Prime Minister Modi’s ‘Prime Minister Suryodaya Scheme’: Solar Energy Systems on Roofs of 1 Crore Homes

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नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज। – pm Suryodaya Scheme

प्रधानमंत्री ने अयोध्या से लौटने के बाद एक X पोस्ट में कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के शुभ अवसर पर उनका संकल्प और मजबूत हुआ है कि भारत के लोगों को अपने घरों की छत पर अपनी सौर ऊर्जा प्रणाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के बिजली के बिल को कम करने के साथ-साथ भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।-pm Suryodaya Scheme

उन्होंने अयोध्या से लौटने के बाद अपने अधिकारियों के साथ इस योजना पर चर्चा करते हुए अपनी कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं। उन्होंने कहा है कि दुनिया भर के भक्त “सूर्यवंशी” भगवान राम के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।-pm Suryodaya Scheme

आपको बता दे कि, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली सौर योजना को 2022 तक 1 गीगावाट (GW) की सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखते हुए शुरू किया था। लेकिन, समय सीमा के नजदीक आते हुए, यह स्पष्ट हो गया कि भारत अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पया। इसलिए, उन्होंने अपना लक्ष्य बढ़ाकर 2022 तक 100 GW की सौर ऊर्जा उत्पादन का निर्णय लिया। इसमें 40 GW की छत पर सौर ऊर्जा शामिल थी।

लेकिन, इस बार भी ये लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया क्योंकि इसे पूरा करने में भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। छत पर सौर ऊर्जा के लिए, उपभोक्ताओं को उचित अनुदान, वित्तीय सहायता, नियमों की सरलता, गुणवत्ता का मानक, और अन्य लाभ प्राप्त करने में कठिनाई हुई। इसके अलावा, बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को भी छत पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत थी।

इसलिए, प्रधानमंत्री ने अब एक नई योजना की घोषणा की है, जिसका नाम है ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’। इस योजना के तहत, 1 करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई जाएगी। इस योजना का उद्देश्य है कि भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बिजली के बिल में कमी लाने में मदद करना है।

ऐसे में हम आस ही कर सकते है कि इस योजना से भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में एक भारी वृद्धि होगी, जो भारत को अपने परिसरीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता करेगी। भारत ने पेरिस समझौते के तहत वायु परिवर्तन को रोकने के लिए अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का वादा किया है। इसके लिए, भारत को 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा की 40 प्रतिशत को नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना होगा।

वैसे इस योजना का एक और परिणाम यह होगा कि भारत के लोगों को अपने घरों में ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता मिलेगी। वे अपनी छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली उत्पन्न कर सकेंगे, और अपनी अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेच सकेंगे। इससे उनका बिजली का खर्च कम होगा, और उन्हें बिजली कटौती या अविश्वसनीय आपूर्ति की चिंता नहीं होगी।

इस योजना से भारत के दूरदराज के और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा, जहां ग्रिड से निरंतर बिजली की आपूर्ति अक्सर एक चुनौती होती है। वे अपनी छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली से अपनी बिजली की जरूरत को पूरा कर सकेंगे, और अपने जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकेंगे।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि , प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद एक ऐतिहासिक और प्रगतिशील योजना की घोषणा की है, जो भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

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