From Rags to Riches to Scandal: The Story of Naresh Goyal and Jet Airways
रग्स से रिचेस से स्कैंडल तक: नरेश गोयल और जेट एयरवेज की कहानी
आज हम एक बड़े वित्तीय घोटाले के बारे में चर्चा करेंगे जिसने भारतीय कॉर्पोरेट दुनिया को हिला दिया है।
एक ऐसे व्यक्ति की, जिसने अपनी मेहनत और संघर्ष से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी की स्थापना की। और आज वो कठघरे में कैद है।
जी हां, हम बात कर रहे हैंजेट एयरवेय्स के संस्थापक और अध्यक्ष Naresh Goyal की।
“नरेश गोयल का जीवन एक अद्वितीय कहानी है। 1949 में पंजाब के संगरूर में एक व्यापारी परिवार में पैदा हुआ एक साधारण सा लड़का जिसके पिता की उसके बचपन में ही मुर्त्यु हो गयी जीवन में संधर्ष इतना की पिता की आकस्मिक मौत से परिवार को भारी आर्थिक हानि हुई और उनका घर तक नीलाम हो गया और Naresh Goyal को मजबूरी में अपनी पढाई छटी कक्षा में ही छोड़नी पड़ी , ऐसे में उनकी सहायता में उनके मामा आये और वे अपनी मां के साथ अपने मामा के घर रहने लगे। उसके बाद अपने मामा के कहने से उन्होंने पटियाला के सरकारी बिक्रम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स की स्नातक डिग्री हासिल की।
स्नातक डिग्री मिलने के बाद नरेश गोयल ने नौकरी के लिए काफी कोशिशे की लेकिन उन्हें उनके मुताबिक नौकरी नहीं मिल पायी तब मामा ने उन्हें समझाया की जब तक कही नौकरी नहीं मिलती है तब तक क्यों ना वो उनकी एजेंसी का कार्यभार संभाले , इसके बाद साल 1967 में, उन्होंने अपने मामा के यात्रा एजेंसी, ‘ईस्ट वेस्ट एजेंसी’ में कैशियर के रूप में कार्य करना सुरु कर दिया , बस यही से उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला था सिर्फ 300 रुपए महीना कमाने वाला लड़का ट्रेवल के कारोबार में ऐसा लगा की उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
ऐसा नहीं है की Naresh Goyal ने सीधे अपने मामा की ट्रेवल एजेंसी में ही काम किया था बल्कि उन्हीने लेबनीज इंटरनेशनल एयरलाइंस के जनरल सेल्स एजेंट (GSA) के रूप में भी काम किया था।
1967 से 1974 तक का वो दौर था जब , उन्होंने विदेशी एयरलाइंसों के साथ व्यापार में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने व्यापार के लिए विदेशों में भी यात्रा की।
1969 में, उन्हें इराकी एयरवे ने सार्वजनिक संबंध प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया और 1971 से 1974 तक उन्होंने एलिया, रॉयल जॉर्डेनियन एयरलाइंस के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में काम किया। वे मिडल ईस्ट एयरलाइंस (MEA) के भारतीय कार्यालयों के साथ भी काम किया, जहाँ उन्होंने टिकटिंग, आरक्षण और बिक्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त किया। 1974 में, उन्होंने अपनी मां से 500 पाउंड के साथ खुद की यात्रा एजेंसी ‘जेटएयर’ खोली। इसके बाद साल 1975 में, उन्हें भारत में फिलीपींस एयरलाइंस के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया।
“इसके बाद साल 1993 में, गोयल ने भारत सरकार द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के खुलने का लाभ उठाया और जेट एयरवेज की स्थापना की। जेट एयरवेज ने 5 मई 1993 को वाणिज्यिक कार्यान्वयन शुरू किया।”
उन्होंने इस एजेंसी के माध्यम से एयर फ्रांस, ऑस्ट्रियन एयरलाइन्स और कैथे पैसिफिक जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया और अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने इसे भारत की प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन बनाया था।
Naresh Goyal की कहानी एक सच्ची रैग्ज़ टू रिचेज़ की कहानी है। लेकिन अफ़सोस की आज उनका नाम घोटालेबाज़ों की श्रेणी में रखा जाता है।
“नरेश गोयल ने 25 मार्च 2019 को जेट एयरवेज के बोर्ड से इस्तीफा दिया।”
