प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक रैली में एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को 400 से ज्यादा, और बीजेपी को 370 से अधिक सीटें मिलेंगी। यह दावा इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को 353, और बीजेपी को 303 सीटें मिली थीं। तो, क्या यह दावा सच हो सकता है? क्या आपको पता है कि उन्होंने वोटरों को इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कौन सा फार्मूला बताया है? और अगर हां, तो इसके लिए क्या करना होगा? इस वीडियो में हम आपको इन सवालों के जवाब देंगे, और आपको बताएंगे कि PM Modi ने वोटरों को कौन सा गणित सिखाया है, जिससे वे अपने मतदान केंद्र पर 370 अतिरिक्त वोट देकर बीजेपी को 370 सीटों का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर सकें। तो, इस वीडियो को देखने के लिए बने रहें हमारे साथ, और जानें इस राजनीतिक गणित के रहस्य को।
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आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में वोटरों को एक आसान सा गणित सिखाया है, जिससे वे अपने मतदान केंद्र पर 370 अतिरिक्त वोट देकर बीजेपी को 370 सीटों का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर सकें। उन्होंने कहा है कि वोटरों को बस ये करना है कि वे अपने मतदान केंद्र पर पिछले तीन चुनावों में बीजेपी को कितने वोट मिले, उसका पता लगाएं, और फिर उसमें से जिस चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट मिले, उसके वोटों में 370 वोट जोड़ दें। अगर वोटरों ने ये किया, तो बीजेपी 370 सीटों के लक्ष्य को पक्का प्राप्त कर लेगी।
सुनने में ये सब कुछ बहुत ही आसान लगता है लेकिन क्या सच में ये सब इतना आसान है? अब, आप सोच रहे होंगे कि ये गणित कैसे काम करेगा? तो, आइए हम आपको बताते हैं कि इस गणित के पीछे का लॉजिक क्या है। आपको पता होगा कि भारत में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं, जिनमें से 272 सीटों का बहुमत है। अगर बीजेपी को 370 सीटें जीतनी हैं, तो इसका मतलब है कि उसे 272 सीटों से 98 सीटें ज्यादा जीतनी हैं। अब, अगर हम मान लें कि भारत में कुल 10 लाख मतदान केंद्र हैं, तो इसका मतलब है कि बीजेपी को हर मतदान केंद्र पर औसतन 10 वोट ज्यादा लाने होंगे। यानी कि अगर बीजेपी को पिछले चुनाव में किसी मतदान केंद्र पर 100 वोट मिले थे, तो इस बार उसे वहां 110 वोट लाने होंगे। और अगर बीजेपी को पिछले चुनाव में किसी मतदान केंद्र पर 200 वोट मिले थे, तो इस बार उसे वहां 210 वोट लाने होंगे। इस तरह, अगर बीजेपी को हर मतदान केंद्र पर 10 वोट ज्यादा मिल गए, तो वह 370 सीटों का लक्ष्य पूरा कर लेगी।
अब, आप ये सोच रहे होंगे कि ये तो बहुत आसान लग रहा है, तो फिर इसमें कौन सी चुनौती है? तो, आपको बता दे की इसमें सबसे बड़ी चुनौती तो जानना है कि बीजेपी को ये 10 वोट ज्यादा लाने के लिए किन-किन राज्यों और क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान देना होगा, और किन-किन राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का सामना करना होगा। आइए हम आपको बताते हैं कि बीजेपी को 370 सीटों के लिए कौन से राज्यों और क्षेत्रों को अपनी प्राथमिकता बनाना होगा, और कौन से राज्यों और क्षेत्रों में उसे अपनी गिरावट को रोकना होगा।
बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण राज्य और क्षेत्र
बीजेपी के लिए 370 सीटों का लक्ष्य हासिल करने के लिए, उसे कुछ राज्यों और क्षेत्रों में अपना प्रदर्शन बेहतर करना होगा, जहां वह पिछले चुनावों में अच्छा नहीं कर पाई थी। जैसे दक्षिण भारत में बीजेपी को अभी भी अपनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि यहां की 130 सीटों में से वह सिर्फ 25 ही जीत पाई थी। इनमें से 25 सीटें भी कर्नाटक से ही आई थीं, जहां बीजेपी ने 28 में से 25 सीटें जीती थीं। तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। इसलिए, बीजेपी को इन राज्यों में अपने साथीदारों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा, और अपने विकास के एजेंडे को जनता के सामने रखना होगा।
