PFI: The Story of a Controversial Organization

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PFI: The Story of a Controversial Organization

पीएफआई: एक विवादास्पद संगठन की कहानी

नमस्कार,

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को बैन संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पांच नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की हिरासत में छह दिन के लिए भेज दिया है। ये पांच आरोपी पहले एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए थे और जेल में बंद थे। ये पांच आरोपी हैं – ई.एम.अब्दुल रहमान, अनीस अहमद, अफसर पाशा, ए.एस.इस्माइल और मोहम्मद शकीफ।

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि ये पांच आरोपी अपराध के साथजुडी प्रक्रियाओं और गतिविधियों के बारे में जानते थे और इसलिए उन्हें प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट PMLA की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने यह भी बताया है कि ये पांच आरोपी PFI के अहम पदों पर कार्यरत थे और इसके बैंक खातों पर नियंत्रण रखते थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि ये आरोपी भारत और विदेश में अपराध के लाभ को छुपाने, अधिग्रहण करने और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने में शामिल थे।

आपको बता दे कि PFI एक इस्लामी संगठन है, जिसका गठन 2006 में कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के कुछ स्थानीय संगठनों के एक साथ मिलने से हुआ था। इसका दावा है कि यह भारत के संविधान के तहत मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा करता है। लेकिन इस पर आतंकवाद, हिंसा, हत्या, हाथ काटने और धर्मांतरण के आरोप भी लगते आये हैं।

काफी सालो से इसके खिलाफ कई राज्यों में एनआईए, ईडी और पुलिस द्वारा जांच चल रही है। एनआईए ने बताया है कि 2010-11 से अब तक इसके 46 कार्यकर्ताओं को दोषी पाया गया है और 355 को विभिन्न आतंकवाद से जुड़े आरोपों के तहत चार्जशीट दायर की गई है।

इसका पहला केस 2015 में हुआ, जब एक विशेष अदालत ने 13 लोगों को एक प्रोफेसर के हाथ काटने के मामले में दोषी पाया था। इस मामले में PFI के नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।

इसके अलावा, PFI के कार्यकर्ताओं को केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, असम और दिल्ली में विभिन्न हत्या, हिंसा और दंगा के मामलों में शामिल होने का आरोप है।

ईडी ने इस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है और कहा है कि इसने भारत और विदेश में बैंक खातों में पैसा जमा करवाया है। ईडी ने इसके 23 बैंक खातों को जब्त कर लिया है, जिनमें से कुछ खातों में 30 करोड़ रुपये से अधिक का नकदी जमा किया गया था। ईडी ने यह भी बताया है कि PFI ने अपने समर्थकों और अन्य व्यक्तियों के बैंक खातों में विदेशी चंदे को जमा करवाया है, जो आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया है।

ईडी ने इस मामले में अब तक दो PFI के नेताओं को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम हैं अब्दुल रज़ाक बीपी और अशरफ एमके। उन्हें लखनऊ की एक विशेष अदालत में पेश किया गया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि ये दोनों PFI के लिए 22 करोड़ रुपये से अधिक का धन इकट्ठा करने में शामिल थे।

इसपर पीएफआई ने ईडी और एनआईए के आरोपों को झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। इसने कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक और सामाजिक संगठन है, जो भारत के संविधान के तहत काम करता है। इसने अपने सदस्यों को हिंसा और आतंकवाद से दूर रहने की सलाह दी है। इसने अपने वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी और वैध बताया है। इसने अपने विरोधियों पर झूठे आरोप लगाने और इसके बैन की मांग करने का विरोध किया है।

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