सियासी जंग के बीच जमकर मशहूर हुई पप्पू की प्रेम कहानी

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जितना दिलचस्प pappu yadav का आपराधिक और सियासी सफर रहा है उतनी ही दिलचस्प pappu yadav ki love story भी है…पप्पू का दिल जिस रंजीता रंजन के लिए धड़कता है…उनके साथ ये पप्पू की लव स्टोरी भी उतनी ही खास है…ये प्रेम कहानी साल 1991 में पनपती है…3 साल परवान चढ़ती है…और फिर 1994 में जाकर pappu yadav की प्रेम कहानी को मुकाम मिलता है… 

1991 में pappu yadav पटना की जेल में बंद थे…वे अक्सर जेल सुपरिटेडेंट के आवास से सटे मैदान में लड़कों को खेलते देखा करते थे…इन्हीं लड़कों में एक लड़का था विक्‍की…पप्‍पू की विक्की से नजदीकियां बढ़ गईं…फिर एक दिन पप्पू ने उसके फैमिली एलबम में रंजीत कौर की टेनिस खेलती तस्‍वीर देखी…यही तस्वीर pappu yadav की पहली नजर में प्यार बन गया.. 

इसके बाद जब जेल से छूटे तो रंजीत को देखने अक्सर वहां चले जाते थे…जहां वे टेनिस खेलतीं थीं… पप्पू ने पहली बार रंजीत कौर को पटना क्लब में देखा था…लेकिन रंजीत को ये पंसद नहीं था…कुछ दिनों बाद वो चंडीगढ़ चली गईं…

रंजीत के पिता सेना से रिटायर होने के बाद गुरुद्वारे में ग्रंथी हो गए थे…अब पप्पू ने रंजीत को फॉलो करने के लिए पटना से चंडीगढ़ तक के चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे…ये सिलसिला करीब तीन साल तक चलता रहा…दो साल तक तो रंजीत को इसका पता तक नहीं चला…जब इस दीवानगी का पता चला तो रंजीत ने कड़े शब्दों में मना किया लेकिन पप्पू कहां मानने वाले थे…नहीं मानने पर रंजीत ने समझाया कि वे सिख हैं और पप्पू हिंदू, इसलिए परिवार वाले उनकी शादी के लिए राजी नहीं होंगे…रंजीत के माता पिता इस शादी के खिलाफ थे…लेकिन पप्पू ने हार नहीं मानी…

पप्पू अब रंजीत के बहन-बहनोई को मनाने चंडीगढ़ जा पहुंचे…इसी बीच राजनीति में मुकाम बना चुके पप्पू को पता चला कि कांग्रेस नेता एसएस अहलूवालिया की बात रंजीत का परिवार नहीं टाल सकता है…फिर क्या था पप्पू ने दिल्ली जाकर अहलूवालिया से मदद की गुहार लगाई…उन्‍होंने मदद भी की…प्यार को पाने की इस कोशिश का क्‍लाइमेक्‍स तब आया जब हताशा में पप्‍पू ने नींद की ढेरों गोलियां खा लीं…

हालत बिगड़ी तो इलाज के लिए उन्‍हें पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया…इस घटना के बाद उनके प्रति रंजीत का व्यवहार कुछ नरम हुआ…ये घटना इस प्रेम कहानी का टर्निंग प्‍वाइंट था…रंजीत के पप्पू को लेकर सॉफ्ट होने के बाद उनके माता-पिता भी मान गए…फिर देानों की शादी पूर्णिया के गुरुद्वारे में होनी तय की गई…लेकिन दूल्हा बने पप्पू के हाथ पैर उस वक्त फूल गए जब शादी के लिए दुल्‍हन रंजीत और उनके परिवार को लेकर आ रहा चार्टर्ड विमान रास्ते में ही भटक गया…हंगामा मच गया…आखिरकार जब विमान पहुंचा तो सबों ने राहत की सांस ली… फरवरी 1994 में पप्‍पू और रंजीत की शादी के हुई…इस शादी में चौधरी देवीलाल, लालू प्रसाद यादव, डीपी यादव और राज बब्बर सहित अनेक गणमान्‍य लोग शामिल हुए थे…

पप्‍पू और रंजीत रंजन बिहार की पहली जोड़ी है…जिन्होंने एक साथ संसद में एंट्री ली…आज pappu yadav कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं…तो पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस की पूर्व सांसद रहीं हैं…दोनों के एक बेटा सार्थक रंजन और एक बेटी प्रकृति रंजन हैं… 

आपराधिक और सियासी सफर की तरह pappu yadav ki love story भी दिलचस्प है

  क्या अपनी प्रेम कहानी की तरह pappu yadav को सियासत में भी एक बार सफलता मिलेगी?

 सियासी सफलता के लिए इस बार pappu yadav को क्या करना चाहिए?

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