वही पूर्वी भारत में बीजेपी को अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी, क्योंकि यहां 143 सीटों में से वह सिर्फ 63 ही जीत पाई थी। इनमें से 18 सीटें बंगाल से, 8 सीटें ओडिशा से, 9 सीटें असम से, 17 सीटें बिहार से, और 11 सीटें झारखंड से आई थीं। बाकी के राज्यों और क्षेत्रों में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। इसलिए, बीजेपी को इन राज्यों में अपने विरोधियों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाना होगा, और अपने केंद्रीय योजनाओं और नीतियों का जनता को लाभ पहुंचाना होगा।
उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को अपनी गिरावट को रोकना होगा, क्योंकि यहां के 80 सीटों में से वह 2019 में 62 ही जीत पाई थी, जो 2014 के मुकाबले 9 सीटें कम थीं। इस बार, बीजेपी को INDIA गठबंधन का सामना करना होगा, जो एक बड़ी वोट बैंक को अपने पास रखता है। इसके अलावा, बीजेपी को अपने अंतर्गत विभाजन को भी दूर करना होगा, जो कुछ विधायकों और नेताओं के विरोध के कारण हुआ है। बीजेपी को उत्तर प्रदेश में अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने के लिए, प्रदेश सरकार के कामों को जनता के सामने रखना होगा, और केंद्रीय नेताओं की ताकत का इस्तेमाल करना होगा।
इनके अलावा, बीजेपी को अपने अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी अपना प्रदर्शन बनाए रखना होगा, जहां वह पिछले चुनावों में अच्छा किया था। जैसे कि मध्य प्रदेश 28, राजस्थान 24, गुजरात 26, महाराष्ट्र 23, हरियाणा 10, हिमाचल प्रदेश 4, दिल्ली 7, लद्दाख, चंडीगढ़ 1, गोवा 1, और दमन और दीव 1, जहां बीजेपी ने ज्यादातर सीटें जीती थीं।
तो, ये थे कुछ राज्य और क्षेत्र, जहां बीजेपी को 370 सीटों के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। लेकिन, ये सब करने के लिए, बीजेपी को अपने विश्वासपात्र नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सहयोग चाहिए। बीजेपी को अपने विचारों, नीतियों और योजनाओं को जनता के बीच प्रचारित करना होगा, और अपने विरोधियों के आरोपों और झूठों का जवाब देना होगा। बीजेपी को अपने विकास के कार्यों को जनता के सामने रखना होगा, और अपने देशभक्ति के भावों को जनता के साथ बांटना होगा।
तो, ये था हमारा आज का वीडियो, जिसमें हमने आपको बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का 370 सीटों का फार्मूला क्या है, और इसके पीछे का गणित कैसा है। हम आशा करते हैं कि आपको ये वीडियो पसंद आया होगा, और आपको इस विषय पर कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर आपको ये वीडियो अच्छा लगा, तो इसे लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें। और अगर आप हमारे चैनल को अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया है, तो जल्दी से सब्सक्राइब करें, और बेल आइकन को दबाएं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में मोदी के 370 सीटों के फार्मूले में और क्या क्या कठिनाइया है उनपर हम अगली वीडियो में बात करेंगे और आपको बताएँगे की कैसे भारत में अलग-अलग धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति और परंपराओं और वर्गों के लोगों को अपनी पहचान, सम्मान और हक की तलाश है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा अल्पसंख्यक, दलित, मजदूर, किसान और बेरोजगार है, जो आज मोदी सरकार के इस लक्ष्य लिए बहुत बड़ी बाधा बन सकते है। तो बने रहिये हमारे साथ। नमस्कार आप देख रहेथे AIRR न्यूज़।
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