Title 02 – Punjab Politics: A Comprehensive Overview
Who is adding ‘tadka’ to the politics of Punjab?
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS…..यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और बंगाल के बाद अगर कोई राज्य इस बार लोकसभा चुनावों को लेकर चर्चा में है…तो वो पंजाब है…पंजाब में इस बार करीब सभी राजनीतिक दल अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरे हैं यानि पंजाब में सभी बड़ी पार्टियां बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही हैं..ऐसे में इस बार पंजाब का लोकसभा चुनाव बेहद ही रोचक होने वाला है…-Punjab Politics
वैसे तो राज्य की कई सीटों पर चौतरफा मुकाबला देखने को मिल सकता है लेकिन असल में पंजाब में इंडिया गठबंधन के ही दो दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के लिए चुनौती बने हुए हैं…सियासी मजबूरियों के चलते पंजाब में जहां एक तरफ इंडिया गठबंधन पूरी तरह से फेल हुआ है…वहीं दूसरी तरफ, राज्य में लंबे समय से अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही बीजेपी और पंजाब की पुरानी पार्टी अकाली दल इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं…ऐसे में अब पंजाब की सियासी जंग कांग्रेस बनाम आम आदमी पार्टी हो गई है…-Punjab Politics
ये तो सब जानते हैं कि पिछले कुछ समय से पंजाब के राजनीतिक हालात और सभी चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल चुके हैं…बात बीते चुनावों की करें तो देश भर में खराब प्रदर्शन के बाद भी पंजाब ही एक ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस ने 13 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी…ये भी किसी से छिपा नहीं है कि कांग्रेस ने इसका श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब में अपने वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ को दिया था…कैप्टन अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं और सुनील जाखड़ ने भी 2022 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था…
पिछले चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर पटियाला से चुनाव जीतने वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी इस बार बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं…वहीं, कांग्रेस के चर्चित चेहरे नवजोत सिंह सिद्धू ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है…उनका इस बार चुनावी कैंपेन से दूर रहना भी कांग्रेस को खल रहा है…कुल मिलाकर इस बार कांग्रेस के पास राज्य में बड़े नेताओं की भारी कमी देखने को मिल रही है….यही हाल आम आदमी पार्टी का भी है…उसके मौजूदा सांसद और कुछ बड़े नेता लोकसभा चुनावों से पहले ही बीजेपी का दामन थाम चुके हैं…दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी भी पंजाब में पार्टी का सिरदर्द बनी हुई है…
मुख्यमंत्री भगवंत मान को छोड़ दें तो पार्टी के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो पंजाब की राजनीति को खासा प्रभावित कर सके…वहीं, पंजाब में बीजेपी को भी बहुत फायदे की उम्मीद नहीं है…भले ही दूसरे दलों से बीजेपी में आए कुछ नेता जीत का दावा कर रहे हों लेकिन किसान आंदोलन और अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ना पार्टी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है…पिछले चुनावों में सरकार की सहयोगी रही अकाली दल के सामने भी इस बार अपने वोट बैंक को बचाने की चुनौती होगी क्योंकि पार्टी भी जानती है कि आम आदमी पार्टी उसके वोट बैंक में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर चुकी है…पंजाब में लड़ रहे सभी सियासी दलों की अपनी-अपनी खूबियां-खामियां और मजबूरियां हैं…ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार लोकसभा चुनावों में पंजाब की पॉलिटिक्स में कौन ‘तड़का’ लगाएगा….राजनीति से जुड़ी ऐसी जानकारी के लिए देखते रहिए AIRR NEWS……..
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