आज हम आपको बताएंगे महाराष्ट्र की राजनीति में उठे तूफान के बारे में, और देश पर इनके भविष्य में प्रभाव को।-Politics of Maharashtra news
लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ajit pawar के नेतृत्व वाली NCP में विद्रोह का माहौल बना हुआ है? और क्या आप जानते हैं कि ajit pawar के करीबी मंत्री और विधायक BJP के साथ गठबंधन करने की तैयारी में हैं? और क्या आप ये भी जानते हैं कि इससे पहले कि लोकसभा चुनावों में सीटों का बंटवारा हो, BJP ajit pawar और एकनाथ सिंदे को दबाव में डालने की कोशिश कर रही है? जिसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी उन्ही कि पार्टी के विधायकों से धमकी मिल रही है? क्या आप जानते हैं कि ये विधायक अपने प्रोजेक्ट फाइलों को मंजूरी न मिलने पर मुख्यमंत्री को शिकायत करने की धमकी दे रहे हैं? क्या आप जानते हैं कि ये विधायक समर्थन वापस लेने की धमकी भी दे रहे हैं, कहते हुए कि ‘आप हमारे कारण मंत्री बने हैं’?-Politics of Maharashtra news
ये सब रोचक और महत्वपूर्ण सवाल है जिनके जवाब हम आपके साथ साझा करेंगे। और आपको बताएंगे कि महाराष्ट्र की राजनीति का इतिहास क्या है, वर्तमान में कौन से दल और नेता किस प्रकार के राजनीतिक खेल खेल रहे हैं, और इनके परिणामों से देश के भविष्य पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।-Politics of Maharashtra news
तो देर किस बात की, आइए शुरू करते हैं ये आज कि खास वीडियो।
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
आइए सबसे पहले जानते हैं महाराष्ट्र की राजनीति का इतिहास।
महाराष्ट्र भारत का एक ऐसा राज्य है, जिसमें विभिन्न जाति, धर्म, भाषा और संस्कृति के लोग रहते हैं। महाराष्ट्र का नाम शिवाजी महाराज के शासनकाल में राज्य के उत्तरी भाग को दिया गया था, जिसे महाराष्ट्र या महाराष्ट्रदेश कहा जाता था। शिवाजी महाराज ने मुगल साम्राज्य के विरुद्ध मराठा साम्राज्य की नींव रखी, जो बाद में पूरे भारत में फैल गया।-Politics of Maharashtra news
महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। भारत की आजादी के बाद, महाराष्ट्र में कांग्रेस की सत्ता स्थापित हुई, और यहां के कई मुख्यमंत्री कांग्रेस के रहे। कांग्रेस के अंतर्गत, महाराष्ट्र में विकास, शिक्षा, कृषि, औद्योगिकरण और सामाजिक न्याय के कई कार्यक्रम चलाए गए। कांग्रेस के नेतृत्व में, महाराष्ट्र ने भारत के सबसे विकसित और समृद्ध राज्यों में से एक का दर्जा पाया।
लेकिन कांग्रेस की सत्ता में भी कुछ दरारें दिखने लगीं। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी की नीतियों और नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई, और अपने अलग दल बना लिए। इनमें से एक दल है शिवसेना, जिसे बाल ठाकरे ने 1966 में मराठी मानुस के हितों के लिए बनाया था।
शिवसेना ने मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत की, और महाराष्ट्र में भी अपना प्रभाव बढ़ाया। शिवसेना ने हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, और आत्मनिर्भरता के नारे लगाए, और कांग्रेस के विरोधी गठबंधन में शामिल हुई।
दूसरा दल था NCP, जिसे 1999 में शरद पवार, पी. ए. संगमा और टी. एन. सेशन ने कांग्रेस से अलग होकर बनाया था। NCP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र में सत्ता पायी, और शरद पवार के बेटे ajit pawar को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। NCP ने कांग्रेस के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी साथ दिया, और उनके नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए। NCP ने आर्थिक विकास, किसानों के हित, और राज्य की आजादी के मुद्दे उठाए।
तीसरा दल था BJP, जिसे 1980 में भारतीय जनसंघ के बदले में बनाया गया था। BJP ने हिंदुत्व, राम मंदिर, और भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर अपना वोट बैंक बनाया, और शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में विपक्ष का किरदार निभाया। BJP ने 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बहुमत पाकर इतिहास रचा, और महाराष्ट्र में भी शिवसेना के साथ सरकार बनाई। BJP के नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिन्होंने राज्य में कई योजनाओं का शुभारंभ किया।
इन तीनों दलों के बीच में महाराष्ट्र की राजनीति में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। इनमें से कुछ हैं:
2014 में, BJP ने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा, और 288 सीटों में से 122 पर जीत हासिल की। शिवसेना ने 63 सीटें जीती, जबकि NCP ने 41 और कांग्रेस ने 42 सीटें जीती। BJP ने शिवसेना को बाद में सरकार में शामिल करने का फैसला किया, लेकिन उनके बीच में कई मुद्दों पर मतभेद रहे।
