मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एमबीबीएस डॉक्टर के खिलाफ, PIL file हुई है , जिसमें उनके द्वारा यह याचिका दर्ज की गई है कि प्राइवेट अस्पताल में सी सेक्शन करने का राइट एमबीबीएस डॉक्टर को कैसे दिया जा रहा है ? –PIL against doctors
Airr न्यूज़ की तरफ से आज की खास पेशकश||
यह PIL File जबलपुर के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में की गई है , जिसने एक बहुत संदिग्ध बात पर रोशनी डालते हुए यह साफ किया है कि किस प्रकार एक अनक्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर ,आजकल, सिजेरियन या फिर, आप यू कहें कि सी सेक्शन डिलिवरी को परफॉर्म कर रहे हैं, और किस तरह यह प्राइवेट अस्पताल अपने मरीजों की जान की चिंता ना करते हुए बस पैसे पर ध्यान देकर किसी भी डॉक्टर से सी सेक्शन करवा Rahe है , इसी पर विजय बजाज और उनके वकील आदित्य इस मुद्दे पर एक जांच की मांग की है , आखिर क्या वजह है कि Under क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर या फिर आप यह भी कह सकते हैं कि एक एमबीबीएस डॉक्टर को यह राइट किसने दे दिया कि वह सी सेक्शन डिलीवरी कर सके क्योंकि सी सेक्शन कंडक्ट करने का राइट सिर्फ एक क्वालिफाइड गाइनेकोलॉजिस्ट को ही है, इस PIL में , जिला कलेक्टर की याचिका भी दर्ज है जिसके मुताबिक करीबन 100 सी सेक्शन (procedures)प्रोसीजर्स एमबीबीएस डॉक्टर के द्वारा प्राइवेट अस्पताल में किए जा रहे हैं ।-PIL against doctors
इस कंप्लेंट के मुड़ापक यह जितने भी सी सेक्शन किए गए हैं यह सभी किसी एक ही अस्पताल से किए गए हैं जो की Harda में स्थित है इसके ऊपर एडवोकेट आदित्य सिंह ने अपने spast शब्दों में यह भी बताया कि यह सिर्फ एक अस्पताल का इनफॉरमेशन hai , इस राज्य में ऐसे और भी हॉस्पिटल है जो कि इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं । तो इस PIL के जरिए, वह एक डिटेल रिपोर्ट चाहते हैं सभी प्राइवेट अस्पताल में की, वहां पर कितने गाइनेकोलॉजिस्ट एम्पलाई हैं और उन्होंने कितने महीने या कितने साल में कितने सी –सेक्शन ऑपरेशंस को अंजाम दिया है या फिर कितने नेचुरल बर्थ को अंजाम दिया है। –PIL against doctors
अब आपको यह भी बता दे की मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के द्वारा यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सी सेक्शन या किसी प्रकार की महिला संबंधित बीमारियों में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर या सर्जन ऑपरेशन नहीं कर सकता है , सिर्फ एक स्पेशलाइज्ड गाइनेकोलॉजिस्ट ही किसी तरीके की सर्जरी यह इलाज परफॉर्म कर सकती है, वेल क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर तभी सर्जरी कर सकता है जबकि एक एमरजैंसी सिचुएशन अकर हो जाए और वह एमरजैंसी सिचुएशन कुछ इस प्रकार हो कि उसे वक्त तभी सर्जरी कर सकता है जबकि एक एमरजैंसी सिचुएशन अकर हो जाए और वह एमरजैंसी सिचुएशन कुछ इस प्रकार हो कि उसे वक्त गाइनेकोलॉजिस्ट का प्रेजेंट या अवेलेबल होना पॉसिबल ना हो और ऑपरेशन बिल्कुल अनिवार्य हो जाए तो ही एक एमबीबीएस डॉक्टर या सर्जन इस ऑपरेशन को परफॉर्म कर सकता है । –PIL against doctors
अस्पताल और डॉक्टर जो एक वक्त पर भगवान हुआ करते थे वह आज पैसों के लिए कुछ भी कर रहे हैं, अनियमित व्यवहार कर रहे हैं
ऐसे केसेस के लिए कुछ उपाय हैं जो की किया जा सकते हैं और वह उपाय कुछ इस प्रकार हैं :–
इस पर राज्य के सरकार द्वारा और पदाधिकारी द्वारा सभी निजी अस्पतालों की सख्त मॉनिटरिंग और कड़े नियम की आवश्यकता है ताकि मेडिकल मानकों का पालन हो सके ,स्वस्थ स्वास्थ्य पदाधिकारी द्वारा नियमित मोना और इंस्पेक्शन किया जाना चाहिए ताकि इन नियमों का पालन किया जा सके।
जब भी हम किसी व्यक्ति को अस्पताल या डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले तो हमारे दर का फायदा उठाकर हमारे कम नॉलेज का फायदा उठाकर कई बार जिस चीज में ऑपरेशन की जरूरत नहीं भी होती है उसमें ऑपरेशन करवा डालते हैं, कई बार जब नॉर्मल डिलीवरी हो भी सकती है फिर भी एक ऐसी सिचुएशन क्रिएट करते हैं जिसमें सी सेक्शन करना ही पड़े , तो इसके लिए हम लोगों को सबसे पहले तो जागरुक होना होगा समझना होगा कि कौन से डॉक्टर कौन सा ऑपरेशन और कौन सा इलाज कर सकते हैं और कौन से ऑपरेशन की सच में जरूरत है उसके लिए कई बार हमें दो से तीनडॉक्टर की कंसल्टेंसी कई बार लेनी चाहिए ताकि कुछ भी करने से पहले क्लियर पिक्चर सामने हो ।
और जो भी डॉक्टर ऐसी कुछ प्रेक्टिस या ऐसी अनइवन और सामाजिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि कानून के द्वारा लिखी गई प्रणालियों में ऐसे प्रैक्टिस के ऊपर जुर्माना लाइसेंस का सस्पेंशन और अन्य उचित दंड शामिल है ,
गाइनेकोलॉजिकल एक्टिविटीज में एक एमबीबीएस की जरूरत ना पड़े इसके लिए योग्य गाइनेकोलॉजिस्ट की संख्या बढ़ाने और क्षेत्र में उनकी पहुंच को सुधारने का प्रयास होना चाहिए खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य संस्थान समान स्तर पर nhi hai और अस्पतालों को अपनी चिकित्सा कर्मियो की योग्यता के बारे में पारदर्शी होना चाहिए ताकि मरीजों को उनके द्वारा उपचार किए जाने वाले डॉक्टरके बारे में जानकारी हो । यह PIL इन महत्वपूर्ण मुद्दों को सम्मिलित करने का एक कदम है, लेकिन सफल समाधान के लिए सभी स्थानीय निर्णायक—सरकार, चिकित्सा पेशेवर, और जनता—को सहयोग करने की आवश्यकता है।
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