Rahul Gandhi’s ‘Bharat Jodo Nyay Yatra’ Faces Controversy in Assam

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को असम में विवादों का सामना करना पड़ा। यात्रा के चौथे दिन, जब यात्रा असम के जोरहाट शहर में पहुंची, तो वहां पुलिस ने यात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। पुलिस का कहना है कि यात्रा ने अनुमतित मार्ग से हटकर शहर में अव्यवस्था पैदा की। इसके अलावा, असम सरकार ने भी यात्रा को रोकने के लिए कई कदम उठाए। इस विवाद के पीछे क्या है, और इसका राजनीतिक प्रभाव क्या होगा, इस पर हम आपको विस्तार से बताएंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज। 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य है कि देश के लोगों को न्याय और समानता का अधिकार दिलाया जाए। यात्रा का आगाज 14 जनवरी 2024 को मणिपुर के थौबल से हुआ, और यह 20 मार्च 2024 को मुंबई में समाप्त होगी। इस दौरान, यह यात्रा 14 राज्यों और 85 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा के दौरान, राहुल गांधी और उनके साथी लोगों को बसों का इस्तेमाल करना है, लेकिन कुछ दूरी पर वे पैदल भी चलेंगे। यात्रा के दौरान, राहुल गांधी देश की जनता से बातचीत करेंगे, और उनकी समस्याओं और मांगों को सुनेंगे।

आपको बता दे कि यात्रा के चौथे दिन, जब यात्रा असम के जोरहाट शहर में पहुंची, तो वहां पुलिस ने यात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। पुलिस का कहना है कि यात्रा ने अनुमतित मार्ग से हटकर शहर में अव्यवस्था पैदा की। यात्रा को जोरहाट में केबी रोड की तरफ जाने की अनुमति थी, लेकिन यात्रा ने एक अलग मोड़ लिया, जिससे शहर में भीड़ और जाम की स्थिति उत्पन्न हुई। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे पुलिस और यात्रा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।

पुलिस ने यात्रा के मुख्य आयोजक केबी बिजु के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। बिजु ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यात्रा ने कोई नियम नहीं तोड़ा है, बल्कि असम सरकार ने यात्रा को रोकने के लिए अनेक बाधाएं डाली हैं। उन्होंने कहा है कि यात्रा का मकसद है कि देश के लोगों को न्याय और समानता का अधिकार दिलाया जाए, जो कि भाजपा-आरएसएस की सरकारों ने उनसे छीन लिया है। 

इस विवाद के बीच, राहुल गांधी ने भी असम सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि शायद भारत की सबसे भ्रष्ट सरकार असम में चल रही है। उन्होंने असम की जनता से कहा है कि वे भाजपा के झूठ और धोखे को नहीं मानें, और अपने अधिकारों के लिए लड़ें। 

यात्रा के अगले दिन, यात्रा असम के गोलाघाट जिले में पहुंचेगी, जहां राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने अपने न्याय के वादे को दोहराया है, जिसके तहत वे गरीब परिवारों को हर महीने 72,000 रुपये देने का वादा करते हैं। उन्होंने कहा है कि यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देगी, और लोगों को रोजगार और आय का अवसर प्रदान करेगी।

ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य देश के लोगों को न्याय और समानता का अधिकार दिलाना , और भाजपा-आरएसएस की तानाशाही और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना है। यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने देश की जनता से बातचीत की है, और उनकी समस्याओं और मांगों को सुना है। यात्रा के दौरान, यात्रा को कई राज्यों में विभिन्न दलों का समर्थन भी मिला है, जो कांग्रेस के साथ एक साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

वैसे इस यात्रा का राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिलेगा, जब देश में आम चुनाव होंगे। यात्रा के जरिए, कांग्रेस ने अपना एक विकल्प देश के सामने रखा है, जो न्याय, समानता, और विकास के आधार पर है। यात्रा ने भाजपा की नाकामियों, झूठों, और तानाशाही को भी बेनकाब किया है, और लोगों को उनके विरोध में उठने के लिए प्रेरित किया है। इस प्रकार, भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आंदोलन है।

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