Lower 01— AIRR NEWS: Inside Look: Bengal’s Political Evolution- political situation of Bengal
Lower 02 —- Why is Bengal’s Political Situation Changing?
Lower 03—– AIRR NEWS: Decoding Bengal’s Shifting Political Landscape
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS…दौर लोकसभा चुनावों का हो और बात Bengalकी ना हो…ऐसा कैसे हो सकता है…मौजूदा दौर की राजनीति में बनते-बिगड़ते समीकरणों को देखें तो इस बार का लोकसभा चुनाव हर मायने में बेहद ही दिलचस्प होने वाला है…पश्चिम Bengal भी उन राज्यों में से एक है जहां INDIA गठबंधन बिखर गया…कुछ महीनों पहले की बात करें तो टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस के अपने-अपने मुखिया इंडिया गठबंधन के बैनर तले साथ खड़े नज़र आते थे…-political situation of Bengal
विपक्ष की एकजुटता से लगने लगा था कि Bengal में बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है…लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी और दीदी ने इस गठबंधन से खुद को अलग कर लिया…इस सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने लेफ्ट से हाथ मिलाया और अब दोनों पार्टियां मिलकर Bengal में चुनाव लड़ेंगी जबकि टीएमसी ने Bengal की सारी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है…ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी का विजय रथ रोकने के Bengal में जो विपक्षी गठबंधन बनना था…
क्या उसके टूटने से विपक्ष की उम्मीद भी टूट गई है…क्या Bengal में इंडिया गठबंधन के बिखरने से बीजेपी को बड़ा फायदा होगा…या फिर राज्य में अपना आधार खो चुकी कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन सियासी रणभूमि में इस बार कोई बड़ा करिश्मा कर सकता है…तो चलिए इन सारे सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं…टीएमसी को 2014 के लोकसभा चुनावों में कुल 42 सीटों में से 34 और 2019 में 22 सीटें मिली थी हालांकि 2014 की तुलना में 2019 में टीएमसी का वोट प्रतिशत तो बढ़ा था लेकिन फिर भी ममता बनर्जी को 12 सीटों का नुकसान उठाना हुआ था…लेकिन बीते लोकसभा चुनावों में Bengal के अंदर बीजेपी ने सबको हैरान किया था…
2014 में 2 सीटें जीतने के बाद 2019 में बीजेपी का राजनीतिक कद Bengal में एकदम से बढ़ा और पार्टी ने 2019 में 18 सीटें जीतकर ममता दीदी को ये संदेश दे दिया कि…Bengal में आने वाला समय उनके लिए कठिन होने वाला है…पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और लेफ्ट को Bengal की जनता ने सिरे से नकारा…नतीजा ये हुआ कि 2019 में कांग्रेस महज 2 सीटें ही जीत पाई और लेफ्ट का तो खाता भी नहीं खुला…
आंकड़े बताते हैं कि दीदी Bengal की सियासत का वो चेहरा है जिस पर अभी भी Bengal की जनता सबसे ज़्यादा भरोसा और प्यार करती है…भले ही पिछले चुनावों में टीएमसी की सीटें कम हुई हो लेकिन ये भी याद रखना होगा कि ममता बनर्जी की पार्टी को करीब 4 फीसदी वोट स्विंग भी मिला था…पिछले कुछ समय से Bengal के राजनीतिक समीकरण बड़ी तेजी से बदले हैं…
जिसके चलते Bengal में बीजेपी टीएमसी को बराबरी की टक्कर दे रही है…लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में लेफ्ट और कांग्रेस का घटता जनाधार बीजेपी के मज़बूत होने का सबसे बड़ा कारण है…यानि Bengal में लेफ्ट और कांग्रेस की कमजोरी का सीधा फायदा बीजेपी को ही मिल रहा है…ऐसे में इस बार बीजेपी, टीएमसी और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के बीच Bengal में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है…..चुनावों से जुड़ी ऐसी ही खास खबरों के लिए देखते रहिए AIRR NEWS……