मिले…मतलब जीत का अंतर 68.41 फीसदी वोट का था…2014 में सोनिया को 36.8 फीसदी वोट मिले और बीजेपी को 21.05 फीसदी…यानी कि जीत का अंतर घटकर 42.75 फीसदी रह गया…2019 में सोनिया को मिले 55.78 फीसदी वोट जबकि बीजेपी को 38.5 फीसदी वोट मिले…इस बार जीत और हार का अंतर घटकर 17.43 फीसदी रह गया…
यहां दो बातों पर गौर करना जरूरी है…पहला ये कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हार जीत का अंतर 17.43 वोट का था…और 14 से लेकर 19 तक तीनों बार बीजेपी का वोट प्रतिशत लगभग 17-18 फीसदी के बीच बढ़ता रहा है…यही वजह है कि बीजेपी पिछले नंबरों पर भरोसा कर के इस बार भी राहुल को रायबरेली से भगाने का दावा करती है…क्योंकि बचा हुआ 17-18 फीसदी का अंतर इस साल हर हाल में खत्म हो जाएगा…
लेकिन बीजेपी इस बात से भी डर रही है कि इस बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है…ऐसे में एसपी का वोट कांग्रेस को अगर ट्रांसफर हुआ तो फिर राहुल की जीत आसान हो जाएगी…वो कैसे होगी…इसे ऐसे समझते हैं
2 साल पहले विधानसभा चुनाव में रायबरेली की 5 विधानसभा में कांग्रेस को केवल 1,40,706 वोट मिले थे, बीजेपी को रायबरेली लोकसभा के भीतर की 5 असेंबली सीट पर 2022 में 3,81,625 वोट मिले थे…समाजवादी पार्टी को 2022 में सबसे ज्यादा 4,02,179 वोट मिले…और समाजवादी पार्टी का यही सबसे ज्यादा वोट अगर कांग्रेस को ट्रांसफर होता है तो रायबरेली में राहुल गांधी की जीत आसान होगी…जो बीजेपी के लिए खतरे की घंटी होगी…
यही वजह है कि इस बार कांग्रेस खामोश है, क्योंकि उसे पता है कि उसका काम बीजेपी के नेता कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी का वोट उनके पास है…इसलिए इस बार रायबरेली से राहुल की उम्मीदवारी ने, थोड़ा ही सही बीजेपी का सिरदर्द बढ़ा दिया है…
कांग्रेस कहती है कि रायबरेली सिर्फ़ सोनिया गांधी की नहीं, इंदिरा गांधी की सीट रही है…
क्या राहुल वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत हासिल करेंगे?
रायबरेली के रण में इस बार किस तरह की तस्वीर सामने आएगी?
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