लोकसभा चुनावों के बाद अब सभी राजनीतिक दलों की नजरें उपचुनावों पर हैं। उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा उपचुनावों को लेकर हलचल मची हुई है। इस कड़ी में प्रयागराज में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि AIMIM के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी और अपना दल कमेरावादी की मुखिया पल्लवी पटेल के गठबंधन वाले मोर्चे की बैठक हुई है। इस बैठक में यह ऐलान हुआ कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सभी 10 सीटों पर वे उपचुनाव लड़ेंगे। यह गठबंधन यूपी की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गठबंधन सपा और कांग्रेस के लिए वोटकटवा साबित होगा? क्या यह गठबंधन बीजेपी को भी नुकसान पहुंचा सकता है? इस वीडियो में हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।-Pallavi Patel‘s Alliance news
ओवैसी और पल्लवी पटेल का गठबंधन, जिसे पीडीएम मोर्चा कहा जा रहा है, उत्तर प्रदेश की सभी 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। यह गठबंधन मुख्य रूप से मुस्लिम और दलित वोटर्स को लक्ष्य बना रहा है। ओवैसी का लक्ष्य मुस्लिम वोटर्स हैं, जबकि पल्लवी पटेल का ध्यान दलित और पिछड़ा वर्ग के वोटर्स पर है। इस गठबंधन का मकसद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के वोट बैंक को काटना है।-Pallavi Patel‘s Alliance news
ओवैसी की नजर पिछले कई चुनावों से यूपी के मुस्लिम वोटर्स पर रही है। यूपी में मुस्लिम वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा सपा को जाता है, इसलिए ओवैसी बार-बार अखिलेश यादव पर हमलावर रहते हैं। पल्लवी पटेल ने दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को रिझाने का जिम्मा उठाया है। अब देखना होगा कि यह गठबंधन किसको फायदा और किसको नुकसान पहुंचा सकता है।-Pallavi Patel‘s Alliance news
वैसे लोकसभा चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव ने पीडीए मतलब पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक की बात की थी। इसी को काट बनाकर पल्लवी पटेल और ओवैसी ने पीडीएम मोर्चा खड़ा किया है। इसमें ‘M’ का मतलब मुस्लिम ही है, न कि अगड़ा अथवा अल्पसंख्यक।
अब ऐसे में क्या ओवैसी बीजेपी को भी नुकसान पहुंचाएंगे? राजनीतिक एक्सपर्ट्स इस पर ज्यादा जोर नहीं डाल रहे हैं क्योंकि बीजेपी अपने कोर वोटर्स से वाकिफ है। एक तरफ अखिलेश यादव के लिए यह साबित करने का मौका है कि यूपी में अब हवा बदल चुकी है, तो वहीं बीजेपी योगी मॉडल के भरोसे है। हालांकि संगठन ने तैयारी शुरू कर दी है और पैनी नजर बनी हुई है।-Pallavi Patel‘s Alliance news
बाकि लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी विधानसभा उपचुनाव में भी पीडीए फॉर्मूला लागू कर उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सपा इस खास रणनीति से यूपी में भविष्य की राजनीति में खुद को मजबूत करने की फिराक में है।
उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वे हैं: मैनपुरी की करहल, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकर नगर की कटेहरी, संभल की कुंदरकी, गाजियाबाद, अलीगढ़ की खैर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और सीसामऊ।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में गठबंधन और टूटन की घटनाएँ नई नहीं हैं। पहले भी विभिन्न दलों ने गठबंधन बनाए और तोड़े हैं। यह राज्य की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
लेकिन वर्तमान में, ओवैसी और पल्लवी पटेल का गठबंधन सपा और कांग्रेस के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। मुस्लिम और दलित वोटर्स पर नजर रखने वाले इस गठबंधन से सपा और कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान हो सकता है।
बाकि अगर यह गठबंधन सफल होता है, तो यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे सपा और कांग्रेस को अपने रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। बीजेपी को भी अपनी रणनीतियों को मजबूत करना होगा।
तो इस तरह ओवैसी और पल्लवी पटेल का गठबंधन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह गठबंधन सपा और कांग्रेस के लिए वोटकटवा साबित हो सकता है और बीजेपी को भी कुछ हद तक नुकसान पहुंचा सकता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, जिससे भविष्य की राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है।
नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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