मोदी सरकार के विरोध में मुखर हो रही विपक्षी दलों की आवाज एक खास समय पर बुलंद हुई है…जो इंडिया गठबंधन दलों के दो मजबूत नेताओं की गिरफ्तारी के बाद एक मंच से उठी है…क्योंकि 31 जनवरी को ED ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया…लेकिन उससे पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया…जबकि 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार कर लिया…जिसके बाद से ही विपक्षी दलों के EVM के नाम पर धांधली वाले राग के साथ दूसरे आरोप भी शामिल हो गए…जिसमें जांच एजेंसियों का नाम सबसे ऊपर था…-pm modi – ED and CBI on target?
इन गिरफ्तारियों ने विपक्ष को सबसे ज्यादा बेचैन किया है…शायद यही वजह है कि एक मंच पर आने के लिए विपक्ष को मजबूर किया है…जिसको लोकतंत्र बचाओं का नाम दिया गया…लेकिन मोर्चा उन्हीं महिलाओं ने संभाला जिनके अपनों को ED ने गिरफ्तार किया…तो क्या जनता को भरोसा दिलाने में विपक्ष कामयाब हो रहा है कि सरकार जो कर रही है वो सही नहीं कर रही है? क्योंकि लोकतंत्र बचाओ रैली में प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर रावण के बहाने जोरदार प्रहार किया…-pm modi – ED and CBI on target?
जैसा प्रहार प्रियंका गांधी की तरफ सत्ता पर दिखाई दिया वैसा ही जोरदार हमला पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी किया…-pm modi – ED and CBI on target?
वैसे जब विपक्ष की तरफ से आरोप लग रहे हैं कि सरकार सिर्फ वादा करती है…लोगों को सपने दिखाती है और फिर भूल जाती है…तब सरकार की तरफ से भरोसा दिलाने की कोशिश हो रही है कि हमने जो कहा वो करके दिखाया…
केंद्र सरकार के इन दावों के बीच कांग्रेस पार्टी लगातार लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है…बेरोजगारी, किसानों और महंगाई पर सरकार को घेर रही है…इसीलिए वो कह रही है कि अगर सत्ता को चुनौती देनी है तो ठोंक कर वोट करना होगा…विपक्ष की ओर से केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए हुंकार भरी जा रही है…ऐसे में एक तरफ विपक्षी दल खड़े दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी तरफ सत्ताधारी दल भी अपने सहयोगियों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहा है…
वैसे सत्ता पक्ष विकास को मुद्दा बनाकर विपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा कर देता है…लेकिन विपक्षी दल अपने खेमे के दो मुख्यमंत्रियों के जेल में जाने के बाद सीधे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आर-पार की जंग छेड़ दी है…
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने मेरठ की रैली से हुंकार भरी तो दूसरी तरफ दिल्ली में लोकतंत्र बचाओ रैली से सुनीता केजरीवाल ने मोर्चा संभाल लिया था…उन्होंने पूछा कि क्या केजरीवाल को गिरफ्तार करना सही है? जिसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अंदाज में दिया…
अब ये जंग सियासत के अखाड़े पर लड़ी जा रही है…विपक्ष एक तरफ जनता के बीच सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को अपने चुनाव प्रचार का हिस्सा बना रखा है…मतलब साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की बात कर रहे हैं…तो दूसरी तरफ राहुल गांधी साफ कह रहे हैं ये कार्रवाई सिर्फ विपक्ष को आउट करने की साजिश है…
PM के खिलाफ मोर्चा उन्हीं महिलाओं ने संभाला जिनके अपनों को ED ने गिरफ्तार किया
क्या जांच एजेंसियों पर आरोप विपक्ष की नैया पार लगाएगा?
चुनाव से पहले विपक्ष के निशाने पर क्यों है ED और CBI?