सितंबर 2019 में, प्रवर्तन निदेशालय ने गोयल से विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए सवाल किए। उन्हें 2020 में ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए निर्धारित और सवाल किए गए।”
“सितंबर 2023 में, गोयल को ईडी ने 8 से 10 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। कैनरा बैंक की शिकायत के आधार पर गोयल के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी।”
2023 में, प्रावधानिक रूप से जेट एयरवेय्स (इंडिया) लिमिटेड, यानी JIL, और इसके संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ मामले में प्रॉपर्टीज़ के रूप में 538.05 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। केंद्रीय एजेंसी ने अपने अभियोग पत्र में बताया कि 5716.34 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि को अपराधिक गतिविधियों के कुल प्राप्तियां माना गया।
ED ने CBI की FIR के आधार पर एनफोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कनारा बैंक द्वारा एक शिकायत के संबंध में 2011-19 के दौरान 538.62 करोड़ रुपये की गलत नुकसान का आरोप लगाया गया था। एजेंसी ने कहा कि वह इस राशि को वर्तमान अभियोग पत्र के उद्देश्य के लिए अपराधिक प्राप्तियों के रूप में सीमित कर रही है।
नरेश गोयल और उनके परिवार की 538 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है इसमें निम्नलिखित संपत्तियां शामिल हैं:17 आवासीय फ्लैट्स, बंगले:और वाणिज्यिक परिसर ये सब सम्पतियां लंदन, दुबई और भारत के विभिन्न शहरों में स्थित हैं. बता दे की ये संपत्तियां जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड और जेट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी विभिन्न कंपनियों, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और बेटे निवान के नाम पर हैं
ED ने धन शोधन अधिनियम, यानी PMLA, के तहत निर्धारित न्यायालय से आगे की जांच में अपराध के “क्रॉस बॉर्डर रैमिफिकेशन” पर आधारित अतिरिक्त या पूरक अभियोग पत्र दाखिल करने की स्वतंत्रता मांगी।
JIL को बंद करने का एक कारण धन का अपहरण था। कंपनी में कई वित्तीय संकटों के बावजूद, निदेशक और अध्यक्ष ने कंपनी में काम करने वाले एक पेशेवर की बार-बार की सलाह को नजरअंदाज किया और अपनी मनमानी और खर्चे करते रहे। कंपनी ने भारत और विदेश में विभिन्न सामान्य बिक्री एजेंटों के प्रति खर्चे किए, जिनमें से कुछ को आय का कोई योगदान नहीं था।
ED ने दावा किया कि JIL, गोयल के तहत, सभी संघ के ऋणों के लिए एक समान तरीका अपनाती थी। इसलिए, SBI और PNB द्वारा नेतृत्व की गई बैंकों के संघ से प्राप्त 5,716.34 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि को JIL और इसके प्रमोटरों द्वारा निर्धारित अपराधों से संबंधित अपराधिक गतिविधियों की कुल प्राप्तियां माना जाता है।
नरेश गोयल वर्तमान में मुंबई केंद्रीय जेल, आर्थर रोड जेल बंद हैं। ED ने दावा किया कि गोयल परिवार ने एक शानदार जीवनशैली अपनाई और JIL से सीधे बड़ी मात्रा में धनराशि प्राप्त की बिना इसमें कुछ योगदान किए।
ED का मामला CBI द्वारा मई में दाखिल की गई FIR के आधार पर दाखिल किया गया था, जिसमें केनरा बैंक द्वारा नवम्बर 2022 में दी गई एक शिकायत के आधार पर एयरलाइन कंपनी के संचालन कार्य के लिए दी गई ऋण राशि का व्यक्तिगत खर्चों के लिए उपयोग किया गया था।
आपने यहाँ तक पूरी वीडियो को देखा इसके लिए आपका धन्यवाद् , इस घोटाले से जुडी अगर आपकी भी कोई जानकारी है या हमरी इस रिपोर्ट में कुछ खामिया आपको लगती है तो इस बारे में कमैंट्स सेक्शन में जरूर बताये ताकि आने वाली किसी भी वीडियो में ऐसी गलतिया न हो या कुछ अतिरिक्त जानकारिया जोड़ी जा सके।
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