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राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी की भारी हार की भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी विधानसभा चुनाव हार जाएगी क्योंकि वह केवल 51 सीटें ही जीत सकती है। उन्होंने यह भविष्यवाणी 12 मई को, राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले की थी। ऐसे में क्या आप भी मानते है कि प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सही साबित होगी? अगर YSR कांग्रेस हार जाती है, तो इसकी क्या वजहें होंगी? क्या प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी से YSR कांग्रेस के प्रचार अभियान पर कोई असर पड़ेगा? और क्या आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को फायदा होगा? आइये इस मुद्दे को गहराई से समझते है। –prashant kishor election update
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हाल ही में प्रशांत किशोर ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी को 2019 में ऐतिहासिक जनादेश मिला था। लेकिन RTV के एक सर्वेक्षण के अनुसार, YSR कांग्रेस को 67 सीटें मिल सकती हैं, जबकि TDP और भाजपा गठबंधन को 106 सीटें मिल सकती हैं। वही लोकसभा की 25 सीटों के लिए, सर्वेक्षण में TDP को 15 सीटें और YSR कांग्रेस को 8 सीटें मिलने का अनुमान है। हालाँकि आंध्र प्रदेश में कुल 175 विधानसभा सीटें हैं।
आपको बता दे कि 2019 के विधानसभा चुनावों में, YSR कांग्रेस ने 49.95 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 175 में से 151 सीटें जीती थीं और TDP, जिसने 2014 में 102 सीटें जीती थीं, केवल 23 सीटों तक सिमट गई थी।
वैसे ये भी रोचक तथ्य है कि प्रशांत किशोर ने पिछले विधानसभा चुनावों में YSR कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया था और अब उन्होंने आरोप लगाया है कि जगन ने उन लोगों को धोखा दिया है जिन्होंने उनका समर्थन किया था।
प्रशांत किशोर की आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस पार्टी की भारी हार की भविष्यवाणी ऐसे ही नहीं है बल्कि इसके पीछे कई कारण है।
प्रशांत किशोर का तर्क है कि जगन मोहन रेड्डी ने अपने कल्याणकारी कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लोगों की आकांक्षाओं और सपनों की उपेक्षा की है। उन्होंने नौकरियां पैदा करने, शिक्षा में सुधार और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं।
इसके अलावा पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष के अनेक संकेत सामने आये है, जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं ने जगन के नेतृत्व की आलोचना की है। पार्टी के पूर्व सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी ने हाल ही में आरोप लगाया कि जगन पार्टी को “एक व्यक्ति के शो” में बदल रहे हैं।
वही तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन एक मजबूत विपक्ष प्रस्तुत कर रहा है। TDP के पास राज्य में एक मजबूत जनाधार है, और भाजपा केंद्र में सत्ताधारी पार्टी है। गठबंधन YSR कांग्रेस के खिलाफ जनता के असंतोष को भुनाने की कोशिश कर रहा है।
इन कारकों के अलावा, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जगन मोहन रेड्डी 2019 के विधानसभा चुनावों में एक ऐतिहासिक जनादेश पर सत्ता में आए थे। उन्हें 49.95 प्रतिशत वोट मिले थे, जो राज्य में किसी भी पार्टी को मिले वोटों का उच्चतम प्रतिशत था। हालाँकि, यह संभव है कि पिछले पाँच वर्षों में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई हो।
हालाँकि जगन ने अपने आलोचकों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वह पार्टी और राज्य के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा है कि वह अपनी गलतियों से सबक लेंगे और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए काम करेंगे।
हालाँकि, यह स्पष्ट है कि YSR कांग्रेस पार्टी एक गंभीर संकट का सामना कर रही है। पार्टी के भीतर भारी असंतोष है, और जगन का नेतृत्व अब चुनौती में है। यह देखना बाकी है कि पार्टी इस संकट से उबर पाएगी या नहीं और क्या वह 2024 के लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।
इस बीच, TDP और भाजपा गठबंधन राज्य में सत्ता को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। गठबंधन ने कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं और राज्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करने का वादा किया है। यह देखना बाकी है कि गठबंधन जनता के वादों को पूरा करने में सक्षम होगा या नहीं और क्या वह अगले विधानसभा चुनावों में अपनी जीत को बरकरार रख पाएगा।
तो इस तरह हमने जाना कि प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस पार्टी की भारी हार की भविष्यवाणी की है। उनका मानना है कि जगन मोहन रेड्डी ने जनता की आकांक्षाओं की उपेक्षा की है और पार्टी के भीतर असंतोष के संकेत हैं। अब यह देखना बाकी है कि प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सही साबित होती है या नहीं।
नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।