2019 में, BJP और शिवसेना ने फिर से गठबंधन करके चुनाव लड़ा, और 288 सीटों में से 161 पर जीत हासिल की। BJP ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती, जबकि NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती। लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद का आधा कार्यकाल का दावा किया, जिसे BJP ने मना कर दिया। इससे शिवसेना ने गठबंधन तोड़ दिया, और NCP और कांग्रेस के साथ महाविकास आघाड़ी का गठन किया। शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि NCP के ajit pawar को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
2020 में, कोरोना वायरस के कारण महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले और मौतें दर्ज की गईं। महाविकास आघाड़ी की सरकार ने लॉकडाउन, क्वारंटाइन, टेस्टिंग और ट्रेसिंग के उपायों को लागू किया, लेकिन विरोधी दलों ने उनकी नीतियों और प्रबंधन को आलोचना की। BJP ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने की मांग की, और केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही। लेकिन NCP और कांग्रेस ने शिवसेना का समर्थन किया, और सरकार को बचाया।
इन घटनाओं ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए रुझान और चुनौतियां पैदा की हैं। इनमें से कुछ हैं:
महाराष्ट्र में अब तीन बड़े दल हैं, जो अपने-अपने वोटर बेस को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। BJP ने अपनी हिंदुत्व और विकास वाली नीतियों पर और जोर दिया है, और अपने केंद्रीय नेताओं को राज्य में अक्सर भेजा है। शिवसेना ने अपनी मराठी अस्मिता और आत्मनिर्भरता के नारे को दोहराया है, और अपने राज्य के मुद्दों पर जोर दिया है। NCP ने अपने किसान और गरीब वर्ग के हितों को अग्रसर किया है, और अपने अनुभवी नेता शरद पवार की राजनीतिक हुनर का फायदा उठाया है।
महाराष्ट्र में अब एक अनोखा गठबंधन है, जिसमें शिवसेना, NCP और कांग्रेस शामिल हैं। ये तीनों दल अपनी विचारधारा, राजनीतिक इतिहास और लक्ष्यों में काफी अलग हैं, लेकिन BJP को रोकने के लिए एक साथ आए हैं। इस गठबंधन को महाविकास आघाड़ी के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब है महान विकास मोर्चा। इस गठबंधन को अपने आपसी मतभेदों को सुलझाने और अपने विश्वासी वोटरों को संतुष्ट रखने के लिए कई समझौते करने पड़े हैं। इस गठबंधन का सबसे बड़ा चुनौती है, कि वे अपने विभिन्न विचारधाराओं को कैसे समन्वयित करें, और अपने विरोधियों के आरोपों का कैसे मुकाबला करें।
महाराष्ट्र में अब एक नया राजनीतिक परिदृश्य बन रहा है, जिसमें नए मुद्दे, नए नेता, और नए राजनीतिक संघर्ष देखने को मिल रहे हैं। महाराष्ट्र में अब विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, आरक्षण, धर्म, भाषा, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, और राज्य की आजादी जैसे मुद्दे उभर रहे हैं, जिनका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव पड़ रहा है। महाराष्ट्र में अब नए नेता भी आगे आ रहे हैं, जैसे कि शिवसेना के आदित्य ठाकरे, NCP के रोहित पवार, BJP के विनोद तावड़े, और कांग्रेस के रवीन्द्र वाइकर, जो अपने दलों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। महाराष्ट्र में अब राजनीतिक संघर्ष भी तेज हो रहे हैं।
शिवसेना और BJP के बीच में तीखी तकरार, जिसमें दोनों दल एक-दूसरे की नीतियों, नेतृत्व, और राज्य के मुद्दों पर आक्षेप लगाते हैं।
NCP और BJP के बीच में घमासान, जिसमें दोनों दल एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार, अवैध कारोबार, और राज्य के हितों के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाते हैं।
कांग्रेस और BJP के बीच में ज़बरदस्त टक्कर, जिसमें दोनों दल एक-दूसरे पर केंद्र और राज्य के मुद्दों पर असफल, असमर्थ, और असंवेदनशील होने का इल्ज़ाम देते हैं।
ये सब बातें हमने आपको बताई, ताकि आप महाराष्ट्र की राजनीति के बारे में अधिक जान सकें, और अपने विचार और प्रश्न हमारे साथ साझा कर सकें। हमें उम्मीद है कि आपको ये वीडियो पसंद आया होगा, और आप इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करेंगे। अगर आपके पास कोई सुझाव या प्रतिक्रिया हो, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में लिखें। हम आपके सभी कमेंट्स को पढ़ेंगे, और आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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