Rahul Gandhi’s Major Declaration on Reservation and Caste Census 

HomePoliticsRahul Gandhi’s Major Declaration on Reservation and Caste Census 

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान झारखंड में एक रैली में जाति की जनगणना और आरक्षण की सीमा को हटाने का वादा किया। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में जाति की जनगणना कब और कैसे हुई है? क्या आप जानते हैं कि आरक्षण की सीमा किस आधार पर तय की गई है? क्या आप जानते हैं कि भारत के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से उत्थान कैसे होगा? अगर आपके पास इन सवालों का जवाब नहीं है, तो आपको इस वीडियो को जरूर देखना चाहिए।

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज। 

राहुल गांधी ने सोमवार को झारखंड के रांची में शहीद मैदान में एक रैली में भाषण देते हुए कहा कि अगर भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन INDIA केंद्र में सरकार बनाता है, तो वह देश में जाति की जनगणना कराएगा और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देगा। राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत में दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को निचले दर्जे में रखा गया है और उनकी भागीदारी बड़ी कंपनियों, अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और न्यायालयों में कम है। उन्होंने कहा कि यह भारत का सबसे बड़ा सवाल है और उनका पहला कदम देश में जाति की जनगणना करवाना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा प्रावधानों के तहत 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, लेकिन एक INDIA सरकार 50 प्रतिशत की सीमा को फेंक कर बाहर कर देगी। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी का आरक्षण कम नहीं होगा और उन्होंने गारंटी दी कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका हक मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ा मुद्दा है – सामाजिक और आर्थिक अन्याय।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रमण करते हुए कहा कि जब आरक्षण की मांग उठाई गई और ओबीसी, दलित और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो मोदी ने कहा कि यहां कोई जाति नहीं है, सिर्फ अमीर और गरीब हैं। उन्होंने कहा कि जब ओबीसी, दलित, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो मोदी ने कहा कि यहां कोई जाति नहीं है, और जब वोट मांगने का समय आया, तो मोदी ने कहा कि वह एक ओबीसी हैं।

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की सरकार को गिराने की कोशिश की, क्योंकि मुख्यमंत्री एक आदिवासी थे। उन्होंने सभी गठबंधन विधायकों और चम्पाई सोरेन को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा-आरएसएस की साजिश को रोका और गरीबों की सरकार को बचाया।

उन्होंने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह धीरे-धीरे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) को खत्म कर रही है और अपने क्रोनी कैपिटलिज़्म फ्रेंड्स को फायदा पहुंचाने के लिए उनका निजीकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि “नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार धीरे-धीरे पीएसयू को मार रही हैं।  केंद्रीय सरकार चाहती है कि हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड एचईसी लिमिटेड काम न करे, और आने वाले दिनों में वे एचईसी के नाम की जगह अडानी का नाम लगा देंगे। वे इसे निजीकरण करना चाहते हैं। जहां भी मैं जाता हूँ, मुझे पीएसयू के लोगों को हाथ में पोस्टर पकडे देखा हैं। चाहे वह भेल हो, हाल हो, या एचईसी हो, सब को धीरे-धीरे अडानी को सौंपा जा रहा है।”

आगे राहुल गाँधी ने दावा किया कि वह ऐसे निजीकरण को नहीं होने नहीं देंगे और पीएसयू को बचाएंगे।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति है कि देश की संपत्ति देश के लोगों के हाथ में होनी चाहिए, न कि कुछ लोगों के हाथ में। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने भारत जोड़ो न्याय योजना के तहत गरीबों को हर महीने 6000 रुपये की आय देने का वादा किया है, जिससे उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

राहुल गांधी के इस भाषण का प्रतिक्रिया और टिप्पणी विभिन्न दलों से आई है। भाजपा ने उन्हें झूठा और भ्रामक कहा है और कहा है कि वे जाति के आधार पर वोट बांटने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ने कहा है कि जाति की जनगणना और आरक्षण की सीमा हटाने का विचार संवैधानिक नहीं है और इससे देश की एकता और अखंडता को खतरा होगा। भाजपा ने कहा है कि वे आरक्षण को न्यायपूर्ण और समावेशी बनाने के लिए काम कर रहे हैं और उन्होंने हाल ही में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है।

जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के नेताओ ने राहुल गांधी का समर्थन किया है और कहा है कि वे उनके साथ जाति की जनगणना और आरक्षण की सीमा हटाने की मांग में खड़े हैं। उन्होंने कहा है कि यह एक जनहित का मुद्दा है और इससे देश के वंचित और पीड़ित वर्गों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा है कि वे अपनी सरकार को बचाने के लिए एकजुट हैं और भाजपा की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

राहुल गांधी के इस भाषण का प्रभाव और चुनौतियां भी बहुत हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर देश की राय बांटी हुई है और जिसके बारे में विभिन्न विशेषज्ञों, समाजशास्त्रियों, न्यायिक और संवैधानिक विश्लेषकों और राजनीतिक दलों के अलग-अलग विचार हैं। जाति की जनगणना करने का विचार तो पहले से ही विवादास्पद है, लेकिन आरक्षण की सीमा हटाने का विचार तो और भी जटिल है। जिसके पीछे कई कारण हैं, जैसे आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत तक ही रखने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने 1992 में दिया था, जिसे इंद्रा साहनी मामला के नाम से जाना जाता है। इस आदेश में कहा गया था कि आरक्षण का उद्देश्य सिर्फ सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को उठाना है, न कि उन्हें स्थायी रूप से लाभ देना है। इस आदेश में यह भी कहा गया था कि आरक्षण का प्रभाव नियमित रूप से समीक्षा किया जाना चाहिए और आरक्षण की आवश्यकता न होने पर इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए। वैसे इस आदेश के बाद भी कुछ राज्यों ने अपने राज्यों में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से अधिक करने की कोशिश की, जैसे कि तमिलनाडु ने 69 प्रतिशत, राजस्थान ने 68 प्रतिशत, महाराष्ट्र ने 64 प्रतिशत और हरियाणा ने 60 प्रतिशत आरक्षण दिया। इनमें से कुछ राज्यों के आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया, कुछ को निलंबित कर दिया और कुछ को अनुच्छेद 31-बी के तहत राज्य सूची में शामिल कर दिया।

वही आरक्षण की सीमा हटाने का विचार भी कई लोगों और संगठनों द्वारा विरोधित किया जाता है, जैसे कि सवर्ण आरक्षण विरोधी मंच, अखिल भारतीय सवर्ण आयोग, अखिल भारतीय सवर्ण महासभा आदि। इनका कहना है कि आरक्षण की सीमा हटाने से सामाजिक सन्तुलन बिगड़ जाएगा और अधिकांशता के लोगों के साथ अन्याय होगा। इनका मानना है कि आरक्षण को सिर्फ गरीबी के आधार पर दिया जाना चाहिए, न कि जाति के आधार पर।

इसके अलावा आरक्षण की सीमा हटाने का विचार को कई तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि जाति की जनगणना का तरीका, आरक्षण के लाभार्थियों का चयन, आरक्षण के प्रभाव का मापन, आरक्षण के नियमों का पालन, आरक्षण के विरोधी आंदोलनों का निपटारा आदि।

इस प्रकार, राहुल गांधी के इस वादे ने देश में एक नई राजनीतिक और सामाजिक बहस को शुरू कर दिया है, जिसमें विभिन्न पक्षों के अलग-अलग मत और मुद्दे हैं। यह देखना काफी रोचक होगा कि इस वादे का चुनावों में क्या प्रभाव पड़ता है और इसके पूरा होने की कितनी संभावना है।

यह था आज का विशेष कार्यक्रम, आशा है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको इस कार्यक्रम के बारे में कोई सुझाव या टिप्पणी हो, तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। साथ ही अगर आपको हमारा यह प्रोग्राम पसंद आया हो, तो कृपया इस वीडियो को लाइक, शेयर और AIRR न्यूज़ को जरूर सब्सक्राइब करें। आप हमें ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं। 

नमस्कार ,आप देख रहे थे AIRR न्यूज।

Extra : 

राहुल गांधी, आरक्षण, जाति जनगणना, भारत जोड़ो न्याय यात्रा, झारखंड, रांची, दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, निजीकरण, पीएसयू, AIRR न्यूज़,Rahul Gandhi, Reservation, Caste Census, Bharat Jodo Justice Yatra, Jharkhand, Ranchi, Dalit, Tribal, Backward Class, Privatization, PSU, AIRR News

RATE NOW
wpChatIcon